ट्विटर पर ब्लू टिक के लिए हर महीने लगेंगे लगभग 650 रुपये, मस्क ने किया ऐलान
ट्विटर के नए बॉस एलन मस्क ने ऐलान किया है कि अब 'ब्लू टिक' यूजर्स से हर महीने आठ डॉलर (लगभग 650 रुपये) लिए जाएंगे। उनके इस कदम को ट्विटर को मॉनेटाइज करने और विज्ञापनों पर कंपनी की निर्भरता कम करने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। मस्क के ट्विटर खरीदने के बाद से ही इस बात के कयास लगाए जा रहे थे कि ब्लू टिक के लिए कंपनी फीस वसूल सकती है।
मस्क ने पुराने तरीके को बताया सामंतवादी
दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति मस्क ने ब्लू टिक की फीस का ऐलान करते हुए कई ट्वीट किए। इसमें से एक में उन्होंने लिखा कि ट्विटर पर ब्लू टिक किसके पास है और किसके नहीं, इसका मौजूदा तरीका सामंतवादी और बकवास है। लोगों के हाथों में शक्ति होनी चाहिए। अब हर महीने ब्लू टिक के लिए 8 डॉलर। मस्क ने यह भी बताया कि जो यूजर हर महीने 8 डॉलर देगा, उसे ब्लू टिक के अलावा कई अन्य सुविधाएं मिलेंगी।
क्या होंगी अन्य सुविधाएं?
8 डॉलर में ब्लू टिक की सुविधा के साथ-साथ यूजर को रिप्लाई, मेंशन और सर्च में प्राथमिकता मिलेगी। इसके अलावा उन्हें दिखने वाले विज्ञापनों की संख्या आधी हो जाएगी और लंबे ऑडियो और वीडियो पोस्ट करने की सुविधा मिलेगी। अगले ट्वीट में मस्क ने लिखा पेवॉल के जरिये पब्लिशर्स को ट्विटर के साथ काम करने का मौका मिलेगा। वहीं अब सार्वजनिक जीवन वाले व्यक्तियों के हैंडल के नीचे सेकेंडरी टैग दिखेगा, जो नेताओं के लिए पहले से दिख रहा है।
अधिकतर यूजर्स नहीं देना चाहते फीस- सर्वे
हाल ही में हुए एक सर्वे में शामिल 80 प्रतिशत ट्विटर यूजर्स ने कहा था कि वो ब्लू टिक के लिए पैसा नहीं देना चाहते। वहीं 10 प्रतिशत ने कहा था कि वो ब्लू टिक के लिए हर महीने 5 डॉलर दे सकते हैं। ऐसी खबरें हैं कि जिन यूजर्स के पास पहले से ब्लू टिक है, उन्हें तीन महीने में सब्सक्रिप्शन फीस देनी होगी। ऐसा नहीं करने पर उनका ब्लू टिक हट जाएगा।
मस्क ने पिछले महीने किया ट्विटर का अधिग्रहण
कई महीनों तक चली ना-नुकर के बाद आखिरकार पिछले महीने अमेरिकी अरबपति एलन मस्क ने ट्विटर खरीदने का सौदा पूरा कर लिया था। उन्होंने ट्विटर के एक शेयर की कीमत 54.20 डॉलर (लगभग 4,410 रुपये) लगाते हुए 44 अरब डॉलर में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को खरीदने का ऑफर दिया था। उन्होंने कहा था कि वो पैसों के लिए ट्विटर नहीं खरीद रहे हैं। वो यह सौदा इसलिए कर रहे हैं ताकि मानवता की मदद की जा सके।