क्या है रिवर्स स्विंग? जानिए इससे जुड़ी हर बारीकी
रिवर्स स्विंग की कला टेस्ट क्रिकेट में तेज गेंदबाजों के लिए बड़ा हथियार मानी जाती है। भले ही यह दशकों से तेज गेंदबाजों का अहम हथियार रहा है, लेकिन बेहद कम गेंदबाज ही इस महारत को हासिल कर सके हैं। जिस प्रकार गेंदबाजों को इस कला को हासिल करने में काफी कठिनाई होती है उसी प्रकार बल्लेबाजों के लिए भी इसे पढ़ पाना काफी कठिन होता है। आइए जानें रिवर्स स्विंग से जुड़ी हर बारीकी के बारे में।
रिवर्स कराते समय अपनी दिशा बदलती है गेंद
तेज गेंदबाज दो तरह की स्विंग का इस्तेमाल करते हैं जिसमें एक साधारण स्विंग होती है और एक रिवर्स स्विंग। साधारण स्विंग में ज़्यादातर गेंदबाज गेंद की सीम की मदद से उसे स्विंग कराते हैं। इस तरह से गेंद उस दिशा में स्विंग होती है जिस तरह उसका सीम निकाला गया होता है। रिवर्स स्विंग तब होती है जब गेंद अपना कोण बदलती है और अपनी वास्तविक दिशा की बजाय दूसरे तरफ स्विंग होती है।
पुरानी गेंद से कराई जाती है रिवर्स स्विंग
रिवर्स स्विंग तब होती है जब गेंद पुरानी हो जाती है और उसकी लेयर निकलने लगती है। इसके लिए जरूरी है कि गेंद की एक साइड खुरदुरी हो तो वहीं दूसरी साइड को लगातार चमकाया जाए। एक ही समय पर दोनों साइड का इस्तेमाल करने से ही रिवर्स स्विंग कराया जा सकता है। इस कला के लिए गेंदबाज की ग्रिप और उसकी कलाई की पोजीशन भी काफी अहम भूमिका निभाती हैं।
चमकदार साइड से कराया जाता है गेंद को रिवर्स
बल्लेबाज की तरफ गेंद को लाने के लिए गेंदबाज को गेंद का खुरदुरा हिस्सा ऑफ साइड और चमकदार हिस्सा लेग साइड की ओर रखना होता है। इस दौरान यह भी ध्यान रखना होता है कि सीम को स्लिप की तरफ रखा जाए। यदि गेंद को रिवर्स स्विंग कराना है तो फिर गेंदबाज को सीम को लेग स्लिप की तरफ ढकेलना होता है। गेंद के दोनों हिस्सों को बदला भी जा सकता है।
परिस्थितियां भी निभाती हैं रिवर्स में अहम रोल
गेंद को रिवर्स कराने में परिस्थितियों का रोल भी काफी ज़्यादा होता है। एशिया के मैदानों में रिवर्स स्विंग आसानी से कराई जा सकती है क्योंकि यहां की परिस्थितियां इसके अनुकूल होती हैं। भारत, पाकिस्तान और श्रीलंका जैसे देशों में पिच काफी सूखी होती है जिससे कि गेंद जल्दी खुरदुरी हो जाती है। विदेशों में गेंद को रिवर्स कराने का मौका बेहद कम होता है क्योंकि वहां नमी ज़्यादा होती है।
रिवर्स स्विंग का इस्तेमाल करने वाले कुछ गेंदबाज
भले ही रिवर्स स्विंग की खोज के बारे में पुख्ता जानकारी किसी के पास नहीं है, लेकिन 1940 में ही पाकिस्तान में इसके कुछ नजारे देखे गए थे। इमरान खान, डेनिस लिली और कई सारे कैरेबियन गेंदबाज रिवर्स स्विंग के जरिए बल्लेबाजों को परेशान करते थे। बाद में वसीम अकरम और वकार यूनिस ने लंबे समय तक रिवर्स स्विंग का इस्तेमाल किया था। भारतीय गेंदबाजों में जहीर खान ने इसका अच्छा उपयोग किया था।
लेट खेलकर किया जा सकता है रिवर्स स्विंग का सामना
तेज गति के साथ यदि रिवर्स स्विंग कराया जाए तो यह काफी खतरनाक हो जाती है। कोई भी गेंदबाज जो रिवर्स स्विंग हासिल करता है उसकी स्पीड लगभग 90 मील प्रति घंटा होती है। पुरानी गेंद से गति और स्विंग दोनों को संभालना किसी भी बल्लेबाज के लिए काफी कठिन हो जाता है। वकार यूनिस के परफेक्ट यॉर्कर इस बात को साबित भी करते हैं। लेट खेलने वाले बल्लेबाज रिवर्स स्विंग को सही से समझ पाते हैं।
रिवर्स स्विंग के लिए गेंद से छेड़छाड़ भी कर चुके हैं खिलाड़ी
आमतौर से गेंद को रिवर्स कराने के अलावा इसके लिए कई खिलाड़ी गेंद से छेड़छाड़ भी कर चुके हैं। गेंद को खुरदुरा बनाने के लिए खिलाड़ी उससे छेड़छाड़ करने से भी परहेज नहीं करते हैं। इसका सबसे सटीक उदाहरण दक्षिण अफ्रीका दौरे पर ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी कैमरून बैंक्रॉफ्ट द्वारा सैंड पेपर से गेंद को रगड़ना है। यह क्रिकेट में रिवर्स स्विंग के महत्व को दिखाता है।