Page Loader
नासा-ISRO का निसार मिशन अब अगले साल मार्च में होगा लॉन्च, जानिए क्यों हो रही देरी
नासा-ISRO का निसार मिशन अब मार्च, 2025 में होगा लॉन्च (तस्वीर: नासा)

नासा-ISRO का निसार मिशन अब अगले साल मार्च में होगा लॉन्च, जानिए क्यों हो रही देरी

Dec 16, 2024
10:13 am

क्या है खबर?

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के साथ मिलकर 'नासा-ISRO सिंथेटिक एपर्चर रडार' (निसार) मिशन पर काम कर रही है। नासा ने बताया है कि इस विशेष अंतरिक्ष मिशन को अब अगले साल मार्च महीने में लॉन्च किया जाएगा। इस मिशन को पहले 2024 के अंत में ही लॉन्च किए जाने की योजना थी, लेकिन कुछ काम पूरा नहीं होने के कारण इसमें मार्च, 2025 तक की देरी हो रही है।

वजह

क्यों हो रही इस मिशन में देरी?

निसार मिशन में देरी का कारण रडार एंटीना में समस्या है। अंतरिक्ष यान के एंटीना ने कक्षा में ज्यादा गर्मी उत्पन्न की, जिससे इसे मरम्मत की जरूरत पड़ी। पहले इसे अमेरिका भेजा गया, फिर मरम्मत के बाद भारत वापस मंगाया गया। जब एंटीना को फिर से जांचने के लिए भेजा गया, तो समस्या फिर से आई और उसे दोबारा अमेरिका भेजा गया। अब यह भारत आ गया है, लेकिन इसे मार्च, 2025 में लॉन्च किया जाएगा।

वजह

ये भी है देरी की वजह

निसार मिशन के लॉन्च में देरी के 2 अन्य कारण भी हैं, जिसमें पहला, मिशन 8 फरवरी तक ग्रहण काल समाप्त होने तक इंतजार करेगा। दूसरा वजह यह है कि लॉन्च पैड पहले NVS-02 सैटेलाइट के लिए इस्तेमाल किया जाएगा, जो जनवरी में लॉन्च होगा। इसके बाद, लॉन्च पैड को निसार के लिए फिर से तैयार करने में 6 से 8 सप्ताह लगेंगे। इस कारण से, निसार का लॉन्च मार्च के अंत तक किया जाएगा।

मिशन

क्या है निसार मिशन?

निसार मिशन नासा और ISRO का एक संयुक्त परियोजना है, जो पृथ्वी के भूमि और बर्फ का वैश्विक मानचित्रण करने के लिए लॉन्च किया जाएगा। इसमें L-बैंड और S-बैंड रडार लगे होंगे, जो ग्लेशियरों की गति, ज्वालामुखी गतिविधि, भूकंप, वनस्पति आदि के अध्ययन में मदद करेंगे। इस मिशन का उद्देश्य पृथ्वी विज्ञान के अध्ययन में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करना है, जैसे जलवायु परिवर्तन, भूमि उपयोग, और प्राकृतिक आपदाओं के प्रभावों का विश्लेषण।

लॉन्च

ISRO करेगी इसे लॉन्च

निसार मिशन का निर्माण और विकास नासा और ISRO द्वारा मिलकर किया जा रहा है, जिसमें नासा ने 1 अरब डॉलर (करीब 85 अरब रुपये) से अधिक खर्च किए हैं। नासा L-बैंड रडार और इंजीनियरिंग पेलोड प्रदान कर रही है, जबकि ISRO S-बैंड पेलोड, स्पेसक्राफ्ट बस और GSLV लॉन्च वाहन का योगदान कर रहा है। यह मिशन पृथ्वी पर विभिन्न प्राकृतिक घटनाओं का अधिक सटीक अध्ययन करेगा, जिससे भविष्य में बेहतर निर्णय लेने में मदद मिलेगी।

अध्ययन

प्राकृतिक आपदाओं का किया जा सकेगा अध्ययन 

निसार मिशन का उद्देश्य पृथ्वी के सतह और बर्फ का वैश्विक मानचित्रण करना है, जिससे वैज्ञानिक जलवायु परिवर्तन, ग्लेशियरों की गति, भूकंपीय घटनाओं और भूमि उपयोग में हो रहे बदलावों का अध्ययन कर सकें। यह मिशन L और S बैंड रडार का उपयोग करेगा, जो पृथ्वी पर विभिन्न घटनाओं की सटीक जानकारी प्रदान करेंगे। ये दोनों रडार मिलकर प्राकृतिक आपदाओं और पर्यावरणीय परिवर्तनों के बारे में डाटा प्रदान करेंगे, जिससे पृथ्वी विज्ञान में महत्वपूर्ण योगदान होगा।