सानिया मिर्जा अगले महीने लेंगी संन्यास, दुबई में WTA 1000 चैंपियनशिप होगा आखिरी टूर्नामेंट
क्या है खबर?
भारतीय टेनिस स्टार सानिया मिर्जा अगले महीने टेनिस को हमेशा के लिए अलविदा कह देंगी। फरवरी में दुबई में आयोजित होने वाली ड्यूटी फ्री चैंपियनशिप (WTA 1000) उनका अंतिम पेशेवर टूर्नामेंट होगा।
36 वर्षीय सानिया ने एक इंटरव्यू के दौरान अपने संन्यास की योजना का खुलासा किया है।
वह इससे पहले ऑस्ट्रेलिया ओपन (AO) में भी अपना जलवा बिखेरती हुई नजर आएंगी। साल के पहले ग्रैंडस्लैम टूर्नामेंट में सानिया पहले दौर में कजाकिस्तान की अन्ना डेनिलिना से मुकाबला करती दिखेंगी।
बयान
मेरा शरीर अब कमजोर हो गया है- सानिया
सानिया ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा, "मैं 36 साल की हूं और ईमानदारी से कहूं तो मेरा शरीर अब कमजोर हो गया है, यही संन्यास का मुख्य कारण है।"
उन्होंने आगे कहा, "मेरे दिमाग में भावनात्मक रूप से अब और अधिक धक्का देने की क्षमता नहीं है। मैं 2003 से पेशेवर टेनिस खेल रही हूं। समय के साथ प्राथमिकताएं बदल जाती हैं और अब मेरी प्राथमिकता अपने शरीर को हर एक दिन की सीमा तक धकेलने की नहीं है।"
बयान
अपनी शर्तों पर काम करना पसंद- सानिया
सानिया पिछले एक दशक से भी अधिक समय से संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में ही रह रही हैं। उन्होंने UAE में ही इस खेल को अलविदा कहने का मन बनाया है।
काफी कम लोग जानते हैं कि सानिया दुबई में एक टेनिस एकेडमी भी संचालित करती हैं।
टेनिस स्टार ने कहा, "ईमानदारी से कहूं तो मैं वो महिला हूं जो अपनी शर्तों पर काम करना पसंद करती हूं। अब आगे खेलना संभव नहीं है। दुबई में मेरा अंतिम टूर्नामेंट होगा।"
उपलब्धि
WTA खिताब जीतने वाली पहली भारतीय महिला हैं सानिया
सानिया विश्व टेनिस एसोसिएशन (WTA) का खिताब जीतने वाली पहली भारतीय महिला टेनिस खिलाड़ी हैं। उनके नाम ग्रैंड स्लैम खिताब जीतने वाली इकलौती भारतीय महिला होने का रिकॉर्ड भी दर्ज है।
सानिया साल 2005 में AO के महिला एकल के मुख्य ड्रॉ में जगह बनाने वाली पहली भारतीय महिला बनी थीं।
उस टूर्नामेंट के तीसरे दौर में सानिया को दिग्गज अमेरिकी खिलाड़ी सेरेना विलियम्स के हाथों 1-6, 4-6 हार का सामना करना पड़ा था।
रिकॉर्ड
सानिया जीत चुकी हैं तीन ग्रैंड स्लैम मिश्रित युगल खिताब
सानिया के नाम तीन ग्रैंड स्लैम मिश्रित युगल के खिताब जीतने की उपलब्धि भी दर्ज है।
उन्होंने 2009 में महेश भूपति के साथ मिलकर जोड़ी बनाते हुए AO का मिश्रित युगल खिताब जीता था।
इसके उन्होंने साल 2012 में भूपति के साथ ही खेलते हुए फ्रेंच ओपन में भी मिश्रित युगल खिताब जीतने में सफलता हासिल की।
सानिया ने अपना तीसरा मिश्रित युगल खिताब साल 2014 में US ओपन ब्राजील के ब्रूनो सोरेस के साथ खेलते हुए जीता था।