वर्चुअल असिस्टेंट्स सुन रहे हैं बच्चों की बातें और इस्तेमाल कर रहे हैं डाटा- रिपोर्ट
क्या है खबर?
स्मार्ट गैजेट्स और स्मार्ट होम्स के मौजूदा दौर में ढेरों घरों में छोटे बच्चे ऐपल के सीरी या फिर अमेजन के अलेक्सा वॉइस असिस्टेंट को कमांड्स देते सुने जा सकते हैं।
बच्चे अपने मनोरंजन के लिए या फिर कोई गाना प्ले करने के लिए वॉइस-ऐक्टिवेटेड पर्सनल असिस्टेंट (VAPA) से रिक्वेस्ट कर सकते हैं।
हालांकि, असिस्टेंट्स इससे कहीं ज्यादा डाटा इस्तेमाल कर रहे हैं और लगातार बातें सुनते, रिकॉर्ड करते और प्रोसेस करते हैं।
इस प्रक्रिया को 'इव्समाइनिंग' कहा गया है।
चिंता
रिकॉर्ड किया जा रहा है बच्चों से जुड़ा डाटा
VAPAs का इस्तेमाल स्मार्टफोन्स से लेकर स्मार्ट-स्पीकर्स और दूसरे इंटरनेट से कनेक्टेड प्रोडक्ट्स में हो रहा है।
इनमें बच्चों के डिजिटल खिलौने, होम सिक्योरिटी सिस्टम्स और स्मार्ट डोरबेल्स भी शामिल हैं, जो हमेशा आसपास मौजूद आवाजें सुन सकती हैं।
बच्चों की बातें और उनकी ओर से दिए जाने वाले कमांड्स से जुड़ा डाटा रिकॉर्ड और इस्तेमाल किया जाना चिंता बढ़ा रहा है।
साफ नहीं है कि इस डाटा का इस्तेमाल किस तरह और किन ऐप्लिकेशंस के लिए किया जाएगा।
जानकारी
इव्समाइनिंग का मतलब समझें
ढेरों स्मार्ट डिवाइसेज यूजर्स की जानकारी के बिना उनसे जुड़ा डाटा इकट्ठा करते रहे हैं, जिसे इव्समाइनिंग कहा जाता है। कंपनियां दावा करती हैं कि ऐसा यूजर्स को बेहतर अनुभव देने के लिए किया जाता है, लेकिन इसे प्राइवेसी के लिए खतरा माना जाता है।
सवाल
असिस्टेंट्स पर पहले भी उठते रहे हैं सवाल
वॉइस असिस्टेंट्स की ओर से इकट्ठा किए जाने वाले डाटा और इसके इस्तेमाल को लेकर लगातार सवाल उठते रहे हैं।
साल 2014 में प्राइवेसी एडवोकेट्स ने पूछा था कि अमेजन इको कितनी बातें सुनता है, कितना डाटा इकट्ठा करता है और इसका इस्तेमाल अमेजन के रिकमेंडेशन इंजन्स कैसे करते हैं।
सवालों और चिंताओं के बावजूद VAPAs और दूसरे इव्समाइनिंग सिस्टम्स तेजी से लोकप्रिय हुए हैं।
साल 2024 तक वॉइस ऐक्टिवेटेड डिवाइसेज की संख्या 8.4 अरब का आंकड़ा पार कर लेगी।
परेशानी
केवल आवाज ही नहीं होती है रिकॉर्ड
VAPAs और दूसरे इव्समाइनिंग सिस्टम्स केवल वॉइस स्टेटमेंट्स ही नहीं रिकॉर्ड करते, वे आवाज के जरिए दूसरे पर्सनल फीचर्स का डाटा भी जुटा सकते हैं।
इस डाटा में बायोमेट्रिक और व्यवहार से जुड़ी चीजें, जैसे- उम्र, लिंग, स्वास्थ्य वगैरह शामिल हो सकती हैं।
आवाज के जरिए पता लगाया जा सकता है कि आसपास क्या हो रहा है। उदाहरण के लिए, कांच टूटने या ड्रिल किए जाने जैसी चीजें आवाज से समझी जा सकती हैं।
फायदा
सरकारी एजेंसियों की मदद कर रहा है यह डाटा
हाल ही में देखने को मिला है कि इव्समाइनिंग डाटा कानूनी और सरकारी एजेंसियों की मदद के लिए काम में लिया जा रहा है।
आपराधिक जांच के लिए इन असिस्टेंट्स से रिकॉर्ड ऑडियो इस्तेमाल किया जा सकता है और साक्ष्य के तौर पर काम आ सकता है।
VAPAs आवाज के आधार पर तय कर सकते हैं कि किस घर में शोरगुल ज्यादा होता है, या फिर माता-पिता बच्चों को डांटते हैं या फिर किसी तरह की हिंसा तो नहीं होती।
वजह
वॉइस डाटा क्यों रिकॉर्ड करती हैं कंपनियां?
वॉइस ऐक्टिवेटेड असिस्टेंट्स के काम करने का तरीका ही आवाजें सुनने पर आधारित है और वे खास वेक-अप वर्ड या फ्रेज सुनकर ऐक्टिवेट हो जाते हैं।
'हे सीरी' या 'अलेक्सा' जैसे शब्द सुनते ही असिस्टेंट ऐक्टिवेट हो जाते हैं, इसलिए इनके माइक्रोफोन हमेशा ऑन रहते हैं।
गूगल और अमेजन दोनों ने माना है कि असिस्टेंट्स से रिकॉर्ड किए गए कमांड्स को एक्सपर्ट्स टीम सुनती है।
इसका मकसद असिस्टेंट्स के जवाब और काम करने के तरीके को बेहतर बनाना होता है।
जानकारी
न्यूजबाइट्स प्लस
अगर आप चाहते हैं कि VAPAs आपका डाटा रिकॉर्ड या इस्तेमाल ना करें, तो जरूरत ना होने पर उनकी पावर ऑफ कर देनी चाहिए। स्मार्टफोन्स में आप असिस्टेंट्स को डिसेबल कर सकते हैं या जरूरत खत्म होने के बाद डिवाइस को ऑफ कर सकते हैं।