बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2024-25: किस खिलाड़ी का प्रदर्शन रहा बेहतर और किसने किया निराश? जानिए विश्लेषण
क्या है खबर?
ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम और भारतीय क्रिकेट टीम के बीच खेली गई बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 में भारत को 3-1 से करारी हार झेलनी पड़ी है।
ऑस्ट्रेलिया ने एक दशक के बाद भारत के खिलाफ टेस्ट सीरीज जीतने में सफलता हासिल की है। इससे पहले 2014-15 में ऑस्ट्रेलिया ने अपने घर पर खेलते हुए भारत के खिलाफ 2-0 से सीरीज जीती थी।
ऐसे में आइए खिलाड़ियों के प्रदर्शन का विश्लेषण जान लेते हैं।
प्रदर्शन
पूरी सीरीज में छाए रहे जसप्रीत बुमराह
जसप्रीत बुमराह ने 5 टेस्ट की 9 पारियों में 13.06 की औसत के साथ सर्वाधिक 32 विकेट चटकाए।
उन्होंने 3 पारियों में 5 विकेट हॉल लिए। वह चोट के कारण सिडनी टेस्ट की दूसरी पारी में गेंदबाजी नहीं कर सके।
उनके इस शानदार प्रदर्शन के कारण उन्हें 'प्लेयर ऑफ द सीरीज' भी चुना गया। जरूरत पड़ने पर इस खिलाड़ी ने अच्छी बल्लेबाजी भी की।
सीरीज का एकमात्र टेस्ट मैच भारतीय टीम ने बुमराह की कप्तानी में ही जीता।
बल्लेबाजी
बल्लेबाजी में यशस्वी जायसवाल और नितीश रेड्डी ने किया प्रभावित
भारत के लिए यशस्वी जायसवाल ने इस सीरीज में सबसे ज्यादा रन बनाए। उनके बल्ले से 5 मैच की 10 पारियों में 43.44 की औसत से 391 रन निकले। उन्होंने 2 शतकीय और 1 अर्धशतकीय पारी खेली। उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 161 रन रहा।
उनके अलावा कोई भी भारतीय बल्लेबाज 300 रन भी नहीं बना पाया।
नितीश रेड्डी ने इस सीरीज में अपने टेस्ट करियर का पहला शतक लगाया। उन्होंने 5 टेस्ट में 37.25 की औसत से 298 रन बनाए।
अनुभव
केएल राहुल और ऋषभ पंत ने भी दिखाई क्लास
केएल राहुल और ऋषभ पंत ने सीरीज में कुछ अच्छी पारियां खेली। राहुल के बल्ले से 5 मैच की 10 पारियों में 30.66 की औसत से 276 रन निकले। उन्होंने 2 अर्धशतक लगाए।
उनके प्रदर्शन में गिरावट आने का कारण उनके बल्लेबाजी क्रम में बदलाव भी रहा।
पंत ने 9 पारियों में 28.33 की औसत से 255 रन बनाए। सिडनी टेस्ट की दूसरी पारी में उनके 61 रन को छोड़ दें तो वह कुछ खास नहीं कर पाए।
दिग्गज
पूरी तरह से फ्लॉप रहे रोहित और कोहली
रोहित शर्मा पहला टेस्ट मैच नहीं खेले थे। इसके बाद उन्होंने 5 पारियों में 6.20 की बेहद खराब औसत से सिर्फ 31 रन बनाए। उनकी कप्तानी भी बेहद खराब रही। वह आखिरी टेस्ट में प्लेइंग इलेवन का हिस्सा भी नहीं बने।
विराट कोहली के पर्थ में 100* रन को छोड़ दें तो वह भी पूरी तरह से फ्लॉप रहे। ऑफ स्टंप से बाहर जाती हुई गेंदों ने उन्हें खूब परेशान किया। उन्होंने सिर्फ 23.75 की औसत से बल्लेबाजी की।
कंगारू टीम
ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाजों का कमाल
ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाजों ने भारतीय बल्लेबाजों की बखिया उधेड़ कर रख दी। पैट कमिंस ने 5 मैच की 10 पारियों में 21.36 की औसत से 25 विकेट लिए। उन्होंने 1 बार 4 विकेट हॉल और 1 बार 5 विकेट हॉल लिए।
स्कॉट बोलैंड ने सिर्फ 3 टेस्ट की 6 पारियों में 13.19 की धमाकेदार औसत के साथ 21 विकेट लिए।
मिचेल स्टार्क ने 5 टेस्ट में 18 विकेट झटके। भारतीय बल्लेबाजों के पास इनका कोई जवाब नहीं था।
कंगारू बल्लेबाज
ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाजों का कैसा रहा प्रदर्शन?
ट्रेविस हेड इस सीरीज में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज बने। उन्होंने 5 टेस्ट की 9 पारियों में 56 की औसत से 448 रन बनाए।
स्टीव स्मिथ के बल्ले से 5 टेस्ट में 34.88 की औसत से 391 रन निकले। उन्होंने 2 शतक भी लगाए।
मार्नस लाबुशेन ने कुछ पारियां अच्छी खेली और उन्होंने 25.77 की औसत से 232 रन बनाए।
लाबुशेन के बल्ले से 3 अर्धशतक निकले। एलेक्स कैरी ने निराश किया उन्होंने सिर्फ 190 रन बनाए।
जानकारी
मिचेल मार्श पूरी तरह से रहे असफल
ऑलराउंडर मिचेल मार्श पूरी तरह से इस सीरीज में असफल रहे। उनकी गेंदबाजी और बल्लेबाजी दोनों अच्छी नहीं रही। आखिरी टेस्ट में उन्हें प्लेइंग इलेवन से निकाल दिया गया। उनकी जगह ब्यू वेबस्टर ने डेब्यू किया और अर्धशतकीय पारी के साथ 1 विकेट भी लिया।