सैमसंग फीचर की वजह से हजारों ऐप्स की परफॉर्मेंस प्रभावित, जानें क्या है सैमसंग GOS
क्या है खबर?
सैमसंग GOS या फिर गेम ऑप्टिमाइजेशन सर्विस की वजह से ढेरों गैलेक्सी स्मार्टफोन्स में हजारों ऐप्स के प्रभावित होने की बात सामने आई है।
कंपनी की गेम ऑप्टिमाइजेशन सर्विस ऐप लेटेस्ट गैलेक्सी S22 सीरीज के स्मार्टफोन्स में प्री-इंस्टॉल्ड मिलती है।
इस ऐप का काम डिवाइस की गेमिंग परफॉर्मेंस बेहतर करना है, लेकिन ऐसा करने के लिए यह ढेरों नॉन-गेमिंग ऐप्स की परफॉर्मेंस पर बुरा असर डाल रही है।
सैमसंग के अलावा अन्य कंपनियां भी पहले ऐसा करती रही हैं।
ट्विटर पोस्ट
देखें यूजर का ट्वीट
Samsung created an app called GOS and used the app to limit game performance, making the gaming experience worse. However, according to what the Korean community found out today, Samsung confirmed that it has put performance limits on more than 10,000 apps... pic.twitter.com/U58AreZZoo
— 한가련 (@GaryeonHan) March 2, 2022
रिपोर्ट
ट्विटर यूजर ने दी जानकारी
सैमसंग GOS की ओर से ऐप्स पर लगाए जा रहे परफॉर्मेंस लिमिटेशंस की जानकारी @GaryeonHan यूजरनेम वाले अकाउंट ने ट्विटर पर दी है।
ट्विटर थ्रेड में यूजर ने बताया है कि सैमसंग GOS की ओर से 10,000 से ज्यादा ऐप्स की परफॉर्मेंस प्रभावित की जा रही है।
बेहतर गेमिंग अनुभव के लिए कंपनी इंस्टाग्राम, टिक-टॉक और नेटफ्लिक्स जैसी थर्ड-पार्टी ऐप्स को प्रभावित कर रही है।
वहीं, सैमसंग की अपनी ऐप्स जैसे- बिक्सबी और सैमसंग पे लिस्ट का हिस्सा नहीं हैं।
नाराजगी
बेंचमार्क ऐप्स पर नहीं लगतीं लिमिटेशंस
यूजर ने ट्वीट में बताया कि बेंचमार्किंग ऐप्स को इस लिमिटेशन लिस्ट से बाहर रखा गया है।
इस तरह 3Dमार्क या फिर गीकबेंच जैसे टेस्ट्स में स्मार्टफोन को शानदार स्कोर मिलता है।
बता दें, सैमसंग GOS ऐप सभी गैलेक्सी S22 सीरीज या दूसरे सैमसंग स्मार्टफोन्स में प्री-इंस्टॉल्ड है, ऐसा नहीं देखने को मिला है।
फिलहाल साफ नहीं है कि कंपनी किन डिवाइसेज में GOS सेवा दे रही है और किन में नहीं।
परफॉर्मेंस
यूजर्स खुद नियंत्रित कर सकेंगे डिवाइस परफॉर्मेंस
XDA डिवेलपर्स की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि सैमसंग अपने यूजर्स को 'परफॉर्मेंस को प्राथमिकता देने' का विकल्प देगी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि GOS ऐप गेमिंग के दौरान CPU और GPU परफॉर्मेंस ऑप्टिमाइज कर देती है, जिसमें डिवाइस गर्म ना हो।
सैमसंग ने बताया है कि यूजर्स को परफॉर्मेंस को प्राथमिकता देने से जुड़ा विकल्प सॉफ्टवेयर अपडेट्स के जरिए दिया जाएगा।
इस तरह यूजर्स खुद डिवाइस परफॉर्मेंस से जुड़े फैसले ले पाएंगे।
ऐपल
जानबूझकर आईफोन स्लो कर रही थी ऐपल
सैमसंग पहली कंपनी नहीं है, जो अपने डिवाइसेज में ऐप्स की परफॉर्मेंस को प्रभावित कर रही है।
साल 2017 में टेक कंपनी ऐपल पर भी पुराने आईफोन्स को स्लो करने के आरोप लगे थे।
कहा गया था कि ऐसा बैटरी से जुड़ी दिक्कतों और अचानक डिवाइसेज बंद होने के चलते किया गया।
बता दें, ऐपल को ऐसा करने के बदले लॉसूट के चलते अमेरिका में 50 करोड़ डॉलर का भारी जुर्माना भरना पड़ा था।
वनप्लस
वनप्लस 9 सीरीज में भी परफॉर्मेंस के साथ छेड़छाड़
पिछले साल चाइनीज कंपनी वनप्लस भी फ्लैगशिप 9-सीरीज में ऐप्स की परफॉर्मेंस के साथ छेड़छाड़ कर रही थी।
कंपनी ने माना था कि वनप्लस 9 और वनप्लस 9 प्रो दोनों में करीब 300 ऐप्स की परफॉर्मेंस से समझौता किया गया, जिनमें गूगल क्रोम ब्राउजर भी शामिल था।
वनप्लस ने कहा था कि ऐसा यूजर्स को फोन का अच्छा अनुभव देने के लिए किया गया है।
सैमसंग की तरह वनप्लस ने भी बेंचमार्किंग ऐप्स को इस लिस्ट से बाहर रखा था।
जानकारी
न्यूजबाइट्स प्लस
साउथ कोरिया की कंपनी सैमसंग ने शुरुआत में नूडल्स और दूसरे प्रोडक्ट्स बेचे और कंपनी की शुरुआत 1938 में हुई थी। कंपनी अपना पहला इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट 1970 में लाई, जो 12 इंच का ब्लैक एंड वाइट टीवी था।