#BirthdaySpecial: क्रिकेट से अलग द्रविड़ की ये बातें उन्हें बनाती हैं एक महान शख्सियत
भारत के महान बल्लेबाज राहुल द्रविड़ आज अपना 47वां जन्मदिन मना रहे हैं। टेस्ट क्रिकेट में 13,288 और वनडे में 10,889 रन बनाने वाले द्रविड़ ने लगभग 16 साल तक भारतीय क्रिकेट टीम के लिए खेला। महान बल्लेबाज होने के साथ ही द्रविड़ काफी सरल स्वभाव के व्यक्ति हैं और वह अन्य लोगों की तरह सेलेब्रिटी बनकर नहीं रहना चाहते हैं। जानें, पांच किस्से जिनसे पता चलता है कि द्रविड़ का स्वभाव कितना सरल है।
डॉक्टरेट की मानद उपाधि लेने से किया मना
भारत के 68वें गणतंत्र दिवस पर बेंगलुरु यूनिवर्सिटी ने द्रविड़ को डॉक्टरेट की मानद उपाधि देने का फैसला लिया था। हालांकि, द्रविड़ ने काफी सम्मान के साथ इसे लेने से मना कर दिया और अपने जवाब में लिखा कि वह मानद उपाधि लेने की जगह रिसर्च करके डॉक्टरेट हासिल करना पसंद करेंगे। इसके अलावा 2014 में भी द्रविड़ ने गुलबर्ग यूनिवर्सिटी के मानद उपाधि को लेने से मना किया था।
वॉर्न को लेकर आटो में निकल पड़े थे द्रविड़
IPL के सातवें सीजन में द्रविड़ राजस्थान रॉयल्स की टीम में थे और उनके साथ ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज लेग स्पिनर शेन वॉर्न भी थे। द्रविड़ ने वॉर्न को शहर की मशहूर जगहें दिखाने का निर्णय लिया और उन्हें आटो में बैठाकर निकल पड़े। वॉर्न ने ट्विटर पर द्रविड़ की वह फोटो पोस्ट करते हुए उन्हें बेस्ट गाइड बताया था। इंटरनेशनल लेवल के इतने बड़े खिलाड़ी का आटो में बैठकर घूमना उसकी सरलता को साफ तौर पर दिखाता है।
ईमेल लिखकर पीटरसन को दिए बल्लेबाजी टिप्स
IPL के दूसरे सीजन में द्रविड़ और पूर्व इंग्लिश बल्लेबाज केविन पीटरसन रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के लिए खेल रहे थे। पीटरसन ने बाद में खुलासा किया कि बल्लेबाजी में सुधार लाने के लिए द्रविड़ ने उन्हें ईमेल लिखकर टिप्स दिए थे। यही नहीं पीटरसन ने द्रविड़ द्वारा लिखे गए ईमेल को अपनी ऑटोबायोग्राफी में प्रिंट भी किया है। पीटरसन ने बताया कि द्रविड़ के टिप्स की बदौलत उनकी बल्लेबाजी में काफी सुधार आया था।
साइंस फेयर में बच्चों के साथ लाइन में लगे द्रविड़
आमतौर पर जब कोई बड़ा व्यक्ति किसी इवेंट में पहुंचता है तो उसके लिए पहले से ही तैयारियां की जाती हैं। जहां एक ओर सेलेब्रिटी लोग किसी भी इवेंट में अच्छे रिसेप्शन की तलाश में होते हैं तो वहीं द्रविड़ हर जगह खुद को आम आदमी की तरह ही प्रदर्शित करते हैं। नवंबर 2017 में द्रविड़ अपने बच्चों के साथ साइंस फेयर में गए और वहां वीआईपी सुविधा लेने की बजाय वह आम लोगों की तरह लाइन में लगे रहे।
अंडर-19 विश्व कप के दौरान कनाडा के खिलाड़ियों का बढ़ाया हौसला
2016 में अंडर-19 विश्व कप के वॉर्म-अप मुकाबले में भारत ने कनाडा को 372 रनों के बड़े अंतर से हराया था। द्रविड़ को पता था कि इस हार से कनाडा अंडर-19 के खिलाड़ियों का दिल टूट सकता है और इसी कारण मैच के बाद उन्होंने खिलाड़ियों से मुलाकात की। उन्होंने खिलाड़ियों से कहा कि इस हार से निराश मत होइए। उन्होंने यह भी समझाया कि कनाडा और भारत की परिस्थियों और ट्रेनिंग में काफी अंतर है।