क्या है पहलवानों और WFI के बीच चल रहा पूरा विवाद? जानिए अब तक क्या-क्या हुआ
भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) और पहलवानों के बीच बड़ा विवाद खड़ा हो चला है। बीते बुधवार से ही WFI के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ भारत के शीर्ष पहलवान जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे हैं। विनेश फोगाट और साक्षी मलिक समेत अन्य शीर्ष पहलवानों ने बृजभूषण पर कई महिला पहलवानों के साथ यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है। इसके अलावा भी उन पर कई आरोप लग रहे हैं। आइए इस मामले को विस्तार से जानते हैं।
लखनऊ के राष्ट्रीय शिविर में कई महिला खिलाड़ियों का हुआ शोषण- विनेश फोगाट
विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में दो पदक जीतने वाली इकलौती भारतीय महिला पहलवान विनेश ने दावा किया कि लखनऊ के राष्ट्रीय शिविर में कई कोचों ने महिला पहलवानों का यौन शोषण किया है। इसके साथ-साथ उन्होंने आरोप लगाया कि WFI के मुखिया भी इन मामलों में संलिप्त रहे हैं। उन्होंने आगे कहा, "कोच महिलाओं को प्रताड़ित कर रहे हैं। हमें मारने की धमकी दी जा रही है। हम लोग अपना करियर दांव पर लगाकर धरने पर बैठे हैं।"
साक्षी मलिक भी समर्थन में धरने पर बैठी
रियो ओलंपिक 2016 में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रचने वाली साक्षी मलिक भी इस धरने का मुख्य चेहरा बनी हुई है। उन्होंने इस मामले में मीडिया से कहा कि वे उन खिलाड़ियों को बचाने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं, जिनका WFI के कोचों और अध्यक्ष ने यौन शोषण किया था। उन्होंने कहा कि जांच शुरू होने के बाद वे नामों का खुलासा करेंगे। साक्षी के साथ उनके पति और पहलवान सत्यव्रत कादियान भी धरने पर मौजूद हैं।
WFI पहलवानों के हितों को नजरअंदाज कर रहा है- बजरंग पूनिया
ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया ने भी वर्तमान अध्यक्ष पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि WFI पहलवानों के हितों को ध्यान में रखे बिना काम कर रहा है। उन्होंने आगे कहा कि वह अपनी कुश्ती को बचाने के लिए लड़ रहे हैं। कुश्ती में जिस तरह से खिलाड़ियों को प्रताड़ित किया जा रहा है, ऐसे में अगले ओलंपिक में भारतीय पहलवानों का पदक जीतना मुश्किल है।
क्या मांग कर रहे हैं भारतीय पहलवान?
दिल्ली का जंतर-मंतर अब अखाड़ा बनता हुआ नजर आ रहा है, जहां WFI और भारत के शीर्ष पहलवान आमने-सामने हैं। धरने पर बैठे इन पहलवानों ने पूरे WFI को हटाने के साथ-साथ इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। धरने पर बैठे पहलवान यह नहीं चाहते कि बृजभूषण फिर से इस भूमिका में नजर आएं। खिलाड़ियों का कहना है कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर उन्हें यौन शोषण के सारे सबूत सौंपेंगे।
आरोपों पर क्या बोले बृजभूषण सिंह?
बृजभूषण ने अपने ऊपर लगाए गए सभी आरोपों से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि अगर आरोप साबित हुए तो वह फांसी पर लटक जाएंगे। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ साजिश की जा रही है, लेकिन वह जांच के लिए तैयार हैं। अपनी सफाई के साथ-साथ वर्तमान अध्यक्ष ने धरने पर बैठे पहलवानों पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा है कि ओलंपिक विजेता पहलवान ट्रायल नहीं चाहते हैं और ज्यादातर खिलाड़ी फेडरेशन के साथ हैं।
भाजपा के रसूखदार नेता हैं बृजभूषण सिंह
WFI के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले की कैसरगंज लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद हैं। वह छह बार लोकसभा सदस्य निर्वाचित हो चुके हैं। उन्होंने 2011 में WFI की कमान संभाली थी और इसके बाद वह 2019 में तीसरी बार WFI के अध्यक्ष चुने गए थे। गौरतलब है कि सक्रिय राजनीति में आने से पहले सिंह गोंडा में कुश्ती प्रतियोगिताएं आयोजित करवाते थे।
22 जनवरी को इस्तीफा दे सकते हैं ब्रजभूषण
ब्रजभूषण इन गंभीर आरोपों के बाद विवादों में घिर गए हैं और 22 जनवरी को अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, वह WFI की वार्षिक परिषद बैठक (ACM) में अपने इस्तीफे की पेशकश करेंगे।
खेल मंत्रालय ने महासंघ से मांगा जवाब
खेल मंत्रालय ने महासंघ से 72 घंटे के अंदर इस मामले का जवाब देने के लिए कहा है और जवाब न मिलने पर कड़ी कार्रवाई की बात कही है। इस विवाद का असर अब जमीनी स्तर पर देखने को मिला है। महासंघ और पहलवानों की इस लड़ाई के बीच उत्तर प्रदेश में महिलाओं की कुश्ती का राष्ट्रीय कैंप भी रद्द हो गया है। दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाती मालीवाल ने भी WFI अध्यक्ष को नोटिस जारी किया है।
इस मुद्दे पर हुई राजनीति शुरू
बृजभूषण सिंह नेता हैं और इस मामले में अब राजनीति भी शुरू हो गई है। विपक्ष के तमाम नेता इस मुद्दे के जरिए भाजपा को घेरने का प्रयास कर रहे हैं। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPM) की वरिष्ठ नेता वृंदा करात आज दिल्ली के जंतर-मंतर पर पहुंची थी। इसे देखते हुए बजरंग पूनिया ने उन्हें माइक देने से साफ इनकार कर दिया और उनसे मंच से उतरने की अपील कर दी। उन्होंने कहा कि प्लीज इसको राजनीति का मुद्दा न बनाइए।