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केंद्र सरकार ने चंद्रयान-4 समेत ISRO के 3 बड़े प्रस्तावों को दी मंजूरी
चंद्रयान-4 समेत ISRO के 3 बड़े प्रस्तावों को मिली मंजूरी

केंद्र सरकार ने चंद्रयान-4 समेत ISRO के 3 बड़े प्रस्तावों को दी मंजूरी

Sep 18, 2024
06:11 pm

क्या है खबर?

केंद्र सरकार ने आज (18 सितंबर) भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) से जुड़े कई प्रस्तावों को मंजूरी दे दी है। केंद्रीय मंत्रिमंडल की ओर से जिन प्रस्तावों को आज मंजूरी दी गई है, उनमें चंद्रयान-4, भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (BAS), शुक्र मिशन और अगली पीढ़ी के लॉन्च व्हीकल विकसित करने जैसे प्रस्ताव शामिल हैं। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आज (18 सितंबर) कहा, "चंद्रयान-4 को अतिरिक्त तत्वों के साथ विस्तारित किया गया है, और अगला कदम चंद्रमा पर मानवयुक्त मिशन है।"

चंद्रयान-4

चंद्रयान-4 के लिए इतना बजट हुआ आवंटित

चंद्रयान-3 की सफलता के बाद मोदी सरकार ने चंद्रयान-4 मिशन के लिए 2,104 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जिसमें 36 महीने की मिशन समयसीमा के साथ चंद्रमा की चट्टानों और मिट्टी को धरती पर लाना शामिल है। मिशन में 5 मॉड्यूल वाले 2 अंतरिक्ष यान स्टैक शामिल होंगे, जिसमें स्टैक-1 चंद्र से सैंपल इकट्ठा करने पर ध्यान केंद्रित करेगा, जबकि स्टैक-2 स्थानांतरण और सैंपल को वापस पृथ्वी पर लाने का काम संभालेगा।

शुक्र मिशन

शुक्र मिशन का कितना है बजट?

शुक्र मिशन या वीनस ऑर्बिटर मिशन (VOM) के लिए स्वीकृत कुल निधि 1,236 करोड़ रुपये है, जिसमें से 824 करोड़ रुपये अंतरिक्ष यान पर खर्च किए जाएंगे। इस बजट में अंतरिक्ष यान का विकास और कार्यान्वयन, इसके विशिष्ट पेलोड और तकनीकी तत्व, नेविगेशन और नेटवर्क के लिए वैश्विक ग्राउंड स्टेशन समर्थन के साथ ही लॉन्च वाहन की लागत भी शामिल है। शुक्र, पृथ्वी का सबसे निकटतम ग्रह है। इस मिशन में इसके वातावरण के बारे में अध्ययन किया जाएगा।

BAS

2028 तक लॉन्च होगा BAS

ISRO देश के पहले अंतरिक्ष स्टेशन को 2028 तक लॉन्च करेगा। BAS को पृथ्वी की निचली कक्षा (LEO) में लगभग 400 किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थापित किया जाएगा। शुरू में इसका वजन लगभग 20 टन हो सकता है। यह ठोस संरचनाओं से बना होगा, लेकिन इसमें इन्फ्लेटेबल मॉड्यूल भी जोड़े जा सकते हैं, जिससे इसका अंतिम संस्करण लगभग 400 टन तक पहुंच सकता है। इसमें 2 बड़े सौर पैनल होंगे, जो BAS को चलाने के लिए आवश्यक बिजली पैदा करेंगे।

ट्विटर पोस्ट

यहां सुनें केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव का बयान