
क्या है खेलो इंडिया यूथ गेम्स? जानें इससे जुड़ी हर अहम बात
क्या है खबर?
असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल और यूथ अफेयर्स एंड स्पोर्ट्स के केंद्रीय मंत्री किरन रिजिजू की मौजूदगी में खेलो इंडिया यूथ स्पोर्ट्स का तीसरा संस्करण गुवाहाटी में शुरु हो चुका है।
इस बार पूरे देश से लगभग 6,500 एथलीट्स गुवाहाटी पहुंचे हैं जो 20 खेलों में 451 मेडल्स के लिए भिड़ेंगे।
आइए जानते हैं क्या है खेलो इंडिया यूथ स्पोर्ट्स और इससे जुड़ी अन्य तमाम जरूरी चीजें।
प्रतिभागी
स्कूल और कॉलेज के बच्चे लेते हैं इस इवेंट में हिस्सा
खेलो इंडिया यूथ गेम्स की शुरुआत 2018 में खेलो इंडिया स्कूल गेम्स के रूप में हुई थी।
इसमें दो तरह के प्रतिभागी हिस्सा लेते हैं। अंडर-17 कैटेगिरी में स्कूल और अंडर-21 कैटेगिरी में कॉलेज के स्टूडेंट्स इसमें हिस्सा लेते हैं।
इसका आयोजन साल में एक बार जनवरी या फरवरी में किया जाता है और यह नेशनल लेवल का ग्रासरूट गेम्स है।
हर साल इसमें 1,000 बेस्ट खिलाड़ियों को चुना जाता है।
2018
2018 में 16 खेलों में खिलाड़ियों ने लिया था हिस्सा
इस इवेंट का पहला संस्करण दिल्ली के इंदिरा गांधी अरेना में आयोजित किया गया था जिसमें 16 खेल शामिल थे।
इन खेलों में खिलाड़ी कुल 209 गोल्ड मेडल्स के लिए आमने-सामने आए थे।
बैडमिंटन, बास्केटबॉल, बॉक्सिंग, जिमनास्टिक, जूडो, कबड्डी, वालीबॉल, रेसलिंग, एथलेटिक्स, फुटबॉल, खो-खो, वेटलिफ्टिंग, स्विमिंग, हॉकी और शूटिंग जैसे खेल पहले संस्करण का हिस्सा थे।
जवाहर लाल नेहरू और ध्यानचंद स्टेडियम को भी प्रयोग में लाया गया था।
जानकारी
चुने गए खिलाड़ियों को मिलती है पांच लाख सालाना की स्कॉलरशिप
हर साल चुने गए 1,000 बेस्ट खिलाड़ियों को आठ साल तक पांच लाख रूपये सालाना की स्कॉलरशिप दी जाती है। इस पैसे से वे खुद को अच्छी तरह ट्रेन कर सकेंगे जिससे आगे चलकर इंटरनेशनल लेवल पर वे भारत का प्रतिनिधित्व करें।
चुनाव
इस तरह से होता है खिलाड़ियों का चुनाव
17 साल से कम उम्र के केवल चुने गए खिलाड़ी ही इस इवेंट में हिस्सा ले सकते हैं।
व्यक्तिगत खेलों में आठ खिलाड़ी स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया की तरफ से, चार नामांकन फेडरेशन, एक सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंड्री एजूकेशन (CBSE), एक होस्ट स्टेट और दो वाइल्ड कार्ड एंट्री दी जाती है।
टीम स्पोर्ट में चार नेशनल स्कूल गेम्स, दो फेडरेशन के नामांकन, एक होस्ट स्टेट और एक आयोजक कमेटी की तरफ से सिलेक्ट किए जाते हैं।
जानकारी
तीरंदाजी, बैडमिंटन और शूटिंग में इस तरह चुने जाते हैं खिलाड़ी
तीरंदाजी, बैडमिंटन और शूटिंग में नेशनल स्कूल गेम्स के टॉप-16, फेडरेशन के आठ नामांकन, एक CBSE, एक होस्ट स्टेट, एक आयोजक कमेटी और छह वाइल्ड एंट्री को चुना जाता है।
प्रदर्शन
हरियाणा और महाराष्ट्र का अब तक रहा है जलवा
2018 के इवेंट में हरियाणा विजेता रही थी। उन्होंने 38 गोल्ड मेडल सहित कुल 102 मेडल अपने नाम किए थे।
महाराष्ट्र ने उस साल 111 मेडल जीते थे, लेकिन उन्हें केवल 36 गोल्ड मेडल ही मिले थे।
2019 में महाराष्ट्र ने कुल 228 मेडल अपने नाम किए जिसमें 85 गोल्ड थे।
हरियाणा को उस साल 178 मेडल मिले थे। उन्होंने 62 गोल्ड मेडल जीते थे।
दिल्ली ने 2018 में 94 और 2019 में 136 मेडल जीते थे।