सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स के लिए आएंगे नए दिशानिर्देश, देनी होगी ब्रांड के साथ जुड़ाव की जानकारी
क्या है खबर?
केंद्र सरकार जल्द ही सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स के लिए नए दिशानिर्देश जारी करने वाली हैं। ये दिशानिर्देश आने के बाद इंफ्लुएंसर्स को किसी भी ब्रांड के साथ अपने जुड़ाव को सार्वजनिक करना होगा। ऐसा न करने पर उसे भारी जुर्माना भरना पड़ सकता है।
अनुमान है कि अगले दो सप्ताह में ये दिशानिर्देश जारी हो जाएंगे और इसमें इंफ्लुएंसर्स के लिए क्या करें और क्या न करें जैसे निर्देश दिए होंगे।
आइये, यह पूरी खबर जानते हैं।
दिशानिर्देश
ब्रांड के साथ जुड़ाव की जानकारी देनी होगी अनिवार्य
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, दिशानिर्देश लागू होने के बाद अगर कोई सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स किसी ब्रांड के साथ जुड़ा है या किसी ब्रांड से उसके प्रचार के लिए पैसे ले रहा है तो उसके लिए इसकी साफ-साफ जानकारी देनी अनिवार्य होगी।
उपभोक्ता मामले मंत्रालय इन दिशानिर्देशों को तैयार कर रहा है और इसका उद्देश्य ग्राहकों को सतर्क करना और उन्हें किसी भी तरह के झूठे दावों के जाल में फंसने से बचाना है।
जरूरत
प्रचार के लिए इंफ्लुएंसर्स का सहारा ले रहीं बड़ी-बड़ी कंपनियां
ये दिशानिर्देश ऐसे समय जारी हो रहे हैं, जब बड़ी-बड़ी कंपनियां अपने उत्पादों के प्रचार के लिए सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स का सहारा ले रही हैं।
डिजिटल मार्केट एजेंसी एडलिफ्ट के अनुसार, भारत में इंफ्लुएंसर्स मार्केटिंग का कारोबार 75 मिलियन डॉलर से लेकर 150 मिलियन डॉलर तक है।
अभी तक यहां इंफ्लुएंसर्स के लिए किसी ब्रांड के साथ अपने जुड़ाव की जानकारी देना अनिवार्य नहीं है, लेकिन अमेरिका जैसे देशों में पहले से ऐसे प्रावधान मौजूद हैं।
मांग
लंबे समय से हो रही दिशानिर्देशों की मांग
पिछले काफी समय से ऐसे दिशानिर्देशों की मांग हो रही थी और बीते साल एडवरटाईजिंग स्टैंडर्ड काउंसिल ऑफ इंडिया (ASCI) ने भी इंफ्लुएंसर्स के लिए दिशानिर्देश लाने की मांग की थी।
इन दिशानिर्देशों के अलावा उपभोक्ता मामले मंत्रालय ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर फर्जी रिव्यू रोकने के लिए फ्रेमवर्क पर भी काम कर रहा है और यह अंतिम चरण में पहुंच गया है। ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर फर्जी और भुगतान कर लिखवाए गए रिव्यूज रोकने के लिए यह फ्रेमवर्क आएगा।
जानकारी
तोहफों पर इंफ्लुएंसर्स को देना होता है टैक्स
जानकारी के लिए बता दें कि इंफ्लुएंसर्स और ऐसे दूसरे लोग, जिन्हें कंपनियों से मुफ्त उपहार मिलते हैं, उन्हें टैक्स देना होता है।
आयकर विभाग द्वारा जारी किए गए ये दिशानिर्देश इस साल 1 जुलाई से लागू हुए हैं। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने भी कहा है कि ऐसे लोगों को नए कर नियमों के तहत तोहफे में मिलने वाली कारों, मोबाइल, कपड़े, कॉस्मेटिक आदि उत्पादों की कीमत पर 10 प्रतिशत TDS का भुगतान करना होगा।