टेस्ला ने भारत में अपनी इलेक्ट्रिक कारों को बेचने की योजना पर लगाई रोक- रिपोर्ट
क्या है खबर?
टेस्ला (Tesla) कंपनी ने भारत में अपनी इलेक्ट्रिक कारों (Electric Cars) को बेचने की योजना पर रोक लगा दी है।
आयात करों में कमी कराने में विफल रहने के बाद कंपनी ने शोरूम के लिए जगह की तलाश छोड़ दी है।
साल 2019 में टेस्ला कारों की भारत में लॉन्चिंग की बात कही गई थी, लेकिन अब तक इसके कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं। टेस्ला लगातार सरकार से आयत शुल्क को कम करने की मांग कर रही थी।
कारण
यह वजह बनी कारण
इस मामले से परिचित तीन लोगों ने रॉयटर्स को बताया कि कम आयात करों को सुरक्षित करने में विफल रहने के बाद कंपनी यह फैसला ले रही है।
बता दें कि पिछले एक साल से कंपनी सरकार से आयात शुल्क में कमी की मांग कर रही थी। टेस्ला ने अमेरिका और चीन में उपलब्ध अपनी फैक्ट्री से आयातित इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) को देश में बेचने की भी मांग की थी।
मांग
क्या थी टेस्ला कंपनी की मांग?
टेस्ला भारत में अपनी गाड़ियां कम्पलीट बिल्ड यूनिट (CBU) के रूप में लाना चाहती है। इसके लिए कंपनी आयात कर में कटौती की मांग कर रही है।
कंपनी ने कहा है कि 40,000 अमेरिकी डॉलर से अधिक के कस्टम ड्यूटी वाले जीरो एमिशन वाहनों पर 110 प्रतिशत का आयात शुल्क उचित नहीं है।
इसलिए निर्माता ने सरकार से अनुरोध किया था कि इलेक्ट्रिक कारों पर सीमा शुल्क टैरिफ और सोशल वेल्फेयर चार्ज को कम किया जाए।
जानकारी
आयात कर क्यों कम नहीं कर रही सरकार?
भारत सरकार चाहती थी कि इलेक्ट्रिक कार प्रमुख टेस्ला देश में भी अपनी गाड़ियां बनाए और अगर कंपनी आयात कर में कटौती चाहती है तो उसे लगभग 500 मिलियन डॉलर (करीब 3,752 करोड़) रुपये के स्थानीय ऑटो पार्ट्स खरीदने पड़ेंगे।
टेस्ला भारत से ऑटो पार्ट खरीदने का दावा पहले ही कर चुकी है, लेकिन आयात कर में छूट का लाभ उठाने के लिए भारतीय पुर्जों की खरीद में लगभग 10 से 15 प्रतिशत की वृद्धि करनी पड़ती।
जानकारी
इंडोनेशिया में प्लांट बनाएगी टेस्ला
खबर आई है कि टेस्ला ने इंडोनेशिया में मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने का फैसला किया है। इस सिलसिले में मस्क जल्दी ही इंडोनेशिया के राष्ट्रपति से मिलने की तैयारी में हैं। कंपनी ने वहां जमीन तलाशनी भी शुरू कर दी है।
जानकारी
किसी भी कंपनी को रियायत नहीं दे रही सरकार
सरकार किसी ऑटो कंपनी को ऐसी रियायतें नहीं दे रही है और टेस्ला को टैक्स बेनेफिट देने से भारत में अरबों डॉलर का निवेश करने वाली कंपनियों को अच्छा संकेत नहीं जाएगा।
बता दें कि भारत में 40,000 डॉलर (लगभग 29 लाख रुपये) से कम कीमत वाले इलेक्ट्रिक वाहनों पर आयात शुल्क 60 प्रतिशत और इससे ऊपर के लिए 100 प्रतिशत है।
टेस्ला ने आयात शुल्क को घटाकर 40 प्रतिशत करने का अनुरोध किया था।