विश्व कप इतिहास के अब तक के सबसे रोमांचक फाइनल मैचों पर एक नज़र
2019 क्रिकेट विश्व कप के पहले सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड ने भारत को हराकर फाइनल में जगह बनाई। वहीं दूसरे सेमीफाइनल में इंग्लैंड ने डिफेंडिंग चैंपियन ऑस्ट्रेलिया को हराकर फाइनल में प्रवेश किया है। क्रिकेट के इस सबसे बड़े टूर्नामेंट के 12वें संस्करण का फाइनल मुकाबला अब न्यूजीलैंड और इंग्लैंड के बीच 14, जुलाई को लॉर्ड्स में खेला जाएगा। इससे पहले आज हम आपको बताते हैं कि कब और किन टीमों के बीच हुए विश्व कप के सबसे रोमांचक फाइनल मैच।
जब लॉर्ड्स में भारतीय टीम ने रचा इतिहास
1983 विश्व कप के फाइनल मुकाबले में भारत ने पहले खेलते हुए दो बार की विश्व विजेता वेस्टइंडीज के सामने 184 रनों का मामूली सा लक्ष्य रखा था। इस मैच में भारत के आठ बल्लेबाज़ 20 से ज़्यादा का स्कोर नहीं बना पाए थे। जवाब में स्टार खिलाड़ियों से सजी वेस्टइंडीज की टीम सिर्फ 140 रनों पर ही ढ़ेर हो गई। भारत की घातक गेंदबाज़ी के आगे वेस्टइंडीज के सात बल्लेबाज़ दहाई का आंकड़ा भी नहीं छू सके थे।
जब पाकिस्तान ने पहली बार जीता विश्व कप का खिताब
1992 विश्व कप के फाइनल मुकाबले में पाकिस्तान ने मज़बूत इंग्लैंड के सामने इमरान खान (72) की शानदार पारी की बदौलत 250 रनों का लक्ष्य रखा था। जवाब में इंग्लैंड नियमित अंतराल पर विकेट खोती रही और पूरी टीम 49.2 ओवर में 227 रनों पर ऑलआउट हो गई। पाकिस्तान के लिए वसीम अकरम और मुशताक अहमद ने तीन-तीन विकेट लिए। वहीं आकिब जावेद ने दो विकेट अपने नाम किए।
जब श्रीलंका ने ऑस्ट्रेलिया को हराकर रचा इतिहास
1996 विश्व कप के फाइनल में ऑस्ट्रेलिया ने मार्क टेलर (74) की कप्तानी पारी की बदलौत 50 ओवर में 241 रन बनाए थे। फाइनल के हिसाब से इसे एक बड़ा लक्ष्य माना जा रहा था। जवाब में श्रीलंका ने भी सिर्फ 23 रन पर दो विकेट गवा दिए, लेकिन उसके बाद गुरुसिंहा (65) और अरविंद डिसिल्वा (107*) ने 125 रनों की रिकॉर्ड साझेदारी कर श्रीलंका को मैच जिता दिया। अरविंद डिसिल्वा ने इस मैच में तीन विकेट भी लिए थे।
जब धोनी ने छक्का लगाकर भारत को जिताया खिताब
2011 विश्व कप के फाइनल मुकाबले में श्रीलंका ने महेला जयावर्धने (103*) की शतकीय पारी की बदौलत 50 ओवर में 274 रन बनाए थे। 2003 विश्व कप के बाद पहली बार फाइनल में इतने ज़्यादा रन बने थे। जवाब में भारत की शुरुआत खराब रही, लेकिन गौतम गंभीर (97) और एम एस धोनी (91*) ने 10 गेंद पहले ही भारत को खिताब जिता दिया। भारत के लिए इस मैच में युवराज सिंह और ज़हीर खान ने 2-2 विकेट लिए थे।