आखिर क्यों ऋषभ पंत को दिए जा रहे हैं इतने मौके? आंकड़े भी कह रहे 'ना'
कुछ दिनों पहले तक जिस विकेटकीपर बल्लेबाज़ को क्रिकेट प्रशंसक से लेकर क्रिकेट पंडित तक भारतीय टीम में एसएस धोनी का सबसे बड़ा उत्तराधिकारी बता रहे थे। वही आज सवाल पूछ रहे हैं कि आखिर ऋषभ पंत को इतने मौके क्यों दिए जा रहे हैं? अगर हम सीमित ओवर के क्रिकेट में पंत के आंकड़ो पर नज़र डाले, तो हम पूर्ण रूप से इस सवाल के समर्थन में उतर जाएंगे। जानिए क्या कहते हैं पंत के आंकड़े।
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ भी फेल रहे ऋषभ पंत
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टी-20 सीरीज़ से पहले मुख्य कोच रवि शास्त्री, बल्लेबाज़ी कोच विक्रम राठौर और कप्तान विराट कोहली ने पंत को संभल कर खेलने की हिदायत दी थी, लेकिन पंत दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दूसरे टी-20 में भी केयरलेस शॉट खेलकर आउट हो गए। IPL में बड़ी-बड़ी पारियां खेलने वाले पंत बुधवार को दूसरे टी-20 में एक साधारण गेंद पर सिर्फ चार रनों पर ही पवेलियन लौट गए। जबकि वह कप्तान के साथ बल्लेबाज़ी कर रहे थे।
वेस्टइंडीज के खिलाफ भी पंत ने की थी यही गलती
बता दें कि पंत ने वेस्टइंडीज के खिलाफ तीसरे वनडे में भी लक्ष्य का पीछा करने के दौरान एक साधारण गेंद पर बिना खाता खोले ही अपना विकेट गवा दिया था, उस मैच में भी वह कप्तान कोहली का साथ नहीं दे सके थे। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सीरीज़ से पहले ही कोच रवि शास्त्री ने पंत को चेतावनी देते हुए कहा था कि जब आप क्रीज़ पर कप्तान के साथ हों, तो आपको समझदारी के साथ क्रिकेट खेलना चाहिए।
पूरे वेस्टइंडीज दौरे पर बुरी तरह फेल रहे थे ऋषभ पंत
गौरतलब है कि वेस्टइंडीज के खिलाफ तीन मैचों की टी-20 सीरीज़ में पंत सिर्फ 69 रन ही बना सके थे, वहीं वनडे सीरीज़ में उन्होंने सिर्फ 20 रन बनाए थे। साथ ही टेस्ट सीरीज़ में भी पंत सिर्फ 58 रन ही बना सके थे। इस दौरे के बाद ही शास्त्री ने उन्हें गलतियों का खामियाज़ा भुगतने की चेतावनी दी थी। बता दें कि इससे पहले भी पंत का प्रदर्शन सीमित ओवर की क्रिकेट में काफी खराब रहा था।
2019 क्रिकेट विश्व कप में भी खामोश रहा था ऋषभ पंत का बल्ला
बता दें कि पंत 2019 विश्व कप में भी अपने प्रदर्शन की वजह से आलोचकों के निशाने पर रहे थे। पंत ने विश्व कप में चार पारियों में सिर्फ 125 रन ही बनाए थे, जबिक उन्हें चार नंबर पर खेलने का मौका मिला था।
ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के खिलाफ भी पंत ने किया था निराश
उल्लेखनीय है कि विश्व कप से पहले ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ घरेलू सीरीज़ में भी पंत ने अपने प्रदर्शन से सभी को निराश किया था। टी-20 सीरीज में पंत जहां सिर्फ चार रन ही बना सके थे, वहीं वनडे सीरीज के दो मैचों में उन्होंने 52 रन बनाए थे। वनडे सीरीज़ में उन्हें चार नंबर पर खिलाया गया था। साथ ही न्यूजीलैंड में खेली गई तीन मैचों की टी-20 सीरीज़ में भी पंत सिर्फ 72 रन ही बना सके थे।
अब तक सीमित ओवर की क्रिकेट में इस तरह रहा है पंत का प्रदर्शन
वनडे क्रिकेट की सात पारियों में पंत चार नंबर पर बल्लेबाज़ी करते हुए सिर्फ 152 रन ही बना सके हैं। वहीं पंत ने पांच नंबर पर दो पारियों में 60 और छह नंबर पर एक पारी में 17 रन बनाए हैं। इस तरह पंत के नाम वनडे क्रिकेट के 12 मैचों में 22.90 की औसत से 229 रन हैं। साथ ही टी-20 अंतर्राष्ट्रीय में पंत के नाम 19 मैचों में सिर्फ 20.40 की औसत से 306 रन हैं।
इस प्रदर्शन के बाद भी पंत को क्यों मिल रहे हैं इतने मौके?
भले ही पंत ने टेस्ट क्रिकेट में बेहतरीन प्रदर्शन किया है, लेकिन सीमित ओवर की क्रिकेट में उनके आंकड़े देखने के बाद यह सवाल पूछना लाज़मी बनता है कि आखिर क्यों उन्हें इतने मौके दिए जा रहे हैं? पिछले एक साल में पंत को सभी फॉर्मेट में टीम प्रबंधन ने मौके दिए हैं, जबिक इस बीच विजय शंकर, अंबाती रायडू, दिनेश कार्तिक और केएल राहुल जैसे बल्लेबाज़ों के उनके खराब प्रदर्शन की वजह से टीम से बाहर कर दिया गया।