सफल कप्तान, शानदार बल्लेबाज और बड़े मैच के खिलाड़ी रहे हैं गौतम गंभीर
क्या है खबर?
पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर 40 साल के हो गए हैं। बाएं हाथ के बल्लेबाज गंभीर आज अपना जन्मदिन मना रहे हैं। गंभीर का अंतरराष्ट्रीय और घरेलू करियर बेहद शानदार रहा है।
सलामी बल्लेबाज के अलावा गंभीर के अंदर कप्तानी की भी शानदार प्रतिभा थी जिसे उन्होंने मौका मिलने पर हर बार साबित किया था।
आइए जानते हैं गंभीर के करियर के कुछ अहम हाइलाइट्स जो बताते हैं कि गंभीर एक सलामी बल्लेबाज से कहीं अधिक थे।
शुरुआत
गंभीर के लिए काफी कठिन रहे थे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के शुरुआती चार साल
1999 में घरेलू क्रिकेट में अपना डेब्यू करने वाले गंभीर को लगभग चार साल के इंतजार के बाद 2003 में पहली बार भारतीय जर्सी पहनने का मौका मिला था। युवा ओपनिंग बल्लेबाज के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पहले चार साल बेहद कठिन रहे थे।
गंभीर ने इस दौरान खेले 14 टेस्ट में केवल एक और 37 वनडे में दो ही शतक लगाए थे। टेस्ट में उनका औसत 32.95 और वनडे में 30.67 का रहा था।
2007
2007 टी-20 विश्व कप से गंभीर ने किया नया आगाज
2007 क्रिकेट विश्व कप की टीम से बाहर होने के बाद गंभीर ने क्रिकेट छोड़ने का मन बना लिया था, लेकिन उसी साल हुए पहले टी-20 विश्व कप ने उनका भाग्य बदलने का काम किया।
टी-20 विश्व कप में शानदार प्रदर्शन के बाद गंभीर के करियर का नया आगाज हुआ। अगले तीन सालों में गंभीर के बल्ले से आठ टेस्ट और सात वनडे शतक निकले। इस दौरान उन्होंने 5,000 से अधिक रन भी बनाए।
टेस्ट
नेपियर में गंभीर ने खेली करियर की बेस्ट टेस्ट पारी
2009 में न्यूजीलैंड के खिलाफ नेपियर में खेले जा रहे दूसरे टेस्ट में भारत पहली पारी में 314 रनों से पिछड़ने के बाद फॉलो-ऑन खेल रहा था। भारत को मैच बचाने के लिए चमत्कार की जरूरत थी और गंभीर ने वो चमत्कार करके दिखाया।
गंभीर ने 436 गेंदों का सामना करते हुए 137 रनों की पारी खेली। लगभग 11 घंटे बल्लेबाजी करके गंभीर ने भारत के लिए वह टेस्ट ड्रॉ कराया था।
बड़े मैच
बड़े मैचों के खिलाड़ी थे गंभीर
2007 टी-20 विश्व कप फाइनल में भारत को शुरुआती झटके लगे थे। इसके बाद गंभीर ने 54 गेंदों में 75 रनों की पारी खेलकर भारत को 157/5 के स्कोर तक पहुंचाया था। गंभीर की इस पारी की बदौलत भारत चैंपियन बना था।
इसके चार साल बाद 2011 में गंभीर ने श्रीलंका के खिलाफ क्रिकेट विश्व कप फाइनल में 97 रनों की पारी खेली थी। गंभीर की यह पारी तब आई थी जब भारत का स्कोर 31/2 हो चुका था।
KKR
गंभीर ने बदल दिया कोलकाता नाइट राइडर्स का भाग्य
2011 में कोलकाता नाइट राइडर्स ने गंभीर को 11 करोड़ रुपये की रिकॉर्ड कीमत में खरीदा था और इस निर्णय ने उनका भाग्य बदल दिया। KKR के कप्तान के रूप में गंभीर ने पहले चार सीजन में दो बार खिताब जीता था।
वर्तमान समय में KKR के अहम खिलाड़ी सुनील नरेन को गंभीर के कहने पर ही खरीदा गया था। गंभीर ने बड़े नाम नहीं होने के बावजूद टीम को जीतना सिखाया था।
समझ
मैच को समझने में काफी कुशल थे गंभीर
आज के दौर में टीमें वीडियो एनालिस्ट और डगआउट से कोचों के इशारे से निर्णय लेती देखी जाती हैं, लेकिन गंभीर के पास मैच का रुख समझने की गजब क्षमता थी।
एमएस धोनी के खिलाफ 2016 में दो स्लिप, प्वाइंट और शॉर्ट लेग का खिलाड़ी लगाकर गंभीर ने आक्रामक कप्तानी का उदाहरण दिया था। गंभीर ने मैच की परिस्थिति को भांपते हुए धोनी को अधिक दबाव में डालने के लिए ऐसा किया था और इसमें सफल भी रहे थे।
बड़े फैसले
बड़े फैसले लेने से नहीं डरते थे गंभीर
2018 में गंभीर वापस दिल्ली कैपिटल्स की टीम में आए थे। टीम के लगातार हारने और अपने व्यक्तिगत प्रदर्शन में भी गिरावट को देखते हुए गंभीर ने बीच सीजन ही कप्तानी छोड़ दी थी और प्लेइंग इलेवन से भी बाहर हो गए थे।
इसके अलावा 2009 में श्रीलंका के खिलाफ वनडे में अपनी सर्वोच्च (150*) पारी खेलने के बाद गंभीर ने अपना 'मैन ऑफ द मैच' विराट कोहली (109) को दिया था। कोहली का यह पहला वनडे शतक था।