ईशांत शर्मा ने बताया, क्यों विराट कोहली के अंडर शानदार है भारत की तेज गेंदबाजी
क्या है खबर?
भारतीय तेज गेंदबाज ईशांत शर्मा फिलहाल शानदार गेंदबाजी कर रहे हैं, लेकिन कुछ सालों पहले तक उनकी गेंदबाजी को लेकर लगातार सवाल खड़े किए जा रहे थे।
ईशांत की कमियां गिनाने वाले लोग काफी थे, लेकिन उनकी कमी को सुधारने के लिए केवल जेसन गिलेस्पी ही थे।
तेज गेंदबाज ने खुलासा किया है कि आखिर किस तरह विराट कोहली के कप्तान बनने के बाद भारत की तेज गेंदबाजी में सुधार आया है।
बयान
धोनी के समय मेें नहीं था अनुभव- ईशांत
ईशांत ने अपने करियर के काफी टेस्ट मैच एमएस धोनी की कप्तानी में खेले हैं।
हालांकि, उस समय 6-7 गेंदबाजों को रोटेट करके मैदान में उतारा जाता था।
ईशांत ने कहा, "धोनी के समय में हम में से कुछ लोगों के पास ज़्यादा अनुभव नहीं था। उस समय तेज गेंदबाजों को काफी रोटेट किया जाता था और इस कारण भी तेज गेंदबाजी में सफलता नहीं मिल रही थी।"
परिवार
विराट के समय में हम परिवार की तरह हो चुके हैं- ईशांत
ईशांत ने बताया कि विराट के कप्तान बनने तक उन लोगों के पास अच्छा अनुभव हो गया था और साथ ही 3-4 गेंदबाज ही लगातार टीम के लिए खेल रहे थे।
उन्होंने कहा, "जब आप एक साथ ज़्यादा खेलते हैं और परिवार से ज़्यादा ड्रेसिंग रूम में समय बिताते हैं तो बातचीत काफी खुलकर होने लगती है। इसके बाद जब आप मैदान में जाते हैं तो अपने समय का लुत्फ उठाते हैं।"
प्रदर्शन
2010 के बाद से प्रदर्शन करने का था बोझ- ईशांत
ईशांत ने बताया कि 2010 से उनके ऊपर लगातार अच्छा प्रदर्शन करने का बोझ था।
उन्होंने कहा, "मैंने अपने करियर में काफी उतार-चढ़ाव देखे हैं। मेरे प्रदर्शन में निरंतरता नहीं थी और इसी कारण मेरी रातों की नींद उड़ गई थी। मैंने इसके बारे में ज़्यादा सोचना बंद कर दिया। मैं अपनी हर गेंद पर अपना 100 प्रतिशत देता हूं और गेंद का परिणाम खुद ही चीजें साफ कर देता है।"
आंकड़े
पिछले दो सालों में अदभुत रहा है ईशांत का प्रदर्शन
पिछले दो सालों में ईशांत का टेस्ट मैचों में प्रदर्शन शानदार रहा है। उन्होंने 17 मैचों में 66 विकेट हासिल किए हैं।
पिछले साल ईशांत ने मात्र 11 मैचों में 21.80 की शानदार औसत के साथ 41 विकेट लिए थे।
इस साल खेले छह मैचों में ईशांत ने 15.56 की शानदार औसत के साथ 25 विकेट चटकाए हैं।
ईशांत के पास कपिल देव के बाद 100 टेस्ट खेलने वाला दूसरा भारतीय तेज गेंदबाज बनने का मौका है।
आंकड़े
इस साल तेज गेंदबाजों का रहा है बोलबाला
भारत के लिए इस साल मोहम्मद शमी ने आठ टेस्ट में सबसे ज़्यादा 33 विकेट लिए हैं। उमेश यादव ने चार टेस्ट में ही 23 विकेट झटके हैं।
जसप्रीत बुमराह केवल तीन टेस्ट ही खेल सके जिसमें उन्होंने 14 विकेट हासिल किए।
इस साल स्पिनर्स की बात करें तो रविंद्र जडेजा ने आठ मैचों में सबसे ज़्यादा 21 विकेट लिए।
तेज गेंदबाजों ने इस साल कुल 95 विकेट लिए तो वहीं स्पिनर्स के खाते में 50 विकेट आए।