टेस्ट क्रिकेट: ये भारतीय सलामी बल्लेबाज टीम के ऑलआउट होने पर भी रहे हैं नाबाद
टेस्ट क्रिकेट में लंबी पारी खेलने के लिए बल्लेबाज टिककर बल्लेबाजी करते हैं। पारी की शुरुआत करने वाले सलामी बल्लेबाजों के ऊपर टीम को उम्दा शुरुआत दिलाने की जिम्मेदारी होती है। ऐसे में सलामी बल्लेबाजों की भूमिका मैच में बढ़ जाती है। अब तक टेस्ट इतिहास में कुछ सलामी बल्लेबाज पारी के समाप्त होने के बावजूद नाबाद रहे हैं। अब तक 4 भारतीय खिलाड़ी ऐसा कर चुके हैं। आइए उनके बारे में जानते हैं।
सुनील गावस्कर (बनाम पाकिस्तान, 1983)
साल 1983 में भारत के सुनील गावस्कर ने पाकिस्तान क्रिकेट टीम के खिलाफ यह कारनामा कर चुके हैं। फैसलाबाद में हुए उस मुकाबले में गावस्कर ने अपनी दूसरी पारी में 262 गेंदों पर 19 चौकों की मदद से नाबाद 127 रन बनाए थे। उनके शतक की मदद से भारत ने अपनी दूसरी पारी में सभी विकेट खोकर 286 रन बनाए थे। उस मैच को मेजबान पाकिस्तान ने 10 विकेट से अपने नाम किया था।
वीरेंद्र सहवाग (बनाम श्रीलंका, 2008)
वीरेंद्र सहवाग ने 2008 में श्रीलंकाई टीम के खिलाफ पहली पारी में दोहरा शतक लगाया था। उन्होंने 231 गेंदों पर नाबाद 201 रन बनाए थे। उनकी बदौलत भारत ने पहली पारी में सभी विकेट खोकर 329 रन बनाए थे। भारत से उस पारी में 8 बल्लेबाज दहाई का आंकड़ा भी नहीं छू सके थे। इसके बाद दूसरी पारी में सहवाग ने 50 रन बनाए थे। गॉल में खेले गए मैच में भारत ने 170 रन से जीत दर्ज की थी।
राहुल द्रविड़ (बनाम इंग्लैंड, 2011)
अपनी रक्षात्मक बल्लेबाजी के लिए मशहूर रहे राहुल द्रविड़ भी इस सूची का हिस्सा हैं। उन्होंने 2011 में इंग्लैंड क्रिकेट टीम के विरुद्ध पारी की शुरुआत करते हुए पहली पारी में 266 गेंदों पर नाबाद 146 रन की पारी खेली थी। उस पारी में भारत ने सभी विकेट खोकर 300 रन बनाए थे। इसके बाद दूसरी पारी में भारतीय टीम 283 रन ही बना सकी थी। इंग्लैंड ने पारी और 8 रन से वो मैच जीता था।
चेतेश्वर पुजारा (बनाम श्रीलंका, 2015)
चेतेश्वर पुजारा ने 2015 में बतौर सलामी बल्लेबाज श्रीलंका के खिलाफ शतकीय पारी खेली थी। उन्होंने भारत की पहली पारी के दौरान 289 गेंदों पर नाबाद 145 रन बनाए थे। उन्होंने अपनी पारी में 14 चौके लगाए थे। इसके बाद वह अपनी दूसरी पारी में अपना खाता भी नहीं खोल सके थे। कोलंबो में खेले गए उस मैच को भारतीय टीम ने पारी और 117 रन से जीता था।