बचपन में पिता को खोया, मां बस कंडक्टर; बेटा खेलेगा अंडर-19 विश्व कप फाइनल
2020 अंडर-19 विश्व कप के फाइनल में पहुंच चुकी भारतीय टीम का सामना खिताबी जंग के लिए बांग्लादेश से होगा। इस विश्व कप में भारत के लिए ओपनर बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल ने सबसे ज़्यादा रन बनाए हैं और उनके द्वारा अपने लाइफ में किए गए संघर्षों के बारे में तो आज सबको पता है। हालांकि, इस टीम में एक और खिलाड़ी है जिसकी मां बस कंडक्टर है और वह भारत के लिए फाइनल खेलने को तैैयार है।
बाएं हाथ के स्पिन गेंदबाज अथर्व अंकोलेकर
अथर्व अंकोलेकर ने यहां तक पहुंचने के लिए बहुत संघर्ष किया है। अंकोलेकर बाएं हाथ की स्पिन गेंदबाजी करने के अलावा निचले क्रम में अच्छी बल्लेबाजी भी कर लेते हैं। न्यूजीलैंड के खिलाफ उन्होंने चोट के बावजूद शानदार गेंदबाजी करते हुए तीन विकेट लिए, तो वहीं ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अर्धशतक लगाकर भारत को चैलेंजिग टोटल तक पहुंचाया। अंकोलेकर ने इस विश्व कप में अब तक चार विकेट लिए हैं। वह भारतीय टीम की सबसे मजबूत कड़ी में से एक हैं।
छुड़वाना चाहते हैं मां की नौकरी
अंकोलेकर की मां बस कंडक्टर हैं, लेकिन अंकोलेकर चाहते थे कि वह कुछ ऐसा करें जिससे उनकी मां को यह नौकरी नहीं करनी पड़े। यूथ एशिया कप फाइनल में शानदार प्रदर्शन के बाद उन्हें उम्मीद थी कि वह IPL में कम से कम अपनी बेस प्राइस 20 लाख रूपये में तो बिक ही जाएंगे। हालांकि, कोई लिस्ट-ए मैच नहीं खेलने के कारण वह नीलामी में नहीं बिके और उनकी इच्छा पूरी नहीं हो सकी।
कंडक्टर होने के साथ-साथ घर पर ट्यूशन भी पढ़ाती हैं अंकोलेकर की मां
अंकोलेकर की मां वैदेही बृहन्मुंबई इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई एंड ट्रांसपोर्ट (BEST) में बस कंडक्टर हैं। सुबह की शिफ्ट में नौकरी करने के बाद वह घर आने के पर शाम में घर पर ही बच्चों को ट्यूशन भी पढ़ाती हैं।
IPL में नहीं बिकने के बाद उदास था अंकोलकेर- वैदेही
अंकोलेकर की मां वैदेही ने बताया कि इस साल IPL में नहीं बिकने के कारण वह उदास था, लेकिन IPL तो हर साल आता है और अंडर-19 विश्व कप जिंदगी में एक बार। उन्होंने आगे कहा, "यह उसकी लाइफ को बदलने वाला लम्हा हो सकता है। यदि भारत यह मैच जीतता है तो उसे भविष्य में बहुत मौके मिलेंगे। बड़ा फाइनल जीतने के बाद उसका आत्मविश्वास भी काफी बढ़ेगा।"
अंकोलेकर ने 10 साल की उम्र में ही पिता को खो दिया था
अंकोलेकर के पिता भी बस कंडक्टर थे और साथ ही में वह क्लब क्रिकेट भी खेलते थे, लेकिन अंकोलेकर की उम्र जब 10 साल थी तभी उनकी मौत हो गई। इसके बाद से उनकी मां ने अकेले उन्हें और उनके छोटे भाई को पाला है। अंकोलेकर के कोच प्रशांत शेट्टी कहते हैं कि अंकोलेकर का परिवार उन्हें आगे ले जाने के लिए काफी संघर्ष कर रहा था और उन्हें फेलियर का काफी डर था।
अंकोलेकर के स्थाई क्रिकेटर बनने तक नौकरी करती रहूंगी- वैदेही
अंकोलेकर की मां का कहना है कि भले ही उनका बेटा उन्हें नौकरी नहीं करने देना चाहता है, लेकिन फिलहाल वह नौकरी नहीं छोड़ सकती हैं। उन्होंने कहा, "उसकी सैलरी फिक्स नहीं है। वह जिस टूर्नामेंट में खेलता है उसी के पैसे मिलते हैं। मेरा दूसरा बेटा 14 साल का है और वह भी क्रिकेट खेलता है।" वैदेही ने आगे कहा कि जब तक अंकोलेकर स्थाई क्रिकेटर नहीं बन जाते, वह अपनी नौकरी जारी रखेंगी।
9 फरवरी को बांग्लादेश से होगा फाइनल
2020 अंडर-19 विश्व कप का फाइनल 9 फरवरी को भारत और बांग्लादेश के बीच खेला जाएगा। भारत ने पाकिस्तान को और बांग्लादेश ने न्यूजीलैंड को सेमीफाइनल में हराकर फाइनल में जगह बनाई है।