सुनीता विलियम्स ने अंतरिक्ष में प्रतिरक्षा प्रणाली पर पड़ने वाले प्रभाव का किया अध्ययन
नासा की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स 6 महीने से अधिक समय से अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) पर हैं और वहां वैज्ञानिक परीक्षण कर रही हैं। एक्सपीडिशन 72 के सदस्यों ने बीते दिन (15 नवंबर) यह पता लगाया कि पृथ्वी और अंतरिक्ष में स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए मानव प्रतिरक्षा और पाचन तंत्र भारहीनता पर कैसे प्रतिक्रिया करते हैं। ISS पर सवार 7 अंतरिक्ष यात्री कई प्रयोगों के साथ स्टेशन का रखरखाव भी कर रहे हैं।
प्रतिरक्षा प्रणाली पर पड़ने वाले प्रभाव का अध्ययन
अंतरिक्ष यात्री विलियम्स और निक हेग ने किबो प्रयोगशाला में सेल नमूनों का अध्ययन किया। वे यह जानने की कोशिश कर रहे थे कि अंतरिक्ष यान और विकिरण शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली और रक्त के थक्के को कैसे प्रभावित करते हैं। इसके अलावा, किबो के इलेक्ट्रोस्टैटिक लेविटेशन फर्नेस (ELF) में काम करते हुए, नासा के डॉन पेटिट और बुच विल्मोर ने उच्च तापमान पर सामग्रियों के सैम्पल निकाले और उन्हें पृथ्वी पर वापस लाने के लिए रखा।
पाचन तंत्र का किया गया अध्ययन
रोस्कोस्मोस के अंतरिक्ष यात्री इवान वैगनर और अलेक्जेंडर गोरबुनोव ने अपने पेट का अल्ट्रासाउंड स्कैन किया, ताकि यह देखा जा सके कि माइक्रोग्रैविटी में पाचन तंत्र कैसे बदलता है। यह अध्ययन लंबे समय से चल रहा है और अंगों और वाहिकाओं के जैव रसायन पर ध्यान देता है। बाद में वैगनर ने फ्लाइट इंजीनियर एलेक्सी ओविचिनिन के साथ स्पेससूट की जांच की और कचरा पैक किया। गोरबुनोव ने कैमरा बैटरी चार्ज की और ऑर्बिटल प्लंबिंग का संचालन पूरा किया।