जब विश्व कप सेमीफइनल मैच हुआ टाई, विश्व कप के सभी टाई मुकाबलों पर एक नजर
विश्व कप चार साल में होने वाला क्रिकेट का महाकुंभ है और लगभग हर विश्व कप में कुछ न कुछ नए रिकॉर्ड बनते रहते हैं। शतक, विकेट या फिर सबसे बड़ा उच्चतम स्कोर, विश्व कप में अनगिनत रिकॉर्ड बन चुके हैं, लेकिन कुछ ऐसे रिकॉर्ड भी हैं जिनके बारे में कम ही लोगों को पता होगा। विश्व कप के ऐसे ही रिकॉर्ड्स में से एक है टाई मैच। विश्व कप में खेले गए सभी टाई मुकाबलों पर एक नजर।
1999 में हुआ पहली बार विश्व कप मुकाबला टाई
1999 विश्व कप के दूसरे सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका के बीच मुकाबला हुआ। ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए माइकल बेवन (65) की जुझारी पारी की बदौलत 213 रन बनाए। जवाब में बल्लेबाजी करने उतरी दक्षिण अफ्रीका के लिए जैक्स कैलिस ने 53 रन बनाए, लेकिन शेन वार्न के चार विकेटों की बदौलत ऑस्ट्रेलिया ने अफ्रीका को 213 रनों पर ही रोक दिया। मुकाबला टाई रहा, लेकिन बेहतर नेट रन रेट की बदौलत ऑस्ट्रेलिया फाइनल में पहुंची।
2003 में एक बार फिर अफ्रीका ने खेला टाई मुकाबला
श्रीलंका ने पहले बल्लेबाजी करते हुए मर्वन अटापट्टू (124) की बदौलत 268 रनों का स्कोर खड़ा किया था। जवाब में बल्लेबाजी करते हुए दक्षिण अफ्रीका ने छह विकेट पर 229 रन बना लिए थे कि बारिश आ गई। 45वें ओवर की अंतिम गेंद जो मैच की आखिरी गेंद साबित हुई पर मार्क बाउचर कोई रन नहीं बना सके। बारिश बंद नहीं हुई और मुकाबला डकवर्थ-लुईल पद्धित से टाई घोषित हुआ।
2007 विश्व कप में भी हुआ एक मुकाबला टाई
2007 विश्व कप में आयरलैंड और जिम्बावे के बीच खेला गया ग्रुप मुकाबला टाई रहा था। पहले बल्लेबाजी करते हुए आयरलैंड ने जेपी ब्रे (115) की बदौलत 221 रन बनाए थे। जवाब में बल्लेबाजी करने उतरी जिम्बावे ने छह विकेट पर 203 रन बना लिए थे, लेकिन फिर उनकी पारी लड़खड़ा गई। जिम्बावे ने अंतिम चार विकेट 18 रनों पर गंवा दिए और 221 पर टीम ऑलआउट हो गई। मुकाबला टाई पर समाप्त हुआ।
2011 में भारत ने खेला विश्व कप का अपना पहला टाई मुकाबला
2011 विश्व कप के ग्रुप स्टेज मुकाबले में इंग्लैंड के खिलाफ भारतीय टीम ने सचिन तेंदुलकर (120) और युवराज सिंह (58) की बदौलत 338 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया था। जवाब में बल्लेबाजी करने उतरी इंग्लैंड ने एंड्रयू स्ट्रॉस (158) की बदौलत तीन विकेट पर 281 रन बना लिए और मुकाबले में 44 गेंदे फेंकी जानी बाकी थी। भारतीय गेंदबाजों ने शानदार वापसी करते हुए इंग्लैंड को 338 रनों पर ही रोक दिया और मुकाबला टाई पर समाप्त हुआ।