टोक्यो ओलंपिक: भारतीय मुक्केबाजी दल से जुड़ी अहम बातें

अगले हफ्ते से शुरु हो रहे टोक्यो ओलंपिक में कुल नौ भारतीय मुक्केबाज हिस्सा लेने वाले हैं। इस बार भारतीय मुक्केबाजों से पदक जीतने की उम्मीदें काफी अधिक हैं। 2016 में भारतीय मुक्केबाजी दल का प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा था और वे बिना किसी पदक के ही लौटे थे। भारतीय मुक्केबाजों का सफर 24 जुलाई से शुरु होगा। इससे पहले आइए जानते हैं भारतीय मुक्केबाजी दल से जुड़ी अहम बातें।
38 साल की महिला मुक्केबाज मैरी कॉम दूसरी बार ओलंपिक पदक जीतने की कोशिश करेंगी। छह बार की विश्व चैंपियन 51 किलोग्राम भारवर्ग में हिस्सा लेने वाली हैं। मैरी ने भारत के लिए कुल 19 पदक जीते हैं जिसमें 13 स्वर्ण, तीन रजत और तीन कांस्य पदक शामिल हैं। अम्मान में ओलंपिक क्वालीफाइंग इवेंट के दौरान उन्होंने अपनी जगह पक्की की थी। यह उनका आखिरी ओलंपिक होगा।
60 किलोग्राम भारवर्ग में हिस्सा लेने जा रहीं सिमरनजीत कौर से भी दमदार फाइट की उम्मीद की जा रही है। 2018 वर्ल्ड चैंपियनशिप में उन्होंने कांस्य पदक जीता था और वह एशियन चैंपियनशिप में भी दो पदक हासिल कर चुकी हैं। एशियन बॉक्सिंग ओलंपिक क्वालीफायर्स में उन्होंने 57-60 किलोग्राम भारवर्ग का फाइनल मैच गंवाया था और रजत पदक से संतोष करते हुए ओलंपिक का टिकट हासिल किया था।
75 किलोग्राम भारवर्ग में पूजा रानी हिस्सा लेंगी और कठिन सफर तय करने के बाद वह अपनी उपस्थिति महसूस कराना चाहेंगी। वह 75 किलोग्राम भारवर्ग के लिए क्वालीफाई करने वाली पहली भारतीय हैं। 2017 में उन्हें कंधे में गंभीर चोट लगी थी।
52 किलोग्राम भारवर्ग में हिस्सा लेने जा रहे अमित पंघाल से पदक जीतने की उम्मीदें काफी अधिक हैं। टोक्यो 2020 ओलंपिक में वह अपने वर्ग में सर्वश्रेष्ठ रैंकिंग वाले मुक्केबाज हैं। पहली बार ओलंपिक का हिस्सा बनने जा रहे पंघाल ने भारत के लिए अब तक बड़े टूर्नामेंट्स में छह पदक जीते हैं। उन्होंने अपने खेल को निखारने के लिए कड़ी मेहनत की है और पदक हासिल करने के लिए बेताब हैं।
लवलीना बोर्गोहैन भारतीय महिला मुक्केबाजी टीम में सबसे कम उम्र की प्रतिभागी हैं। 23 वर्षीया मुक्केबाज 69 किलोग्राम भारवर्ग में हिस्सा लेने वाली हैं। कोरोना के कारण उन्हें ओलंपिक की तैयारी करने में मुश्किल हुई हैं।
मनीष कौशिक भी पहली बार ओलंपिक में हिस्सा लेने जा रहे हैं। 2018 कॉमनवेल्थ गेम्स और 2019 वर्ल्ड चैंपियनशिप में कौशिक ने काफी प्रभावित किया था। भिवानी से आने वाले 25 वर्षीय कौशिक 2020 में चोट के कारण लगभग दस महीने तक बाहर रहे थे। टोक्यो ओलंपिक का एक साल के लिए स्थगित होना उनके लिए वरदान साबित हुआ है। अपने खेल पर काम करके वह ओलंपिक में अच्छा प्रदर्शन करना चाहेंगे।
दो बार ओलंपिक में हिस्सा ले चुके विकास कृष्णनन अनुभवी मुक्केबाज हैं। 69 किलोग्राम भारवर्ग में हिस्सा लेने वाले विकास अपने अनुभव से साथी खिलाड़ियों की मदद करना चाहेंगे। विजेंद्र सिंह के बाद वह लगातार तीन ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाले केवल दूसरे भारतीय मुक्केबाज हैं। हिमांचल प्रदेश के आशीष कुमार इस साल कोविड से लड़ाई लड़कर आए हैं। सतीश कुमार (+91 किलोग्राम) ओलंपिक में जाने वाले भारत के पहले सुपर हैवीवेट मुक्केबाज हैं।