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स्टारलिंक वापस करेगी इसकी सेवा प्री-ऑर्डर करने वाले भारतीयों के पैसे, यह है वजह
स्टारलिंक की प्री-बुकिंग करने वालों को उनके पैसे वापस किए जाएंगे।

स्टारलिंक वापस करेगी इसकी सेवा प्री-ऑर्डर करने वाले भारतीयों के पैसे, यह है वजह

Jan 04, 2022
08:39 pm

क्या है खबर?

अमेरिकी अरबपति एलन मस्क की कंपनी स्पेस-X को भारत में अपनी स्टारलिंक सैटेलाइट इंटरनेट सेवाएं देने से पहले कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कंपनी ने उन यूजर्स के पैसे वापस करने का फैसला किया है, जिन्होंने स्टारलिंक किट प्री-ऑर्डर की थी। दरअसल, स्टारलिंक को भारत में लाइसेंस नहीं मिल सका है और कंपनी करीब एक महीने पहले ही प्री-ऑर्डर्स लेने भी बंद कर चुकी है। भारतीय एजेंसियों ने स्टारलिंक को पत्र लिखकर ऐसा करने को कहा था।

ईमेल

स्टारलिंक ने ईमेल भेजकर दी जानकारी

कंपनी ने भारत में ग्राहकों को ईमेल भेजकर कहा है कि दूरसंचार विभाग (DoT) की ओर से इसे लाइसेंस मिलने तक री-फंड की प्रक्रिया खत्म करने के निर्देश दिए गए हैं। ईमेल में स्टारलिंक ने साफ किया है कि भारत में सेवाएं देने के लिए इसे जो लाइसेंस लेना है, वह कब तक मिलेगा अभी स्पष्ट नहीं है। कहा गया है कि लाइसेंसिंग फ्रेमवर्क से जुड़ी कुछ दिक्कतें दूर करने के बाद ही कंपनी भारत में अपनी सेवाएं दे सकेगी।

लाइसेंस

कंपनी लाइसेंस के लिए जल्द करेगी अप्लाई

दिसंबर, 2021 में स्टारलिंक के कंट्री डायरेक्टर संजय भार्गव ने कहा था कि कंपनी कॉमर्शियल लाइसेंस के लिए 31 जनवरी से पहले अप्लाई कर सकती है। उन्होंने अपनी प्रेजेंटेशन में बताया था कि कंपनी दिसंबर, 2022 तक भारत में दो लाख स्टारलिंक डिवाइसेज डिलीवर करना चाहती है और इसके लिए उसने अप्रैल में सेवाएं रोलआउट करने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने बताया था कि स्टारलिंक को भारत में पांच हजार से ज्यादा प्री-ऑर्डर्स मिल चुके हैं।

प्री-बुकिंग

पिछले साल प्री-ऑर्डर्स ले रही थी कंपनी

स्पेस-X की सैटेलाइट आधारित इंटरनेट सेवा स्टारलिंक के लिए भारत में भी साल 2021 की शुरुआत से प्री-ऑर्डर शुरू हुए थे। भारत के चुनिंदा शहरों, अहमदाबाद (गुजरात), तदेपलिंगम (आंध्र प्रदेश) और इंदौर (मध्य प्रदेश) में इसकी प्री-बुकिंग का विकल्प मिल रहा था। कंपनी 99 डॉलर (करीब 7,350 रुपये) का रिफंडेबल डिपॉजिट करवा रही थी और यूजर्स को इसके साथ 50Mbps से 150Mbps तक की स्पीड देने का दावा किया गया था।

उम्मीद

भारत में सैटेलाइट इंटरनेट से जुड़ी संभावनाएं

भारत में अलग-अलग भौगोलिक स्थिति वाले क्षेत्र हैं और सुदूर जगहों पर इंटरनेट सेवाएं मोबाइल टावर ना लग पाने के चलते नहीं पहुंच पाई हैं। वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (WEF) के मुताबिक, पिछले साल अगस्त तक भारत में 50 प्रतिशत लोगों के पास इंटरनेट का ऐक्सेस नहीं है। स्पेस-X की कोशिश ऐसे देशों में यूजर्स तक इंटरनेट पहुंचाने की है और भारत इस सेवा का अच्छा टेस्टिंग ग्राउंड भी बन सकता है।

स्टारलिंक

स्टारलिंक के सैटेलाइट नेटवर्क को समझें

स्टारलिंक दरअसल लो-अर्थ ऑर्बिटर (पृथ्वी की निचली कक्षा) में भेजे गए ढेर सारे छोटे सैटेलाइट्स का नेटवर्क है, जिसकी मदद से सुदूर क्षेत्रों में इंटरनेट सेवा दी जाएगी। सामान्य सैटेलाइट्स के मुकाबले स्टारलिंक के सैटेलाइट्स पृथ्वी की सतह से 60 गुना पास हैं। इतना पास होने के चलते स्टारलिंक बेहतर लेटेंसी और इंटरनेट स्पीड यूजर्स को देगी। कंपनी ने अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के साथ मिलकर सैटेलाइट्स की चमक कम रखी है, जिससे अंतरिक्ष ऑब्जर्वेशन के दौरान दिक्कत ना आए।

जानकारी

न्यूजबाइट्स प्लस

अहमदाबाद (गुजरात), तदेपलिंगम (आंध्र प्रदेश) और इंदौर (मध्य प्रदेश) में स्टारलिंक की सेवाएं सबसे पहले मिल सकती हैं, जहां के लिए प्री-बुकिंग का विकल्प इसकी वेबसाइट पर मिल रहा था। कंपनी ने 10 ग्रामीण लोकसभा क्षेत्रों में भी सेवाएं देने की बात कही है।