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भारत का रूस से तेल का आयात नए रिकॉर्ड स्तर पर, 42 प्रतिशत हुई हिस्सेदारी
यूक्रेन युद्ध के बाद भारत के रूस से कच्चे तेल के आयात में लगातार वृद्धि हुई है

भारत का रूस से तेल का आयात नए रिकॉर्ड स्तर पर, 42 प्रतिशत हुई हिस्सेदारी

Jun 04, 2023
01:02 pm

क्या है खबर?

भारत का रूस से कच्चे तेल का आयात मई में एक नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। अब यह सऊदी अरब, इराक, संयुक्त अरब अमीरात (UAE) और अमेरिका से की गई तेल की संयुक्त खरीदारी से अधिक हो गया है। गौरतलब है कि भारत के कच्चे तेल के कुल आयात में रूस की हिस्सेदारी करीब 42 प्रतिशत हो गई है, जो पिछले कुछ वर्षों में किसी एक देश के लिए सबसे अधिक हिस्सा है।

आकंड़े

भारत ने मई में रूस से प्रतिदिन 19.6 लाख बैरल तेल किया आयात

वोर्टेक्सा लिमिटेड के आंकड़ों के अनुसार, भारत ने मई में रूस से प्रतिदिन 19.6 लाख बैरल तेल लिया, जो अप्रैल के स्तर से करीब 15 प्रतिशत अधिक है। बता दें कि भारत ने अप्रैल में रूस से प्रतिदिन 16.8 लाख बैरल तेल का आयात किया था। पिछले साल फरवरी में कुल आयात में सिर्फ 1 प्रतिशत की हिस्सेदारी रखने वाले रूस से मई में हुई रिकॉर्ड तेल की खरीदारी के बाद यह हिस्सेदारी अब 42 प्रतिशत हो गई है।

आंकड़े 

भारत ने अन्य देशों से कितना तेल आयात किया?

आंकड़ों के मुताबिक, इराक ने मई में भारत को प्रतिदिन 8.3 लाख बैरल तेल की आपूर्ति की, जबकि UAE ने प्रतिदिन 2.03 लाख बैरल तेल भेजा। वहीं भारत ने अमेरिका से प्रतिदिन 1.38 लाख बैरल तेल आयात किया। अगर पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन (OPEC) की बात करें तो इसके सदस्य देशों ने मई में भारत को संयुक्त रूप से प्रतिदिन 18 लाख बैरल तेल आयात किया, जबकि अप्रैल में यह आंकड़ा प्रतिदिन 21 लाख बैरल था।

कारण 

रूस से रिकॉर्ड आयात का कारण क्या है?

पिछले साल दिसंबर में यूरोपीय संघ (EU) द्वारा आयात पर प्रतिबंध लगाने के बाद रूस अपने ऊर्जा निर्यात में अंतर को कम करने के लिए भारत को रिकॉर्ड मात्रा में कच्चा तेल बेच रहा है। वहीं भारतीय तेल कंपनियों को पहले रूस से तेल आयात करने के लिए बड़ी लागत देनी होती थी, लेकिन अब तेल की कीमतों में गिरावट के बाद अन्य देशों की तुलना में रूस से तेल आयात करना मुनाफे का कारण बन गया है।

गिरावट 

OPEC देशों की हिस्सेदारी में हुई है बड़ी गिरावट

भारत की रूस से तेल की खरीदारी लगातार बढ़ने के कारण अप्रैल में OPEC देशों से कच्चे तेल का आयात न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया था। पिछले साल फरवरी में यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद रूस से कच्चा तेल छूट पर उपलब्ध होने के बाद से इसमें लगातार गिरावट देखी गई है। गौरतलब है कि बता दें कि एक समय में OPEC देशों की भारत द्वारा आयात किए गए कच्चे तेल में 90 प्रतिशत की हिस्सेदारी थी।

खपत 

न्यूजबाइट्स प्लस

अमेरिका और सऊदी अरब के बाद रूस दुनिया में कच्चे तेल का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक है और वह रोजाना करीब 50 लाख बैरल कच्चे तेल का निर्यात करता है। इसमें से 50 प्रतिशत से अधिक हिस्सा यूरोप को सप्लाई होता है। वहीं भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल खपत करने वाला और आयात करने वाला देश है। भारत अपनी जरूरत का 85 प्रतिशत कच्चा तेल आयात करता है।