
रविचंद्रन अश्विन को मिला पद्मश्री पुरस्कार, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने किया सम्मानित; देखें वीडियो
क्या है खबर?
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व खिलाड़ी रविचंद्रन अश्विन को पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
भारतीय क्रिकेट में अहम योगदान के लिए इस पूर्व ऑफ स्पिनर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से ये सम्मान मिला।
उनके साथ-साथ भारतीय हॉकी टीम के पूर्व गोलकीपर पीआर श्रीजेश को पद्म भूषण से नवाजा गया।
बता दें कि गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पदम पुरस्कारों की घोषणा की गई थी और अब राष्ट्रपति भवन में समारोह हुआ।
आइए इस खबर पर नजर डालते हैं।
आंकड़े
शानदार रहा था अश्विन का अंतरराष्ट्रीय करियर
अश्विन ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दौरान अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया था।
अश्विन भारत के लिए टेस्ट मैचों में दूसरे सबसे ज्यादा (537) विकेट लेने वाले खिलाड़ी हैं। अनिल कुंबले 619 विकेट के साथ पहले स्थान पर हैं।
अश्विन ने भारत के लिए 116 वनडे मैच खेले थे। इस दौरान उन्होंने 33.20 की औसत से 156 विकेट अपने नाम किए थे।
टी-20 अंतरराष्ट्रीय में उन्होंने 23.22 की औसत से 72 विकेट लिए थे।
ट्विटर पोस्ट
देखिए वीडियो
#WATCH | Cricketer Ravichandran Ashwin receives Padma Shri award from President Droupadi Murmu for his contribution to the field of Sports.
— ANI (@ANI) April 28, 2025
(Video Source: President of India/YouTube) pic.twitter.com/n34QeaZz3y
श्रीजेश
श्रीजेश ने ओलंपिक में जीते थे 2 पदक
2012 में श्रीजेश ने पहली बार ओलंपिक में हिस्सा लिया था। उस संस्करण में भारत 12वें स्थान पर रहा था। रियो में खेले गए 2016 ओलंपिक में भारतीय टीम क्वार्टर फाइनल तक पहुंची थी।
श्रीजेश ने उस टीम का नेतृत्व किया था। इसके बाद 2021 में खेले गए टोक्यो ओलंपिक में भारत ने 41 साल कांस्य पदक जीता था, जिसमें श्रीजेश की महत्वपूर्ण भूमिका रही थी।
उन्होंने 2024 ओलंपिक में फिर से कांस्य पदक जीतकर हॉकी से संन्यास ले लिया।
सम्मान
इन खिलाड़ियों को भी मिला पद्म श्री सम्मान
पेरिस पैरालंपिक 2024 में शानदार प्रदर्शन करने वाले तीरंदाज हरविंदर सिंह, भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व कप्तान आईएम विजयन और जाने-माने पैरा एथलेटिक्स कोच सत्यपाल सिंह को भी पद्म श्री सम्मान दिया गया है।
बता दें कि श्रीजेश ने पेरिस ओलंपिक 2024 में भारतीय हॉकी टीम के कांस्य पदक जीतने में अहम भूमिका निभाई थी। इसके बाद उन्होंने हॉकी को अलविदा कह दिया था।
वह टोक्यो ओलंपिक का भी हिस्सा थे, जहां भारत ने कांस्य पदक जीता था।