IPL नीलामी 2023: क्या है टाई-ब्रेक नियम और यह कैसे करता है काम?
इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के 2023 में होने वाले अगले सीजन के लिए शुक्रवार (23 दिसंबर) को मिली नीलामी का आयोजन होगा। नीलामी कोच्चि में भारतीय समायानुसार दोपहर 2.30 बजे से शुरू होगी। नीलामी के लिए 991 खिलाड़ियों ने रजिस्ट्रेशन करवाया है, हालांकि केवल 87 खिलाड़ी ही खरीदे जा सकेंगे। खिलाड़ियों के खरीदने के लिए कुछ नियम भी हैं, इन्हीं में से एक है 'टाई-ब्रेक नियम'। आइये जानते हैं क्या है ये नियम और कैसे होता है इसका इस्तेमाल?
नीलामी में कैसे होता है टाई-ब्रेक नियम का उपयोग?
वैसे 'टाई-ब्रेक नियम' का उपयोग काफी कम ही देखने को मिलता है। इस नियम के तहत जब किन्हीं दो फ्रेंचाइजी के बीच किसी खिलाड़ी को खरीदने के लिए होड़ (राशि मैच कर जाए) लग जाए और दोनों के ही पर्स में पैसे खत्म हो जाए तो इसका उपयोग किया जाता है। तब दोनों फ्रेंचाइजियों को अपनी-अपनी बोली लिखित में देने के लिए कहा जाता है। जिस फ्रेंचाइजी की बोली अधिक होती है, खिलाड़ी उसी का हो जाता है।
2010 में आया था टाई-ब्रेक नियम
वैसे यहां यह जानना भी आवश्यक है कि 'टाई-ब्रेक नियम' के तहत खिलाड़ी को तो उतनी ही राशि मिलती है, जितनी फ्रेंचाइजी के पर्स में शेष होती है। शेष राशि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के खाते में चली जाती है। इस प्रक्रिया के तहत फ्रेंचाइजी को एक फॉर्म भरना होता है, जिसमें राशि का जिक्र होता है। टाई-ब्रेक का नियम 2010 में चर्चा में आया था, तब इसे मिनी IPL नीलामी के लिए लागू किया गया था।
IPL में आएगा 'इंपैक्ट प्लेयर' नियम?
BCCI 'इंपैक्ट प्लेयर' के प्रयोग को IPL में भी लागू करने जा रही है। इसे पहली बार इसी साल सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी टूर्नामेंट में लागू किया गया था। इस नियम के तहत कप्तान को अंतिम एकादश के साथ चार अन्य खिलाड़ियों के नाम भी सब्सिट्यूट के तौर पर बताने होंगे। इन चारों खिलाड़ियों में से किसी एक को 'इम्पैक्ट प्लेयर' नियम के तहत मैच के बीच में ही किसी अन्य खिलाड़ी की जगह खिलाया जा सकता है।
नीलामी से जुड़ी अहम जानकारी
BCCI ने इसी माह नीलामी से जुड़ी जानकारी साझा की थी। BCCI की ओर से जारी बयान के अनुसाह, "हर फ्रेंचाइजी को अपनी टीम में अधिकतम 25 खिलाड़ी रखने होते हैं, ऐसे में नीलामी में 87 खिलाड़ी खरीदे जा सकते हैं, जिनमें से 30 खिलाड़ी विदेशी हो सकते हैं।" गौरतबल है कि नीलामी से पहले पंजीकृत सूची की छंटाई की जाती है। इसके बाद टीम नीलामी के लिए शॉर्टलिस्ट किए गए नामों पर जाने से पहले वरीयता सूची डालती है।