
ब्रॉडबैंड कनेक्शन पर मिलनी चाहिए कम से कम 2Mbps की स्पीड, TRAI ने दिए सुझाव
क्या है खबर?
टेलिकॉम रेग्युलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) की ओर से देश में बेहतर ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी से जुड़े कुछ सुझाव दिए गए हैं।
इन सुझावों में कहा गया है कि ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी के साथ यूजर्स को कम से कम 2Mbps की स्पीड मिलनी चाहिए।
मौजूदा मिनिमम ब्रॉडबैंड स्पीड 512Kbps के मुकाबले यह चार गुना ज्यादा है।
इससे पहले TRAI ने साल 2014 में 256Kbps की मिनिमम स्पीड को अपग्रेड कर दोगुना किया था।
डॉक्यूमेंट
देश में बेहतर ब्रॉडबैंड कनेक्शन को बढ़ावा
TRAI ने 301 पेज के डॉक्यूमेंट में कई सुझाव दिए हैं, जिनकी मदद से देश में ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी बेहतर की जा सकती है।
रेग्युलेटर ने कहा है कि इसके स्टेकहोल्डर्स और इंटरनल एनालिसिस से पता चला है कि मौजूदा मिनिमम ब्रॉडबैंड स्पीड 512Kbps 'कई सामान्य ऐप्लिकेशंस ऐक्सेस करने के लिए भी काफी नहीं है' और इससे ज्यादा स्पीड ब्रॉडबैंड यूजर्स को मिलनी चाहिए।
TRAI ने पाया है कि मिनिमम ब्रॉडबैंड स्पीड फिक्स्ड कनेक्शन पर 2Mbps होनी चाहिए।
सुझाव
सब्सक्राइबर्स को मिलना चाहिए स्टेबल कनेक्शन
अपने सुझावों में TRAI ने कहा है कि ब्रॉडबैंड ऐसा डाटा कनेक्शन होता है, जिसके साथ यूजर्स इंटरैक्टिव सेवाओं का इस्तेमाल करना चाहते हैं।
TRAI ने कहा, "सर्विस प्रोवाइडर जहां से ब्रॉडबैंड सेवाएं देना चाहता है, उसके पॉइंट ऑफ प्रेजेंस (POP) से इंडिविजुअल सब्सक्राइबर्स को कम से कम 2Mbps की डाउनलोड स्पीड मिलनी ही चाहिए।"
इस तरह यूजर्स को स्टेबल ब्रॉडबैंड सेवाएं देने को कहा गया है, जिससे वे मोबाइल कनेक्शन पर शिफ्ट ना हों।
कैटेगरी
तीन अलग-अलग कैटेगरी वाले ब्रॉडबैंड कनेक्शंस
रेग्युलेटर ने डाउनलोड स्पीड के आधार पर फिक्स्ड ब्रॉडबैंड सर्विसेज का कैटेगराइजेशन करने का सुझाव भी दिया है, जैसा UK और यूरोप में किया जाता है।
इसमें सुझाव दिए गए हैं कि ब्रॉडबैंड कनेक्शन को तीन अलग-अलग कैटेगरीज में बांटा जाना चाहिए।
बेसिक ब्रॉडबैंड कनेक्शंस के साथ 2 से 50Mbps स्पीड, फास्ट ब्रॉडबैंक कनेक्शन के साथ 50 से 300Mbps स्पीड और सुपर-फास्ट ब्रॉडबैंड कनेक्शन के साथ 300Mbps से ज्यादा की स्पीड ब्रॉडबैंड सब्सक्राइबर्स को मिलेगी।
डाटा
ब्रॉडबैंड कनेक्शन सब्सक्राइबर्स बढ़ाने पर जोर
मिनिमम स्पीड और डाउनलोड स्पीड पर आधारित कैटेगराइजेशन के अलावा TRAI के डॉक्यूमेंट में ब्रॉडबैंड कनेक्शन के सब्सक्राइबर्स बढ़ाने पर जोर दिया गया है।
TRAI ने कहा है कि भारत में केवल 9.1 प्रतिशत घरों में फिक्स्ड ब्रॉडबैंड कनेक्शन लगा है, इसकी तुलना में मोबाइल ब्रॉडबैंड कनेक्शन करोड़ों भारतीय यूजर्स के लिए इंटरनेट ऐक्सेस करने का तरीका है।
TRAI ने मांग की है कि सरकार को केबल ऑपरेटर्स के लिए खास योजनाएं लाकर ब्रॉडबैंड इंटरनेट को बढ़ावा देना चाहिए।
योजना
ग्रामीण क्षेत्रों में 200 रुपये से कम हो ब्रॉडबैंड बिल
TRAI ने कहा है कि सरकार को नेशनल पोर्टल राइट ऑफ वे (RoW) परमिशंस के लिए तैयार करना चाहिए।
ग्रामीण क्षेत्रों में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) योजना के साथ कम कीमत पर ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी देने की सलाह भी दी गई है।
रेग्युलेटर ने कहा है कि सरकार को ब्रॉडबैंड पर आने वाले खर्च का 50 प्रतिशत हिस्सा ग्रामीण यूजर्स के लिए वहन करना चाहिए और ग्रामीण क्षेत्रों में फिक्स्ड ब्रॉडबैंड का बिल 200 रुपये से ज्यादा नहीं होना चाहिए।