पहले से ज्यादा वॉइस सर्च कर रहे हैं भारतीय यूजर्स, 270 प्रतिशत की सालाना बढ़त
ज्यादा यूजर्स तक स्मार्टफोन्स और इंटरनेट पहुंचने के साथ ही भारत वॉइस टेक्नोलॉजी का बड़ा मार्केट बनने के लिए तैयार है। मोबाइल मार्केटिंग एसोसिएशन (MMA) और डिजिटल एजेंसी आइसोबार की ओर से शेयर की गई जॉइंट रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। इसमें कहा गया है कि भारत में वॉइस सर्च क्वेरीज की सालाना बढ़त करीब 270 प्रतिशत दर्ज की गई है। भारत बड़ा वीडियो-फर्स्ट इंटरनेट मार्केट है और जल्द दुनिया का पहला वॉइस-फर्स्ट इंटरनेट मार्केट बन सकता है।
कॉन्टैक्टलेस एक्सपीरियंस चाहते हैं यूजर्स
स्लैंग लैब्स की ओर से तैयार की गई 'द वॉइस प्लेबैक' टाइटल वाली रिपोर्ट में सामने आया है कि कोरोना वायरस महामारी के बाद यूजर्स के लिए कॉन्टैक्टलेस टेक एक्सपीरियंस की जरूरत बढ़ी है। यही वजह है कि यूजर्स वॉइस इनेबल्ड टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल पहले से ज्यादा कर रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि जल्द यूजर्स को सेल्फ चेकआउट काउंटर्स, ATMs, ऑटोमोबाइल्स और एलिवेटर्स जैसी दूसरी जगहों पर भी वॉइस कमांड्स देने का विकल्प मिलेगा।
अपग्रेड हुई है वॉइस टेक्नोलॉजी
पिछले कुछ साल में वॉइस टेक्नोलॉजी ने टेक वर्ल्ड की कॉमर्शियल ग्रोथ में बड़ी भूमिका निभाई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि करीब 82 प्रतिशत स्मार्टफोन यूजर्स अब वॉइस ऐक्टिवेटेड टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रहे हैं। एक बड़ा कदम वॉइस असिस्टेंट्स में भारतीय भाषाओं के इंटीग्रेशन का रहा है, जिसकी वजह से इस टेक के यूजर्स तेजी से बढ़े हैं। भारत में यूजर्स अलग-अलग स्थानीय भाषाएं बोलते हैं और टाइप करने के बजाय वॉइस कमांड्स देना ज्यादा आसान है।
हिंदी बोलने वाले करोड़ों वॉइस असिस्टेंट यूजर्स
दुनियाभर में हर महीने 50 करोड़ से ज्यादा यूजर्स गूगल असिस्टेंट इस्तेमाल करते हैं और सबसे ज्यादा इस्तेमाल की जाने वाली भाषा इंग्लिश है और इसके बाद दूसरे नंबर पर हिंदी में सबसे ज्यादा यूजर्स वॉइस कमांड्स देते हैं। वॉइस असिस्टेंट्स पहले के मुकाबले बेहतर हुए हैं और अमेजन एलेक्सा को हाल ही में पहली सिलेब्रिटी वॉइस मिली है। ब्रैंड्स अपने वॉइस असिस्टेंट्स की आवाज पर पहले से ज्यादा फोकस कर रहे हैं।
वॉइस टेक्नोलॉजी से जुड़ा भविष्य
आइसोबार- साउथ एशिया के ग्रुप MD शमसुद्दीन जसानी ने कहा, "साल 2021 खत्म होने तक, माना जा रहा है कि भारत के 72 प्रतिशत इंटरनेट यूजर्स अंग्रेजी के अलावा किसी दूसरी भाषा का इस्तेमाल करेंगे और वॉइस इस भाषाई दूरी को कम करेगी।" उन्होंने कहा, "जिस तरह ब्रैंड्स को 90s में इंटरनेट स्ट्रेटजी और 2000 में सर्च स्ट्रेटजी और 2010 में मोबाइल स्ट्रेटजी की जरूरत पड़ी, हमारा मानना है कि अब ब्रैंड्स को वॉइस स्ट्रेटजी की जरूरत है।"