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2020 में 57 प्रतिशत भारतीय कंपनियों ने किया डाटा लॉस और डाउनटाइम का सामना

2020 में 57 प्रतिशत भारतीय कंपनियों ने किया डाटा लॉस और डाउनटाइम का सामना

Apr 06, 2021
07:30 am

क्या है खबर?

साल 2020 में अचानक दुनियाभर में आई कोरोना वायरस महामारी के चलते कई कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को 'वर्क फ्रॉम होम' का विकल्प दिया। बेशक कंपनियों को रिमोट वर्क सेटअप तैयार करना पड़ा हो, लेकिन वे इसके लिए तैयार नहीं थीं। अपने रिमोट वर्कस्पेस और सिस्टम को सुरक्षित बनाने के लिए कंपनियों ने बड़ा निवेश किया और कई तरीके अपनाए हैं। नई रिपोर्ट की मानें तो इसके बावजूद आधे से ज्यादा भारतीय कंपनियों को डाउनटाइम का सामना करना पड़ा।

रिपोर्ट

सामने आई साइबर प्रोटेक्शन वीक सर्वे की रिपोर्ट

एक्रोनिस की ओर से सेकेंड एनुअल साइबर प्रोटेक्शन वीक सर्वे में जुटाया गया डाटा शेयर किया गया है। इसमें सामने आया है कि भारत की 70 प्रतिशत कंपनियों ने करीब 10 सिक्योरिटी सॉल्यूशंस अपने डाटा प्रोटेक्शन और साइबर सिक्योरिटी से जुड़ी जरूरतों के लिए आजमाए। वहीं, बाकी 30 प्रतिशत कंपनियों ने 10 से ज्यादा सॉल्यूशंस इस्तेमाल किए। इसके बावजूद 57 प्रतिशत ऑर्गनाइजेशंस को पिछले साल डाटा लॉस की वजह से डाउनटाइम का सामना करना पड़ा है।

सर्वे

22 देशों के हजारों यूजर्स का डाटा शामिल

सर्वे में इस बात पर जोर दिया गया है कि डाटा प्रोटक्शन के लिए कंपनियों की ओर से की गईं कोशिशें काफी नहीं हैं। सामने आया डाटा एक्रोनिस के एनुअल सर्वे पर आधारित है, जिसके लिए छह महाद्वीपों के 22 देशों से डाटा जुटाया गया है। इस सर्वे में 4,400 IT यूजर्स का डाटा शामिल किया गया है। इसका मकसद एंड-यूजर्स और IT प्रोफेशनल्स के बीच डाटा सुरक्षा से जुड़ी जागरूकता फैलाना है।

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बयान

जरूरी प्रोटेक्शन नहीं दे पा रहे हैं मौजूदा सॉल्यूशंस

एक्रोनिस के साउथ एशिया जनरल मैनेजर रुस्तम हीरामानेक ने रिपोर्ट में कहा, "इस साल की साइबर प्रोटेक्शन वीक सर्वे रिपोर्ट से साफ पता चलता है कि ज्यादा सॉल्यूशंस का इस्तेमाल करने से बेहतर प्रोटेक्शन मिलता है, ऐसा नहीं है।" उन्होंने कहा कि अलग-अलग टूल्स इस्तेमाल करने का मतलब है कि डाटा एक्सपोजर की वजह समझना भी मुश्किल और ज्यादा महंगा हो सकता है। इससे सामने आया है कि साइबर प्रोटेक्शन के बेहतर तरीके इस्तेमाल करने की जरूरत है।

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डाटा

IT प्रोफेशनल्स को नहीं है जानकारी

सर्वे से सामने आए डाटा में कहा गया है कि करीब 35 प्रतिशत IT यूजर्स और 11 प्रतिशत IT प्रोफेशनल्स को पता ही नहीं चला कि उनके डाटा में किसी तरह का बदलाव किया गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि उनके सॉल्यूशंस इस तरह की दिक्कतें डिटेक्ट करने में मदद नहीं करते। सर्वे में कहा गया है कि 10 प्रतिशत IT यूजर्स को उनके एंटी-मालवेयर सॉल्यूशन की क्षमताओं के बारे में पता नहीं है।

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