ओलंपिक के इतिहास में भारत की ओर से इन खिलाड़ियों ने जीते हैं स्वर्ण पदक
क्या है खबर?
पेरिस ओलंपिक 26 जुलाई से 11 अगस्त तक खेले जाएंगे, जिसमें हिस्सा लेने वाले विश्व के तमाम खिलाड़ी अपनी-अपनी तैयारियों में जुटे हैं।
खेलों के इस महाकुम्भ में भारत के 110 से अधिक खिलाड़ियों का दल हिस्सा लेगा।
इस संस्करण में भारत के ध्वजवाहक पीवी सिंधु और अचंता शरत कमल होंगे।
भारत ने ओलंपिक के इतिहास में व्यक्तिगत खेलों में सिर्फ 2 स्वर्ण जीते हैं। इस बीच ओलंपिक में भारत के स्वर्ण पदक विजेताओं के बारे में जानते हैं।
अभिनव बिंद्रा
अभिनव बिंद्रा ने स्वर्ण जीतकर रचा था इतिहास
2008 में अभिनव बिंद्रा ने इतिहास रचते हुए ओलंपिक खेलों में स्वर्ण पदक जीता था। वह भारत की ओर से व्यक्तिगत खेलों में स्वर्ण पाने वाले पहले खिलाड़ी बने थे।
बिंद्रा ने 10 मीटर पुरुष एयर राइफल स्पर्धा में कुल 700.5 अंक हासिल किए और एथेंस 2004 ओलंपिक के स्वर्ण पदक विजेता झू किनान को पीछे छोड़ दिया, जिन्हें कुल 699.7 अंक प्राप्त किए थे।
वह निशानेबाजी में कोई पदक जीतने वाले सिर्फ दूसरे भारतीय बने थे।
चोपड़ा
नीरज चोपड़ा ने एथलेटिक्स में भारत को दिलाया पहला स्वर्ण
टोक्यो ओलंपिक के खत्म होने से एक दिन पहले भारत के लिए एक ऐतिहासिक दिन आया था। भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा ने भारत के इतिहास में सिर्फ दूसरा व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीता था।
उन्होंने अपने दूसरे प्रयास में 87.58 मीटर का भाला फेंकते हुए स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया था।
चोपड़ा ने भारत को स्वतंत्रता (1947) के बाद एथलेटिक्स में पहला पदक दिलाया था। उनसे पेरिस ओलंपिक में भी भारत को काफी उम्मीदें होंगी।
हॉकी
भारत की पुरुष हॉकी टीम ने जीते हैं 8 स्वर्ण
भारत के पास कुल मिलाकर 10 ओलंपिक स्वर्ण पदक हैं, जिनमें से 2 व्यक्तिगत खिलाड़ियों ने जीते हैं।
भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने सर्वाधिक 8 स्वर्ण पदक जीते हैं। दिलचस्प बात यह है कि भारतीय हॉकी टीम ने 1928 से 1956 के बीच ओलंपिक में लगातार 6 स्वर्ण पदक जीते।
इनके अलावा 1964 और 1980 के संस्करणों में भारत ने हॉकी में 2 और स्वर्ण पदक अपने नाम किए थे।
जानकारी
1948 में स्वतंत्र राष्ट्र के तौर पर भारतीय हॉकी टीम ने जीता था स्वर्ण
भारत ने एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में 1948 में अपना पहला ओलंपिक स्वर्ण पदक जीता था। भारतीय हॉकी टीम ने फाइनल में ग्रेट ब्रिटेन को 4-0 से हराकर स्वर्ण पदक हासिल किया। इस फाइनल को 'चैंपियंस की लड़ाई' के रूप में जाना जाता है।