बोर्ड ने अनिवार्य किया "टेक द नी", डि कॉक ने मैच खेलने से कर दिया इंकार
दक्षिण अफ्रीका टी-20 विश्व कप के सुपर-12 मुकाबले में वेस्टइंडीज के खिलाफ खेल रही है। सीनियर बल्लेबाज क्विंटन डि कॉक ने व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए खुद को इस मैच से बाहर कर लिया था। मंगलवार को दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेट बोर्ड ने 'ब्लैक लाइफ मैटर' मूवमेंट के लिए घुटने टेकने को अनिवार्य कर दिया था, लेकिन डि कॉक लंबे समय से इस मूवमेंट का हिस्सा नहीं बनना चाहते थे। अब उनका नहीं खेलना इसी से जोड़ा जा रहा है।
क्या था बोर्ड द्वारा किया गया ऐलान?
CSA ने मंगलवार को घोषणा की थी कि बोर्ड ने बीती रात फैसला लिया है कि विश्व कप के बचे सभी मैचों में खिलाड़ी अनिवार्य रूप से मैच से पहले घुटने टेकेंगे। इससे पहले खिलाड़ी अपना समर्थन के लिए अलग-अलग मुद्रा में खड़े दिखाई देते थे। बोर्ड को ऐसा लगा कि इससे टीम के खिलाड़ियों में एकजुटता की कमी दिख रही है और इसी कारण उन्होंने घुटने टेकने को अनिवार्य कर दिया।
डि कॉक के खिलाफ क्या कदम उठाएगा बोर्ड?
बोर्ड का यह ऐलान वेस्टइंडीज के खिलाफ मैच शुरु होने से लगभग पांच घंटे पहले आया था और फिर अचानक डि कॉक ने खुद को मैच के लिए उपलब्ध नहीं बता दिया। कप्तान टेंबा बवुमा ने टॉस के समय इस बात का खुलासा किया। अब बोर्ड ने एक और बयान जारी करते हुए कहा है कि उन्होंने डि कॉक के मामले का संज्ञान ले लिया है और टीम मैनेजमेंट की रिपोर्ट के बाद अगला कदम उठाएगी।
रंगभेद के खिलाफ मूवमेंट पर कैसा रहा है डि कॉक का रवैया?
पिछले साल से ही क्रिकेट के मैदान पर रंगभेद के खिलाफ इस मूवमेंट को देखा जा रहा है। हाल ही में भारत और पाकिस्तान ने भी अपने मैच से पहले इस मूवमेंट का समर्थन किया था। हालांकि, डि कॉक का इस मामले पर रवैया बिल्कुल अलग है और वह मैच शुरु होने से पहले कभी भी इस मूवमेंट में किसी भी प्रकार से शामिल होते नहीं दिखते हैं।
इस मामले पर पहले क्या बोले हैं डि कॉक?
इसी साल जून में वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट सीरीज के दौरान इस बारे में पूछे जाने पर डि कॉक ने कहा था कि वह इसके पीछे के कारण को सार्वजनिक नहीं करना चाहते हैं। उन्होंने कहा था, "यह मेरा खुद का व्यक्तिगत सोच है। यह सबका अपना निर्णय है। जिंदगी में किसी को कोई भी चीज करने के लिए बाध्य नहीं किया गया है। मैं चीजों को इसी तरह देखता हूं।"