
बल्लेबाजी पर ध्यान लगाने के लिए अन्य फॉर्मेट में भी कप्तानी छोड़ सकते हैं कोहली- शास्त्री
क्या है खबर?
विराट कोहली अब टी-20 अंतरराष्ट्रीय में भारत के कप्तान नहीं रहे हैं। उन्होंने टी-20 विश्व कप शुरु होने से पहले ही इस बात का ऐलान कर दिया था कि वह इस टूर्नामेंट के बाद टी-20 में कप्तानी नहीं करेंगे।
हाल ही में भारतीय टीम के साथ अपना कार्यकाल पूरा करने वाले रवि शास्त्री ने अब संकेत दिए हैं कि कोहली अपनी बल्लेबाजी पर ध्यान लगाने के लिए अन्य फॉर्मेट में भी कप्तानी छोड़ सकते हैं।
बयान
भविष्य में कप्तानी छोड़ सकते हैं कोहली- शास्त्री
इंडिया टुडे के साथ बातचीत के दौरान पूर्व कोच शास्त्री ने कहा कि भविष्य में बल्लेबाजी पर ध्यान लगाने के लिए कोहली अन्य फॉर्मेट में भी कप्तानी छोड़ सकते हैं।
उन्होंने आगे कहा, "यह अचानक नहीं होगा, लेकिन ऐसा हो जरूर सकता है। कई सफल खिलाड़ियों ने अपनी बल्लेबाजी पर ध्यान लगाने के लिए कप्तानी छोड़ी है। कोहली एक और फॉर्मेट या फिर दोनों फॉर्मेट में कप्तानी छोड़ सकते हैं।"
ब्रेक
न्यूजीलैंड के खिलाफ टी-20 सीरीज में नहीं खेलेंगे कोहली
टी-20 विश्व कप में भारतीय टीम सेमीफाइनल में नहीं पहुंच सकी थी और फिलहाल सभी खिलाड़ी वापस भारत आ चुके हैं। अब 17 नवंबर से भारत को न्यूजीलैंड के खिलाफ टी-20 सीरीज शुरु करनी है।
इसके बाद दो मैचों की टेस्ट सीरीज भी खेली जानी है। कोहली ने टी-20 सीरीज और पहले टेस्ट में नहीं खेलने का फैसला लिया है। वह दूसरे और अंतिम टेस्ट में टीम को लीड करते दिखेंगे।
कप्तानी
अलग-अलग कप्तान रहने पर खिलाड़ियों पर पड़ेगा कम दबाव- शास्त्री
बॉयो-बबल के कारण होने वाली परेशानियों पर शास्त्री ने कहा कि यदि अलग-अलग फॉर्मेट में अलग-अलग कप्तान होंगे तो इससे खिलाड़ियों पर दबाव कम रहेगा।
उन्होंने कहा, "बहुत सारे खिलाड़ी ब्रेक लेंगे। मुझे एहसास हो रहा है कि कई खिलाड़ी ब्रेक चाहते हैं और यह सही भी है। आपको समय-समय पर खेल से खुद को दूर करना पड़ेगा। IPL को भी जोड़ लें तो हम दुनिया में सबसे अधिक क्रिकेट खेलते हैं।"
प्रदर्शन
ऐसा रहा शास्त्री के अंडर भारतीय टीम का प्रदर्शन
शास्त्री के अंडर भारत ने 42 में से 24 टेस्ट जीते और केवल 13 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। शास्त्री के अंडर भारत ने 79 में से 53 वनडे मैच जीते और केवल 23 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इस दौरान दो मैच टाई भी रहे।
टी-20 में भी भारत को 68 में से 46 मैचों में जीत मिली और केवल 20 में उन्हें हार झेलनी पड़ी। इस दौरान दो मैचों का परिणाम नहीं निकल सका।