जन्मदिन के दिन हैट्रिक लेने वाले इकलौते गेंदबाज ने इंटरनेशनल क्रिकेट को कहा अलविदा
ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज तेज गेंदबाज पीटर सिडल ने अपने 11 साल के इंटरनेशनल करियर को समाप्त करने का फैसला लिया है। सिडल ने इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास ले लिया, लेकिन वह घरेलू और काउंटी क्रिकेट खेलते रहेंगे। न्यूजीलैंड के खिलाफ तीसरे टेस्ट से पहले टीम से रिलीज़ किए जाने के बाद सिडल ने अपने साथी खिलाड़ियों को संन्यास के फैसले के बारे में बताया। आइए जानते हैं पूरी खबर।
लैंगर और पेन से हो रही थी लंबे समय से बात- सिडल
सिडल ने बताया कि वह, कोच जस्टिन लैंगर और टिम पेन के साथ अपने संन्यास के बारे में लगातार बात कर रहे थे और उनके एशेज सीरीज़ में ही संन्यास लेने की उम्मीदें थीं। उन्होंने आगे कहा, "हमने इस बात की ओर ध्यान दिया कि क्या हम ऑस्ट्रेलिया में ऐसा कर सकते हैं। मैं ऑस्ट्रेलिया में ऐसा करने के लिए काफी आशावान था। अपने परिवार और दोस्तों के सामने मैं ऑस्ट्रेलियन टीम में वापस आना चाहता था।"
ऑस्ट्रेलिया के लिए अपने करियर से संतुष्ट हूं- सिडल
सिडल ने कहा कि भले ही वह ऑस्ट्रेलिया में खेलते हुए संन्यास नहीं ले सके, लेकिन वह अपने इंटरनेशनल करियर से पूरी तरह संतुष्ट हैं। उन्होंने कहा, "बचपन में मैंने नहीं सोचा था कि मैं ऑस्ट्रेलिया के लिए एक भी टेस्ट खेलूंगा तो 67 टेस्ट खेलना मेरे लिए काफी सुखद है। मैंने 180 फर्स्ट-क्लास मैच खेले हैं और मैं अपने शरीर को फिट रखने के लिए अभी भी घरेलू क्रिकेट खेलता रहूंगा।"
अपने जन्मदिन पर हैट्रिक लेने वाले इकलौते गेंदबाज हैं सिडल
अपने जन्मदिन पर हैट्रिक लेने वाले सिडल इकलौते गेंदबाज हैं। सिडल ने 2010 एशेज के दौरान यह कारनामा किया था। उन्होंने 25 नवंबर, 2010 को ब्रिसबेन में इंग्लैंड के ओपनर बल्लेबाज एलिस्टर कुक को शेन वाटसन के हाथों कैच आउट करवाया। अगली गेंद पर उन्होंने मैट प्रायर को बोल्ड किया और फिर स्टुअर्ट ब्रॉड को पगबाधा आउट करके अपनी हैट्रिक पूरी की। टेस्ट में हैट्रिक लेने वाले वह 38वें गेंदबाज बने थे।
इस तरह का रहा सिडल का करियर
सिडल ने अक्टूबर 2008 में भारत के खिलाफ मोहाली में अपना टेस्ट डेब्यू किया और सचिन तेंदुलकर के रूप में अपना पहला टेस्ट विकेट हासिल किया। उनके नाम 67 टेस्ट मैचों में 221 विकेट दर्ज हैं और वह ऑस्ट्रेलिया के लिए टेस्ट में 13वें सबसे ज़्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं। हालांकि, उनका लिमिटेड ओवर्स क्रिकेट करियर काफी छोटा रहा और वह केवल 20 वनडे और दो टी-20 ही खेल सके।