नासा आज करेगा आर्टेमिस मिशन 2 के अंतरिक्ष यात्रियों का ऐलान, ये है पूरा प्लान
आर्टेमिस 1 मिशन की सफलता के बाद इंसान को चंद्रमा पर पहुंचाने के अपने रास्ते पर अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा पूरी तरह से आगे बढ़ रही है। नासा अब उन 4 अंतरिक्ष यात्रियों की घोषणा करने के लिए तैयार है, जो सोमवार को आर्टेमिस 2 मिशन का हिस्सा होंगे। नासा और कनाडाई अंतरिक्ष एजेंसी सोमवार 3 अप्रैल को भारतीय समयानुसार रात 8:30 बजे इसकी लॉन्चिंग की लाइव स्ट्रीमिंग शुरू करेंगी।
क्रू के साथ परीक्षण करने वाला पहला मिशन होगा आर्टेमिस 2
नासा ने शुरू में मिशन को 2024 के अंत तक लॉन्च करने की योजना बनाई थी, लेकिन इसकी लॉन्चिंग 2025 तक खिंच सकती है। इससे पहले बिना क्रू वाले यानी मानव रहित आर्टेमिस 1 मिशन के साथ नासा ने स्पेस लॉन्च सिस्टम (SLS) रॉकेट, ओरियन अंतरिक्ष यान और सभी संबंधित ग्राउंड सिस्टम सहित अपनी नई मानव अंतरिक्ष एक्सप्लोरेशन क्षमताओं की नींव का परीक्षण किया था। आर्टेमिस 2 अब क्रू के साथ परीक्षण करने वाला पहला मिशन होगा।
10 दिन का होगा आर्टेमिस 2 मिशन
10 दिवसीय आर्टेमिस 2 मिशन के दौरान 4 अंतरिक्ष यात्री चंद्रमा के चारों ओर उड़ान भरेंगे और यह सुनिश्चित करने का प्रयास करेंगे कि ओरियन का लाइफ-सपोर्ट सिस्टम गहरे अंतरिक्ष में रहने और काम करने के लिए अंतरिक्ष यात्रियों का सपोर्ट करने में सक्षम हो। SLS रॉकेट का उपयोग करके फ्लोरिडा में केनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च करने के बाद ओरियन ऑर्बिट के चारों ओर अपनी कक्षा बढ़ाने के लिए प्रयास करेगा।
आर्टेमिस 1 जैसा ही होगा आर्टेमिस 2 का शुरुआती लॉन्च
आर्टेमिस 2 का शुरुआती लॉन्च वैसा ही होगा जैसा आर्टेमिस 1 मिशन का लॉन्च था। इसके बाद रॉकेट का क्रू ओरियन और ICPS (अंतरिम क्रायोजेनिक प्रोपल्शन स्टेज या अपर स्टेज) ऑर्बिट की दो बार परिक्रमा करेंगे। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि अंतरिक्ष यान के सभी सिस्टम काम कर रहे हैं। पहला ऑर्बिट अंतरिक्ष यान को ग्रह से 2,900 दूर तक ले जाएगा और दूसरी ऑर्बिट अंतरिक्ष यान को 74,000 किलोमीटर दूर तक ले जाएगा।
गुरुत्वाकर्षण ओरियन को स्वाभाविक रूप से वापस खींच लेगा
अंतरिक्ष यात्री चंद्रमा के पिछले हिस्से में लगभग 10,300 किलोमीटर दूर तक जाएंगे। वहां से वो पृथ्वी और चंद्रमा दोनों को देख सकेंगे। चंद्रमा उनके करीब होगा और पृथ्वी लगभग 4,00,000 किलोमीटर से अधिक दूर होगी। लूनर फ्री रिटर्न ट्राजेक्ट्री के कारण ओरियन को अपनी वापस यात्रा पर किसी भी तरह के प्रोपल्शन की जरूरत नहीं होगी। ये पृथ्वी-चंद्रमा गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र का लाभ उठाएगा और ये गुरुत्वाकर्षण इसे स्वाभाविक रूप से वापस खींच लेगा।
क्या है SLS और ओरियन?
आर्टेमिस मिशन के लिये नासा के जिस रॉकेट को चुना गया है, उसे स्पेस लॉन्च सिस्टम (SLS) कहा जाता है। यही रॉकेट ओरियन अंतरिक्ष यान में सवार अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी से चंद्रमा की कक्षा में ले जाएगा। ओरियन अंतरिक्ष यान में सवार अंतरिक्ष यात्री चंद्रमा के चारों ओर रहने, काम करने और चंद्रमा की सतह पर अभियान करने में सक्षम होंगे। ओरियन अंतरिक्ष यान चंद्रमा की कक्षा के चारों ओर चक्कर लगाने वाला एक छोटा यान है।
नासा के आर्टेमिस की तरह ही चांद से जुड़े परीक्षणों के लिए भारत का चंद्रयान मिशन
नासा के आर्टेमिस मिशन के अनुभवों का उपयोग मंगल पर अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने के लिये किया जाएगा। अमेरिका के नासा की तरह ही चंद्रमा से जुड़े अभियानों के लिए भारत की अंतरिक्ष एजेंसी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का चंद्रयान मिशन है। ISRO के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने हाल ही में कहा कि 2023 के मध्य तक भारत का तीसरा चंद्र अभियान चंद्रयान 3 लॉन्च हो सकता है। इससे पहले चंद्रयान-2 मिशन फेल हो गया था।