एशेज: गाबा टेस्ट में लागू नहीं है नो-बॉल तकनीकी, मैदानी अंपायर्स ने की बड़ी गलती

ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच गाबा में खेले जा रहे एशेज के पहले टेस्ट मैच से एक बड़ी खबर सामने आई है। इस मैच में नो-बॉल देखने की तकनीकी काम नहीं कर रही है और मैदानी अंपायर्स के ऊपर नो-बॉल देखने की जिम्मेदारी आ गई है। मैच शुरु होने से पहले ही तकनीकी ने धोखा दे दिया था और नो-बॉल देखने में मैदानी अंपायर्स से बड़ी चूक हुई है।
मैच के दौरान गेंदबाजों के हर गेंद पर नो-बॉल देखने वाली तकनीकी यह मुकाबला शुरु होने से पहले ही खराब हो गई थी और किसी ने इसके बारे में ऑफिशियल जानकारी भी नहीं दी थी। गाबा टेस्ट पुराने दिनों के मुकाबले की तरह खेला जा रहा है। इस मुकाबले में जब भी कोई विकेट गिरेगा तब मैदानी अंपायर्स नो-बॉल देखने के लिए तीसरे अंपायर से मदद मांगेंगे।
There were 14 (!) no-balls bowled by Ben Stokes in the first session.
— 7Cricket (@7Cricket) December 9, 2021
Just one was called on-field, plus the 'wicket' ball on review #Ashes pic.twitter.com/ePfj0YEaHH
इंग्लिश ऑलराउंडर बेन स्टोक्स के पहले स्पेल के दौरान मैदानी अंपायर्स की बड़ी चूक सामने आई है। स्टोक्स ने पहले स्पेल के पांच ओवरों में कुल 14 नो-बॉल फेंकी थी, लेकिन मैदानी अंपायर्स इसमें से केवल दो ही बार नो-बॉल पकड़ सके। ऑस्ट्रेलिया के घरेलू प्रसारणकर्ता चैनल 7 ने इस गलती को पकड़ा और उन्होंने ट्विटर पर वीडियो के जरिए बताया कि किस तरह अंपायर्स ने स्टोक्स की नो-बॉल पकड़ने में गलती की।
दूसरे दिन के 13वें ओवर में स्टोक्स ने डेविड वॉर्नर को क्लीन बोल्ड किया था, लेकिन तीसरे अंपायर की मदद से पता चला कि वह नो-बॉल थी और वॉर्नर को जीवनदान मिल गया। इसके बाद चैनल 7 ने बताया कि वॉर्नर को आउट करने वाली गेंद को मिलाकर स्टोक्स ने उस ओवर में लगातार चार नो-बॉल फेंकी थी, लेकिन अंपायर इसमें से एक भी पकड़ने में नाकाम रहे थे।
दिसंबर 2019 में इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) ने पहली बार हर गेंद पर नो-बॉल देखने के लिए तीसरे अंपायर को नियुक्त किया था और फिर पिछले साल पाकिस्तान के इंग्लैंड दौरे पर इस तकनीकी का टेस्ट में पहली बार इस्तेमाल किया गया था। तीसरा अंपायर हर गेंद पर नो-बॉल देखता है और यदि गेंद वैध नहीं होती है तो मैदानी अंपायर को 15 सेकेंड के अंदर नो-बॉल घोषित करने का निर्देश देता है।
2018 में इंग्लैंड के श्रीलंका दौरे पर एक स्पेल में 12 नो-बॉल मिस करने के सबूत सामने आए थे। 2019-20 में पाकिस्तान के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर दो सेशन में 21 नो-बॉल मिस हुए थे।