एश्ले बार्टी ने जीता 2022 ऑस्ट्रेलियन ओपन का खिताब, बने ये रिकॉर्ड्स
क्या है खबर?
विश्व की नंबर एक महिला सिंगल्स टेनिस खिलाड़ी एश्ले बार्टी ने 2022 ऑस्ट्रेलियन ओपन का खिताब जीत लिया है। उन्होंने 28 साल की डैनिले कॉलिंस को 6-3, 7-6 से सीधे सेटों में मात दी है। बार्टी के करियर का यह तीसरा ग्रैंड स्लैम है।
उन्होंने 2019 में फ्रेंच ओपन और 2021 में विंबलडन का खिताब अपने नाम किया था।
आइए जानते हैं कैसा रहा मुकाबला और क्या बने इसमें रिकॉर्ड्स।
ट्विटर पोस्ट
बार्टी बनी ऑस्ट्रेलियन ओपन चैंपियन
🖤💛❤️
— #AusOpen (@AustralianOpen) January 29, 2022
The moment Evonne Goolagong Cawley crowned @ashbarty the #AusOpen women's singles champion 🏆#AO2022 pic.twitter.com/ASBtI8xHjg
लेखा-जोखा
इस तरह बार्टी ने हासिल की जीत
पहले सेट में बार्टी ने 3-2 की बढ़त ले रखी थी और फिर उन्होंने इस बढ़त को लगातार बनाए रखते हुए 33 मिनट में पहला सेट जीत लिया था। दूसरे सेट कॉलिंस ने 3-0 की बढ़त हासिल करके वापसी की कोशिश की थी।
कॉलिंस ने 5-1 की बढ़त ले ली थी, लेकिन फिर बार्टी ने 5-5 से बराबरी की थी। बार्टी ने टाई-ब्रेकर जीतते हुए दूसरा सेट भी 7-6 से अपने नाम किया।
जानकारी
न्यूजबाइट्स प्लस (फैक्ट)
बार्टी ने पहली बार ऑस्ट्रेलियन ओपन का खिताब जीता है। इस टूर्नामेंट में उनकी जीत-हार का रिकॉर्ड 24-8 हो गया है। 2020 में वह सेमीफाइनल तक पहुंची थी जो उनका बेस्ट था।
उपलब्धि
1978 के बाद खिताब जीतने वाली पहली घरेलू महिला बनीं बार्टी
1978 के बाद वह ऑस्ट्रेलियन ओपन जीतने वाली पहली घरेलू महिला खिलाड़ी बनी हैं। इससे पहले वह ऑस्ट्रेलियन ओपन के फाइनल में जाने वाली 42 साल के बाद पहली घरेलू महिला खिलाड़ी बनी थीं।
बार्टी से पहले 1980 में वेंडी टर्नबुल ने टूर्नामेंट के फाइनल में जगह बनाई थी, लेकिन फाइनल हार गई थीं। क्रिस ओ नील के बाद बार्टी घरेलू चैंपियन बनने वाली पहली महिला खिलाड़ी बनी हैं।
हेड-टू-हेड
ऐसा है दोनों खिलाड़ियों का हेड-टू-हेड रिकॉर्ड
दोनों खिलाड़ियों के हेड-टू-हेड रिकॉर्ड की बात करें तो कॉलिंस को पांच में से चार मैचों में हार का सामना करना पड़ा है। कॉलिंस ने बार्टी के खिलाफ इकलौती जीत पिछले साल एडिलेड इंटरनेशनल में हासिल की थी जब उन्होंने 6-3, 6-4 से मैच जीता था।
गौरतलब है कि बार्टी को उनकी सरजमीं पर हराने वाली पिछली महिला कॉलिंस ही हैं। हालांकि, इस एक मैच के अलावा उन्हें हमेशा संघर्ष करना पड़ा है।