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आज ही के दिन भारत ने खेले थे ये दो मशहूर विश्व कप मुकाबले

आज ही के दिन भारत ने खेले थे ये दो मशहूर विश्व कप मुकाबले

लेखन Neeraj Pandey
Mar 23, 2020
12:03 pm

क्या है खबर?

भारतीय क्रिकेट टीम वर्तमान समय में दुनिया की सबसे मजबूत टीमों में से एक है। भारत तीनो फॉर्मेट में लगातार अच्छा प्रदर्शन करता आ रहा है। 23 मार्च की तारीख भारतीय क्रिकेट फैंस को शायद कभी नहीं भूलेगी क्योंकि आज ही के दिन भारत ने विश्व कप के दो मशहूर मुकाबले खेले थे। आइए जानते हैं भारत के उन दो मशहूर मुकाबलों के बारे में और बताते हैं कि आखिर क्यों हैं ये खास।

पहला यादगार मुकाबला

जब बांग्लादेश को टी-20 विश्व कप मुकाबले में एक रन से हराया

2016 टी-20 विश्व कप के मुकाबले में बांग्लादेशी टीम भारत के खिलाफ 147 रनों के टार्गेट का पीछा कर रही थी। अंतिम ओवर में उन्हें 11 रनों की जरूरत थी और गेंदबाजी की जिम्मेदारी हार्दिक पंड्या के कंधों पर थी। मुशफिकुर रहीम ने ओवर की दूसरी और तीसरी गेंद पर लगातार दो चौके लगाए और जीत का जश्न मनाना शुरु कर दिया। अब बांग्लादेश को तीन गेंदों में दो रन चाहिए थे।

जीत

धोनी की चतुराई से भारत ने हासिल की 1 रन से जीत

तीन गेंदों में दो रन बचाने के लिए पंड्या दबाव में दिख रहे थे, लेकिन धोनी ने उन्हें कुछ सलाह दी। चौथी गेंद पर रहीम और फिर पांचवीं गेंद पर महमुदुल्लाह बड़ा शॉट लगाने के चक्कर में कैचआउट हुए। बांग्लादेश को अंतिम गेंद पर जीत के लिए दो और मुकाबला टाई कराने के लिए एक रन की जरूरत थी। अंतिम गेंद पर धोनी ने विकेट के पीछे से दौड़ लगाई और रनआउट करके भारत को रोमांचक जीत दिला दी।

दूसरा यादगार मुकाबला

2003 विश्व कप फाइनल में पोंटिंग ने खेली धुंआधार पारी

2003 विश्व कप फाइनल में रिकी पोंटिंग जब बल्लेबाजी करने आए थे तब ऑस्ट्रेलिया का स्कोर 105/1 था। पोंटिंग ने आते ही स्पिनर्स को निशाना बनाना शुरु कर दिया और तेजी से रन बनाने लगे। इससे पहले कि भारत कुछ समझ पाता पोंटिंग अपना अर्धशतक पूरा कर चुके थे। उन्होंने आठ छक्कों और चार चौकों से सजी अपनी पारी में 121 गेंदों में नाबाद 140 रन बनाए और ऑस्ट्रेलिया को 359/2 के स्कोर तक ले गए।

भारत की हार

ऑस्ट्रेलिया के दबाव में बिखर गई भारतीय टीम

360 रनों के बड़े स्कोर का पीछा करने उतरी भारतीय टीम को पहले ओवर में ही सचिन तेंदुलकर के रूप में बड़ा झटका लग गया था। सौरव गांगुली (24) और मोहम्मद कैफ (0) भी कुछ खास नहीं कर सके। वीरेन्द्र सहवाग (82) ने एक छोर संभाले रखा, लेकिन उनके रनआउट हो जाने के बाद भारत की बची हुई उम्मीदें भी खत्म हो गईं। पूरी टीम 39.4 ओवरों में 234 पर सिमट गई और भारत फाइनल हार गया।