टी-20 विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया की ओर से की गई सबसे बड़ी साझेदारियां
क्या है खबर?
वेस्टइंडीज और अमेरिका की संयुक्त मेजबानी में टी-20 विश्व कप 2024 का आगाज 1 जून से होगा।
इस प्रतियोगिता में ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम मिचेल मार्श की कप्तानी में अपनी चुनौती पेश करेगी।
कंगारू टीम ने इस प्रारूप में 2021 में खिताब पर कब्जा जमाया था और टीम दूसरी बार विश्व विजेता बनाना चाहेगी।
इस बीच टी-20 विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया की टीम से सबसे बड़ी साझेदारियों पर एक नजर डालते हैं।
#1
डेविड वार्नर और शेन वॉटसन
डेविड वार्नर और शेन वॉटसन ने 2012 के टी-20 विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया के लिए सबसे बड़ी साझेदारी का रिकॉर्ड बनाया था।
दोनों ने कोलंबो में भारत के खिलाफ मैच में 133 रन की शुरुआती साझेदारी की थी। वॉटसन ने 42 गेंदों में 72 रन बनाए और वार्नर ने 41 गेंदों में 63* रन बनाए थे।
उस मैच में भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 140/7 का स्कोर बनाया था और ऑस्ट्रेलिया ने आसानी से लक्ष्य हासिल किया था।
#2
मिचेल मार्श और डेविड वार्नर
वार्नर के दमदार प्रदर्शन की मदद से ऑस्ट्रेलिया ने टी-20 विश्व कप 2021 का खिताब जीता था।
उस सीजन में वार्नर ने 289 रन बनाए, जो टी-20 विश्व कप सीजन में किसी ऑस्ट्रेलियाई द्वारा सबसे अधिक है।
अबू धाबी में वेस्टइंडीज के खिलाफ मैच में ऑस्ट्रेलियाई टीम ने 16.2 ओवर में आसानी से 158 रन का लक्ष्य हासिल किया था।
उस मैच में वार्नर और मिचेल मार्श ने 124 रन की साझेदारी करते हुए जीत दिलाई थी।
#3
आरोन फिंच और ग्लेन मैक्सवेल
टी-20 विश्व कप 2014 में ऑस्ट्रेलिया को पाकिस्तान क्रिकेट टीम के खिलाफ 16 रन से हार का सामना करना पड़ा था।
मीरपुर में खेले गए उस मैच में पाकिस्तान ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 191/5 का स्कोर बनाया था। लक्ष्य का पीछा करते हुए ऑस्ट्रेलिया से ग्लेन मैक्सवेल और फिंच ने 118 रन की साझेदारी की।
हालांकि, इन दोनों के अलावा कोई अन्य कंगारू बल्लेबाज दहाई का आंकड़ा नहीं छू सका था और टीम 175 रन पर सिमट गई थी।
#4
एडम गिलक्रिस्ट और मैथ्यू हेडन
एडम गिलक्रिस्ट और मैथ्यू हेडन की जोड़ी ने 2000 के दशक की शुरुआत में सफलता हासिल की थी।
इस जोड़ी ने कई गेंदबाजी आक्रमणों को परेशान किया और उद्घाटन टी-20 विश्व कप 2007 में भी अपनी काबिलियत सिद्ध की।
केपटाउन में बांग्लादेश के खिलाफ 124 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए गिलक्रिस्ट और हेडन ने 104 रन जोड़े थे। इसी मुकाबले में ब्रेट ली ने हैट्रिक ली और वह विश्व कप में ऐसा करने वाले पहले खिलाड़ी बने थे।