अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन में हो रहा रिसाव, नासा नहीं कर पा रही समाधान
सुनीता विलियम्स समेत 6 अन्य अंतरिक्ष यात्री वर्तमान में अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) पर हैं, जहां एक गंभीर रिसाव हो रहा है। यह समस्या कई वर्षों से चल रही थी, लेकिन अब इसकी स्थिति और बिगड़ गई है। नासा और रूसी अंतरिक्ष अधिकारी इसके कारणों पर असहमत हैं। रिसाव के कारण स्टेशन की हवा की कमी हो रही है, जिससे चालक दल की सुरक्षा और प्रयोगशाला की लंबे समय तक काम करने की क्षमता पर सवाल उठ रहे हैं।
क्या है नासा और रूसी अंतरिक्ष एजेंसी का मानना?
ISS में यह बड़ी तकनीकी समस्या 5 साल से बनी हुई है, जिसे रूस के नियंत्रित हिस्से से संबंधित बताया जा रहा है। नासा और रूस के अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस के बीच इस पर असहमति है। नासा का मानना है कि यह समस्या गंभीर हो सकती है, जबकि रूस इसे सुरक्षित मानता है। नासा के पूर्व अंतरिक्ष यात्री बॉब कैबाना ने कहा कि रूस इसे सही साबित नहीं कर पा रहा है, जबकि अमेरिका इसे खतरनाक मानता है।
समाधान को लेकर नहीं बन पाई अब तक योजना
रिसाव की समस्या ISS में 2019 से मौजूद है और अप्रैल, 2024 तक हवा 1.7 किलोग्राम प्रति दिन की दर से बाहर जा रही है। रूस का मानना है कि यह सूक्ष्म कंपन के कारण हो रहा है, जबकि नासा इसे दबाव, तनाव और पर्यावरणीय जोखिमों का परिणाम मानती है। नासा इसे खतरनाक मानते हुए समाधान खोजने के लिए दबाव डाल रही है। हालांकि, दोनों ही अंतरिक्ष एजेंसी अभी तक इसके समाधान को लेकर सटीक योजना नहीं बना पाई हैं।
ISS के कुछ हिस्सों को सील किया गया
रिसाव के जोखिम को कम करने के लिए नासा ने ISS के कुछ हिस्सों को सील करने जैसे एहतियाती उपाय लागू किए हैं। 8 नवंबर को नासा के अंतरिक्ष यात्री माइकल बैरेट ने बताया कि रूस के अंतरिक्ष यात्री इस मुद्दे के बारे में पूरी जानकारी रखते हैं और दोनों पक्ष एक-दूसरे के निष्कर्षों से अवगत हैं। हालांकि, रिसाव की गंभीरता पर मतभेद हैं, लेकिन बातचीत चल रही है और अंतरिक्ष यात्रियों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।