टेस्ट क्रिकेट इतिहास में अब तक की पांच सबसे बेहतरीन स्पिन गेंदबाजी जोड़ियां
टेस्ट क्रिकेट में स्पिनर्स का रोल काफी अहम होता है, लेकिन एशिया के बाहर टीमें अक्सर एक स्पिनर के साथ उतरने का फैसला लेती हैं। हालांकि, एशिया में खेले जाने वाले टेस्ट मैचों में स्पिनर्स का रोल काफी अहम हो जाता है और टीमें स्पिनर्स की जोड़ी उतारती हैं। एक नजर डालते हैं टेस्ट क्रिकेट की सबसे ज़्यादा सफल रहने वाली स्पिनर्स की पांच जोड़ियों पर।
मुरलीधरन और जयसूर्या- 667 विकेट
टेस्ट क्रिकेट की सबसे सफल जोड़ी की बात करें तो इसमें श्रीलंका के पूर्व स्पिनर मुथैय्या मुरलीधरन और बल्लेबाज सनथ जयसूर्या पहले स्थान पर मौजूद हैं। इनकी जोड़ी ने 90 टेस्ट मैच में 667 विकेट झटके हैं, लेकिन इसमें मुरली ने अकेले 584 विकेट अपने नाम किए हैं। इस जोड़ी द्वारा लिए गए 667 में से 460 विकेट श्रीलंका में खेले गए 59 टेस्ट मैचों से आए हैं।
कुंबले और हरभजन- 501 विकेट
भारत के लिए स्पिनर जोड़ी के रूप में अनिल कुंबले और हरभजन सिंह की जोड़ी सबसे ज़्यादा सफल रही है। इन दोनों ने 54 टेस्ट में 501 विकेट आपस में बांटे हैं। ये इकलौती ऐसी जोड़ी है जिसमें दोनों ही गेंदबाजों ने साथ खेलते हुए 200 से ज़्यादा विकेट लिए हैं। कुंबले ने 281 तो वहीं हरभजन ने 220 विकेट अपने नाम किए हैं। कुंबले टेस्ट में तीसरे सबसे ज़्य़ादा विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं।
अश्विन और जडेजा- 379 विकेट
रविचंद्रन अश्विन और रविंद्र जडेजा ने एशिया में अपने प्रदर्शन के साथ यह साबित कर दिया है कि वे कुंबले और हरभजन से बड़े मैच विनर हैं। इनकी जोड़ी ने अब तक खेले 37 टेस्ट में 379 विकेट आपस में बांटे हैं। अश्विन और जडेजा ने अब 37 टेस्ट साथ में खेले हैं जिसमें से 29 में भारत को जीत मिली है। हालांकि, इन 37 में से 33 टेस्ट भारत ने अपने घर में खेले हैं।
चंद्रशेखर और बेदी- 368 विकेट
बी चंद्रशेखर और बिशन सिंह बेदी ने एक साथ खेले 42 टेस्ट में 368 विकेट हासिल किए हैं। 60 और 70 के दशक में इन स्पिनर्स ने विश्व क्रिकेट में भारतीय स्पिन का दबदबा कायम किया था। द ओवल में इंग्लैंड के खिलाफ चंद्रशेखर ने आठ विकेट लेकर मेज़बान टीम की कमर तोड़ दी थी। चंद्रशेखर ने भारत के लिए 58 टेस्ट में 29.75 की औसत के साथ 242 विकेट हासिल किए हैं।
बेदी और प्रसन्ना- 331 विकेट
चंद्रशेखर के साथ अच्छी पार्टनरशिप करने के अलावा बेदी ने एरापिल्ली प्रसन्ना के साथ भी 43 टेस्ट में 331 विकेट बांटे हैं। 1968 में न्यूजीलैंड दौरे पर प्रसन्ना ने चार टेस्ट में 24 तो वहीं बेदी ने चार टेस्ट में 16 विकेट झटके थे। प्रसन्ना ने भारत के लिए 49 टेस्ट में 30.38 की औसत से 189 तो वहीं बेदी ने 67 टेस्ट में 28.71 की औसत से 266 विकेट हासिल किए हैं।