#NewsBytesExplainer: विश्व क्रिकेट में सबसे बदकिस्मत टीम है दक्षिण अफ्रीका, जानिए कैसे लगा चोकर्स का ठप्पा
क्या है खबर?
दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट टीम को दुनिया की सबसे मजबूत और सबसे कमजोर दोनों टीम कहना गलत नहीं होगा।
टीम के पास ऐसे-ऐसे खिलाड़ी रहे हैं, जो अकेले अपने दम पर किसी भी मैच को पलट सकते थे।
हालांकि, बड़े-बड़े टूर्नामेंट में जीता हुआ मैच हारने के बाद टूर्नामेंट से बाहर होने का भी दक्षिण अफ्रीका का एक लंबा इतिहास रहा है।
इसलिए उन्हें सबसे बदकिस्मत टीम और चोकर्स भी कहा जाता है।
आइए टीम के इसी इतिहास को समझते हैं।
मतलब
सबसे पहले जानते हैं क्या होता चोकर्स का मतलब?
चोकर्स शब्द चोक शब्द से आया है। इसका मतलब होता है कि अहम मौकों पर अटक जाना या फिर रुक जाना।
दक्षिण अफ्रीका की टीम का इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) द्वारा आयोजित किए गए बड़े-बड़े टूर्नामेंट के नॉकआउट मुकाबलों में पूरी तरह से बिखर जाने का एक लंबा इतिहास रहा है।
टूर्नामेंट से पहले टीम ऐसे खेलती है जैसे लगता है कि दुनिया की कोई भी टीम इन्हें हरा नहीं पाएगी, लेकिन अहम मौकों पर वह चोक कर जाते हैं।
इतिहास
कैसा रहा है दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट टीम का इतिहास?
दक्षिण अफ्रीका को टेस्ट टीम का दर्जा तो साल 1909 में ही मिल गया था, लेकिन रंगभेद नीति के कारण दुनिया ने इस देश से दूरी बना ली थी।
दक्षिण अफ्रीका की सरकार ने ऐसे नियम बनाये थे, जिससे ICC ने उन पर प्रतिबंध लगा दिया था।
नियमों के अनुसार उनकी टीम को केवल श्वेत देशों (ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और न्यूजीलैंड) के साथ ही खेलने की अनुमति थी। यह भी शर्त थी कि विपक्षी टीम में भी श्वेत खिलाड़ी ही खेलेंगे।
जानकारी
कब हुई दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट टीम की वापसी?
रंगभेद नीति के कारण दक्षिण अफ्रीका 21 साल (1970 से 1991) तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से दूर रहा। उसके बाद भारत के सहयोग से टीम की वापसी हुई और 1991 में टीम सबसे पहले भारत के दौरे पर आई। क्लाइव राइस वापसी टीम के कप्तान थे।
विश्व कप
वनडे विश्व कप 1992 में ऐसे बाहर हुई थी टीम
क्रिकेट में वापसी के बाद दक्षिण अफ्रीका लगातार बेहतर कर रही थी। 1992 में टीम पहली बार विश्व कप खेलने उतरी और सेमीफाइनल तक का सफर तय किया।
इंग्लैंड के खिलाफ टीम को जीत के लिए 13 गेंद में 22 रन चाहिए थे, लेकिन इस दौरान बारिश आ गई।
उस समय 'मोस्ट प्रोडक्टिव ओवर्स' रेन रूल लागू था। ऐसे में दक्षिण अफ्रीका को 1 गेंद में 21 रन का लक्ष्य मिला और वह मुकाबला हारकर टूर्नामेंट से बाहर हो गए।
बाहर
1996 के वनडे विश्व कप में क्या हुआ?
साल 1996 के विश्व कप में दक्षिण अफ्रीका ने एक बार फिर शानदार शुरुआत की थी। टीम ने ग्रुप स्टेज के सभी 5 मुकाबले जीते और क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई।
नॉकआउट स्टेज में उनका सामना वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम से था।
इस बार मुकाबले में बारिश ने खलल नहीं डाला। एक समय लग रहा था कि यह टीम विश्व कप आराम से जीत जाएगी, लेकिन वेस्टइंडीज के हाथों 19 रन से हार झेलकर वह फिर टूर्नामेंट से बाहर हो गई।
चोकर्स
पहली बार जब दक्षिण अफ्रीका को बुलाया गया चोकर्स
साल 1999 के विश्व कप में पहली बार दक्षिण अफ्रीका को चोकर्स नाम दिया गया था।
सेमीफाइनल में उसका मुकाबला ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम से था।
ऑस्ट्रेलिया ने 213 रन बनाए और जवाब में प्रोटियाज को आखिरी ओवर में 9 रन चाहिए थे। लांस क्लूजनर ने 2 चौके जड़कर मैच टाई करा दिया, लेकिन फिर एलन डोनाल्ड रन आउट हो गए।
सुपर- 6 में ऑस्ट्रेलिया ने दक्षिण अफ्रीका को हराया था। ऐसे में दक्षिण अफ्रीका फिर टूर्नामेंट से बाहर हो गया।
जानकारी
घरेलू सरजमीं पर भी कुछ खास नहीं कर पाया दक्षिण अफ्रीका
वनडे विश्व कप 2003 की मेजबानी दक्षिण अफ्रीका, जिम्बाब्वे और केन्या को मिली थी। उस समय लगा था कि टीम की किस्मत बदलेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। टीम पहले मैच में वेस्टइंडीज से हार गई और फिर सुपर- 6 में भी जगह नहीं बना पाई।
मौका
साल 2007 के विश्व कप में बांग्लादेश से हारी टीम
साल 2007 का विश्व कप वेस्टइंडीज की सरजमीं पर खेला गया और इस विश्व कप में तो दक्षिण अफ्रीका को बांग्लादेश क्रिकेट टीम के खिलाफ शर्मनाक हार मिली। ग्रुप मैच में बांग्लादेश ने उन्हें 67 रन से हराया।
हालांकि, इसके बाद उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया और सेमीफाइनल तक पहुंचे, लेकिन वहां पहले बल्लेबाजी करते हुए सिर्फ 149 रन पर ऑलआउट हो गई।
उसके बाद ऑस्ट्रेलिया ने 153 रन बना लिए और दक्षिण अफ्रीका एक बार फिर चोकर्स साबित हो गया।
भारत
2011 और 2015 विश्व कप में न्यूजीलैंड ने किया बाहर
साल 2011 के विश्व कप में दक्षिण अफ्रीका क्वार्टर फाइनल में ही न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम से हारकर बाहर हो गई।
साल 2015 के सेमीफाइनल में बारिश के कारण पहले बल्लेबाजी करते हुए उसने 43 ओवर में 5 विकेट खोकर 281 रन बनाए। न्यूजीलैंड को 43 ओवर में 298 रन का नया लक्ष्य मिला।
आखिरी 2 गेंद में न्यूजीलैंड को 5 रन चाहिए थे। डेल स्टेन की पांचवीं गेंद पर ग्रांट इलियट ने छक्का जड़कर न्यूजीलैंड को जीत दिला दी।
आखिरी
आखिरी वनडे विश्व कप में क्या हुआ?
2019 क्रिकेट विश्व कप में दक्षिण अफ्रीका टूर्नामेंट का शुरुआती मैच इंग्लैंड क्रिकेट टीम से हार गया और इसके बाद बांग्लादेश क्रिकेट टीम और भारत से भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
वेस्टइंडीज के खिलाफ बारिश के कारण मैच नहीं हो पाया। अफगानिस्तान के खिलाफ टीम को जीत मिली, लेकिन फिर न्यूजीलैंड और पाकिस्तान क्रिकेट टीम से हार गए।
इसके कारण अगले चरण के लिए टीम क्वालीफाई नहीं कर पाई और चोकर्स का ठप्पा उन पर लगा रहा।
जानकारी
टी-20 विश्व कप में भी कभी नहीं मिल पाई जीत
टी-20 विश्व कप में भी दक्षिण अफ्रीका टीम चोकर्स साबित हुई। वह साल 2007 से अब तक खेले गए 8 विश्व कप के फाइनल में नहीं पहुंची। जैक कैलिस, एबी डिविलियर्स, स्टेन और फाफ डु प्लेसिस जैसे दिग्गज खिलाड़ी भी उसे सफलता नहीं दिला सके।
दिग्गज
ये दिग्गज खिलाड़ी भी नहीं हटा पाए दक्षिण अफ्रीका से चोकर्स का धब्बा
एबी डिविलियर्स दुनिया के सबसे शानदार बल्लेबाजों में से एक थे। उन्होंने 228 वनडे में 53.5 की औसत से 9,577 रन बनाए।
जैक कैलिस दुनिया के सबसे शानदार ऑलराउंडर खिलाड़ी थे। उन्होंने 328 वनडे मैच में 11,579 रन के अलावा 273 विकेट भी लिए हैं।
टीम के पास हैंसी क्रोनिए और ग्रीम स्मिथ जैसे कप्तान भी रहे, लेकिन ये सभी खिलाड़ी मिलकर भी दक्षिण अफ्रीका से चोकर्स का धब्बा नहीं हटा पाए।
गेंदबाज
दक्षिण अफ्रीका के पास था दुनिया का सबसे खतरनाक गेंदबाज
साल 1992 से 2002 तक दुनिया के सबसे खतरनाक तेज गेंदबाजों में से एक एलन डोनाल्ड दक्षिण अफ्रीका के लिए खेले थे। उन्होने 72 टेस्ट में 22.25 की औसत से 330 विकेट झटके।
उन्होंने 11 बार 4 विकेट और 20 बार 5 विकेट हॉल लिए थे।
वनडे में उन्होंने 164 मैच खेले और 21.78 की औसत के साथ 272 विकेट लिए। डोनाल्ड की तेज और स्विंग होती हुई गेंदों से दुनिया का लगभग हर बल्लेबाज खौफ खाता था।
जानकारी
टीम के पास दुनिया का सबसे शानदार फील्डर भी था
जोंटी रोड्स के रूप में दक्षिण अफ्रीका के पास दुनिया का सबसे शानदार फील्डर भी था। वह साल 1993 में विकेटकीपर के अलावा एक मैच में 5 कैच लपकने वाले पहले फील्डर बने थे। उन्होंने शानादर थ्रो से कई दिग्गज खिलाड़ियों को पवेलियन भेजा है।