ऐपल से छिना 'सबसे कीमती कंपनी' का ताज, पेट्रोलियम कंपनी सऊदी अरामको टॉप पर पहुंची
क्या है खबर?
दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों का नाम लिया जाए, तो आईफोन-मेकर ऐपल को भुलाया नहीं जा सकता।
सबसे ज्यादा मोबाइल और कंप्यूटिंग डिवाइसेज के शिपमेंट्स के साथ लंबे वक्त से ऐपल सबसे कीमती (मोस्ट वैल्युएबल) कंपनी बनी हुई थी।
हालांकि, तेजी से बढ़ती तेल की कीमतों के चलते सऊदी अरब की राष्ट्रीय पेट्रोलियम और नेचुरल गैस कंपनी ने इसका 'ताज' छीन लिया है।
सऊदी अरामको ऐपल को पीछे छोड़ते हुए अब दुनिया की सबसे कीमती कंपनी बन गई है।
मार्केट
ऐपल के शेयरों में गिरावट बनी वजह
सऊदी अरब की पेट्रोलियम कंपनी सऊदी अरामको तेल का उत्पादन करने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी है।
बुधवार को मार्केट बंद होने के साथ इसके शेयरों की कीमत के हिसाब से इसकी वैल्यू 2.42 ट्रिलियन डॉलर (2.42 लाख करोड़ डॉलर) सामने आई है।
वहीं, इसके मुकाबले ऐपल के शेयर की कीमत में पिछले महीने गिरावट देखने को मिली है और ट्रेडिंग खत्म होने के साथ इसकी वैल्यू 2.37 ट्रिलियन डॉलर (2.37 लाख करोड़ डॉलर) रिकॉर्ड की गई है।
क्या आप जानते हैं?
न्यूजबाइट्स प्लस
ऐपल दुनिया की सबसे अमीर टेक कंपनियों में से एक है। आप सुनकर चौंक जाएंगे कि ऐपल के पास दुनिया की सबसे ताकतवर सरकार से भी ज्यादा कैश है। फोर्ब्स के मुताबिक, ऐपल के पास एक वक्त में अमेरिकी सरकार से दोगुना कैश था।
ऐपल
जोरदार बिक्री के बावजूद सस्ते हुए शेयर
ऐपल को साल 2022 के पहले तीन महीनों में उम्मीद से ज्यादा लाभ हुआ है और इसके डिवाइसेज की मांग भी बढ़ी है।
इसके बावजूद कंपनी के शेयरों की कीमत में गिरावट देखने को मिल रही है।
कंपनी ने बताया है कि चीन में कोविड-19 लॉकडाउन और मौजूदा सप्लाई चेन से जुड़ी चुनौतियों के चलते जून वाली तिमाही में इसे चार से आठ अरब डॉलर तक का नुकसान उठाना पड़ सकता है।
बयान
ग्राहकों की मांग पूरी करने में आ रही दिक्कत
एनालिस्ट्स के साथ हुई एक कॉन्फ्रेंस कॉल में कंपनी के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर लूका मैस्ट्री ने कहा, "कोविड से जुड़ी चुनौतियों और इंडस्ट्री में सिलिकॉन चिप शॉर्टेज के चलते सप्लाई बाधित हो रही है। इसके चलते हमारे प्रोडक्ट्स के लिए आने वाली ग्राहकों की मांग पूरा करने की हमारी क्षमता भी प्रभावित हुई है।"
बता दें, लॉकडाउन के बाद वर्क-फ्रॉम-होम और ऑनलाइन क्लासेज जैसी जरूरतों के चलते टेक प्रोडक्ट्स की मांग तेजी से बढ़ी है।
लिस्ट
टॉप-10 'मोस्ट वैल्युएबल' कंपनियों में से नौ अमेरिका की
कंपनीजमार्केटकैप के मुताबिक, सऊदी अरामको और ऐपल के बाद क्रम से माइक्रोसॉफ्ट, अल्फाबेट (गूगल) और अमेजन टॉप-5 में शामिल हैं। सऊदी अरामको के अलावा ये सभी कंपनियां टेक वर्ल्ड से जुड़ी हैं।
खास बात यह है कि टॉप-10 मोस्ट वैल्युएबल कंपनियों में से नौ अमेरिका की हैं और इन सभी की वैल्यू में बीते दिनों गिरावट देखने को मिली है।
भारत की बात करें तो 211 अरब डॉलर वैल्यू के साथ रिलायंस इस लिस्ट में 41वें नंबर पर है।
अरामको
सऊदी अरामको का नेट प्रॉफिट 124 प्रतिशत बढ़ा
तेल कंपनी सऊदी अरामको ने हाल ही में बताया कि इसको पिछले साल 124 प्रतिशत की बढ़त नेट प्रॉफिट में देखने को मिली।
कंपनी ने कहा, "अरामको की नेट इनकम साल 2021 में 124 प्रतिशत बढ़कर 110 अरब डॉलर तक पहुंच गई, जबकि साल 2020 में यह आंकड़ा 49 अरब डॉलर का था।"
हालांकि, पिछले साल कंपनी की फैसेलिटी पर यमन विद्रोहियों के हमले के चलते कुछ वक्त के लिए इसकी प्रोडक्शन क्षमता जरूर प्रभावित हुई थी।
दबाव
रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते अरामको पर दबाव
दुनिया का सबसे बड़ा तेल निर्यातक सऊदी अरब, यूक्रेन में रूस की घुसपैठ के चलते पैदा हुए स्थिति की वजह से दबाव का सामना जरूर कर रहा है।
अरामको CEO अमीन नासेर ने कहा कि 'भौगोलिक स्थितियों' के चलते कंपनी की भविष्य की योजना अभी साफ नहीं है।
उन्होंने कहा, "हम आगे भी अपनी कच्चे तेल की प्रोडक्शन क्षमता बढ़ाने पर काम करते रहेंगे।"
अमीन ने माना कि साल 2021 में आर्थिक स्थिति पहले के मुकाबले बेहतर जरूर हुई है।