#NewsBytesExclusive: सचिन और कोहली को आदर्श मानने वाले उन्मुक्त चंद से खास बातचीत
भारत अब तक चार बार अंडर-19 विश्व कप जीत चुका है। भारतीय टीम ने 2000 में मोहम्मद कैफ, 2008 में कोहली, 2012 में उन्मुक्त चंद और 2018 में पृथ्वी शॉ की कप्तानी में अंडर-19 विश्व कप जीता है। इन सब में उन्मुक्त को छोड़ बाकी सभी को भारत के लिए खेलने का मौका मिला। उन्मुक्त भले ही भारत के लिए नहीं खेल सके, लेकिन घरेलू क्रिकेट में उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया है। पढ़िए उन्मुक्त चंद से न्यूज़बाइट्स की खास बातचीत।
2012 विश्व कप फाइनल में उन्मुक्त चंद ने खेली थी मैच विनिंग पारी
2012 अंडर-19 विश्व कप के फाइनल मुकाबले में उन्मुक्त चंद ने नाबाद 111 रनों की पारी खेल कर भारत को तीसरी बार विश्व कप विजेता बनाया था। ऑस्ट्रेलिया से मिले 226 रनों के लक्ष्य को भारतीय टीम ने उन्मुक्त चंद की मैच विनिंग पारी की बदौलत 14 गेंद शेष रहते ही हासिल कर लिया था। उन्मुक्त चंद के इस प्रदर्शन की बदौलत उन्हें 'मैन ऑफ द मैच' के खिताब से नवाज़ा गया था।
क्रिकेटिंग जीवन में कई उतार-चढ़ाव रहे- उन्मुक्त चंद
तब से अपनी यात्रा पर बातचीत करते हुए, उन्होंने कहा कि उनके क्रिकेटिंग जीवन में बहुत सारे उतार-चढ़ाव शामिल हैं। उन्होंने बताया कि एक समय सब कुछ ठीक था और वह भारत के लिए खेलने के करीब थे, लेकिन दुर्भाग्य से चीज़े उनके अनुकूल नहीं हुई। उन्मुक्त ने बताया कि तीन साल तक भारत-ए के लिए खेलने के बाद उन्हें लगा था कि वह सीनियर टीम के लिए खेलने के करीब थे, लेकिन अचानक चीज़ें बदल गईं।
ज़रूरत पड़ी तो टूटे जबड़े के साथ फिर खेलूंगा- चंद
टूटे जबड़े के साथ शतक बनाने पर चंद ने कहा, "मुझे एक झटका लगा, लेकिन मुझे खेल खेलना था। मेरा जबड़ा खेलते समय इसमें शामिल नहीं होता है, इसलिए मैं अपना 100% दे सकता हूं। अगर ज़रूरत पड़ी तो टूटे जबड़े के साथ फिर खेलूंगा।"
2016 में आखिरी बार IPL में खेले थे उन्मुक्त चंद
उन्मुक्त चंद IPL में अब तक मुंबई, राजस्थान रॉयल्स और दिल्ली के लिए खेल चुके हैं। 21 मैचों में उन्मुक्त के नाम 300 रन हैं। उन्मुक्त ने तीन साल पहले IPL 2016 में मुंबई इंडियंस के लिए खेला था, उसके बाद MI ने उन्हें रिलीज़ कर दिया था। उसके बाद से उन्हें कोई खरीदार नहीं मिला। इस पर उन्मुक्त ने कहा, मुंबई इंडियंस ने वही किया जो उन्हें सही लगा। उनके पास पहले से ही एक सेट टीम थी।
'मुंबई इंडियंस के लिए खेलना शानदार था'
अपने यादगार IPL कार्यकाल (Stint) पर बात करते हुए उन्मुक्त ने कहा, "व्यक्तिगत रूप से मैंने हमेशा मुंबई इंडियंस के साथ खेलने का आनंद लिया है। मुझे वहां खेलने में बहुत मज़ा आया। यह एक शानदार टीम थी, जिसके आसपास महान लोग थे।"
दिल्ली क्रिकेट टीम में न चुना जाना शॉकिंग था- चंद
पिछले साल उन्मुक्त चंद ने सार्वजनिक रूप से कहा था कि वह DDCA की राजनीति से नाखुश हैं। उन्होंने यह कह कर इस मामले पर और प्रकाश डाला कि उनके दिल्ली टीम से निकलने में उनकी फॉर्म और राजनीति दोनों शामिल थे। उन्मुक्त ने कहा कि इंडिया-ए का नेतृत्व करना और दिल्ली की तरफ से नहीं चुना जाना उनके लिए चौंकाने वाला था। आगे उन्होंने कहा कि इससे उन पर प्रदर्शन करने का अतिरिक्त दबाव पड़ा।
नियमित रूप से डायरी लिखते थे चंद
उन्मुक्त ने 2013 में 'द स्काई इज द लिमिट' नाम की किताब लिखी थी। जब हमने उनसे पूछा कि किससे प्रभावित हो कर आप ने किताब लिखी। इस पर उन्होंने कहा कि उनके पास किताब लिखने के लिए पहले से एक चीज थी। उन्होंने बताया कि वह अपनी डायरी नियमित रूप से लिखते थे, इसलिए उन्होंने कहा कि हर एक मैच खेलने के बाद उन्होंने जो विचार एकत्र किए थे, उन विचारों ने उन्हें किताब लिखने के लिए प्रेरित किया।
सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली हैं उन्मुक्त चंद के आदर्श
हर क्रिकेटर का एक आदर्श होता है। उन्मुक्त, सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली को अपना आदर्श मानते हैं। उन्होंने कहा कि वह शुरू में सचिन के फैन थे। जिस तरह से सचिन अपने समय में बल्लेबाजी करते थे। वह उन्हें देखा करते थे। सचिन के बाद उन्हें कोहली और एम एस धोनी की बल्लेबाज़ी ने प्रभावित किया। उनका यह भी मानना है कि प्रेरणा से अधिक इन आदर्शों ने उन्हें एक क्रिकेटर के रूप में बेहतर बनने में मदद की।
मौजूदा अंडर-19 टीम को उन्मुक्त चंद ने दिया संदेश
हम से बातचीत में उन्मुक्त ने मौजूदा अंडर -19 टीम को एक संदेश भी दिया। उन्होंने कहा, "कड़ी मेहनत करते रहो, बेहतर बनने के लिए मेहनत करो और बड़ा सोचते रहो। देश के लिए खेलना सबसे बड़ा सपना होना चाहिए।"