टोक्यो ओलंपिक 2020 में दर्ज हुए प्रमुख रिकार्ड्स पर एक नजर
टोक्यो 2020 ओलंपिक खेलों का शानदार समापन हुआ। खेलों के इस महाकुम्भ में USA ने एक बार फिर अपना दबदबा दिखाया और सबसे अधिक 113 पदक जीते, जिसमें 39 स्वर्ण शामिल थे। इस बीच, भारत ने अब तक का सबसे बेहतर प्रदर्शन करते हुए कुल सात पदक अपने नाम किए। हर बार की तरह इस बार भी ओलंपिक में कुछ बड़े रिकार्ड्स बने और टूटे, आइए उन पर एक नजर डालते हैं।
कार्स्टन वारहोम ने अपने ही रिकॉर्ड को बेहतर किया
नॉर्वे के कार्स्टन वारहोम ने टोक्यो खेलों में नया कीर्तिमान स्थापित किया। उन्होंने 400 मीटर बाधा दौड़ में अपना ही विश्व रिकॉर्ड तोड़ दिया और 45.94 सेकंड में दौड़ पूरी की। गोल्ड जीतने वाले वॉरहोम ने पुराने रिकॉर्ड को 0.76 सेकेंड से तोड़ा। दौड़ ओलंपिक इतिहास के सबसे लोकप्रिय इवेंट्स में से एक है। पिछले महीने वॉरहोम ने केविन यंग (46.78) का 29 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ा था।
ग्रेट ब्रिटेन ने तैराकी में आठ पदक जीते
ग्रेट ब्रिटेन ने टोक्यो ओलंपिक में तैराकी में रिकॉर्ड आठ पदक जीते। पुरुषों की 4x100 मीटर मेडले में एक रजत ने ब्रिटेन को एकल ओलंपिक संस्करण में जीते गए पदकों के लिए एक नया रिकॉर्ड बनाने में मदद की। डंकन स्कॉट, एडम पीटी, ल्यूक ग्रीनबैंक और जेम्स गाय चैंपियन USA से सिर्फ 0.73 सेकंड पीछे रहे। ग्रेट ब्रिटेन के तैराकों ने चार स्वर्ण, तीन रजत और एक कांस्य पदक जीते।
इन देशों ने किया सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन
इटली और भारत ने टोक्यो खेलों में अपना-अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। इटली ने कुल 40 पदक जीते, जिसमें 10 स्वर्ण पदक शामिल थे। उनकी पिछली उच्चतम पदक तालिका 36 थी, जो 1932 (लॉस एंजिल्स) और 1960 (रोम) में आई थी। भारत ने सात पदकों के साथ एक नया रिकॉर्ड बनाया। बता दें भारत ने लंदन 2012 ओलंपिक में जीते गए छह पदकों के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया।
एथलेटिक्स में भारत के हिस्से आया पहला स्वर्ण पदक
ओलंपिक के खत्म होने से एक दिन पहले भारत के लिए एक ऐतिहासिक दिन आया। भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा ने भारत के लिए दूसरा व्यक्तिगत ओलंपिक स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने एथलेटिक्स में भारत को पहला पदक दिलाया। नीरज के पदक से टोक्यो ओलंपिक में भारत की पदक संख्या बढ़ाकर सात हो गई। भारत के पास अब ओलंपिक इतिहास में कुल 10 स्वर्ण पदक हो गए हैं।
41 साल के बाद भारतीय हॉकी ने जीता पदक
हॉकी में ओलंपिक पदक के लिए भारत का इंतजार आखिरकार इस बार खत्म हो गया। टोक्यो में कांस्य पदक जीतने के लिए भारतीय पुरुष टीम ने जर्मनी को 5-4 से हराया। भारत ने आखिरी बार हॉकी में 1980 (स्वर्ण) में ओलंपिक पदक जीता था। भारतीय टीम ने इससे पहले 49 साल बाद ग्रेट ब्रिटेन को हराकर ओलंपिक में अपना सेमीफाइनल स्थान पक्का किया था।
पीवी सिंधु, रवि दहिया ने रचा इतिहास
भारत की पीवी सिंधु बैडमिंटन में दो ओलंपिक पदक हासिल करने वाली पहली भारतीय बनीं। उन्होंने महिला एकल स्पर्धा में चीन की ही बिंगजियाओ को हराकर कांस्य पदक अपने नाम किया। सिंधु रियो खेलों में बैडमिंटन में रजत पदक जीतने वाली पहली भारतीय बनी थीं। इस बीच, रवि दहिया ओलंपिक में रजत पदक का दावा करने वाले केवल दूसरे भारतीय पहलवान बन गए।