आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से हो सकते हैं ये बड़े खतरे, उठने लगी रोक की मांग
क्या है खबर?
ChatGPT और इस पर आधारित अन्य टूल्स की शुरुआत टेक्नोलॉजी जगत के लिए बड़े बदलाव की गवाह है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) बुनियादी इनपुट को समझती है और उसका जवाब देती है। AI सोच भी सकती है और सूचनाओं के विभिन्न सेट भी जनरेट कर सकती है। यह समस्याओं के समाधान दे सकती है और यही क्षमता इसे शक्तिशाली बनाती हैं।
इसके संभावित खतरे लोगों को चिंतित कर रहे हैं।
आइये उन पर नजर डालते हैं।
खतरे
AI के विकास को रोकने की मांग
फ्यूचर ऑफ लाइफ इंस्टीट्यूट ने हाल ही में सभी AI गतिविधियों को रोकने के लिए एक ओपन लेटर जारी किया है।
इसमें कहा गया है कि जब तक एक बेहतर फ्रेमवर्क नहीं तैयार हो जाता, तब तक AI का विकास रोक दिया जाना चाहिए।
इस लेटर पर एलन मस्क, ऐपल के को-फाउंडर स्टीव वोज्नियाक, ट्यूरिंग पुरस्कार विजेता AI पायनियर योशुआ बेंगियो सहित कई लोगों ने साइन किए हैं।
दूसरी तरफ बिल गेट्स ChatGPT जैसे चैटबॉट्स के समर्थन में है।
खतरा
फेक न्यूज और गलत सूचनाओं की भरमार की आशंका
कंटेंट जनरेट करने की क्षमता से लैस AI चैटबॉट बहुत कम समय में बड़ी मात्रा में टेक्स्ट को मथने में सक्षम हैं।
AI की यह क्षमता मनुष्यों की क्षमता से कई गुना आगे है और इसके चलते फेक न्यूज और गलत सूचनाओं से जूझ रही दुनिया के लिए खतरा और बढ़ सकता है।
गलत कार्य करने वाले लोग इसके जरिए इंटरनेट पर गलत सूचनाओं की भरमार कर सकते हैं और इसमें सही जानकारी दब सकती है।
क्षमता
तैयार किए जा सकते हैं भ्रामक फोटो और वीडियो
AI मॉडल इनपुट के आधार पर तस्वीरें और वीडियो तैयार करने में भी सक्षम हैं। हालांकि, अभी ये टूल्स अपने शुरुआती अवस्था में हैं, लेकिन जल्द ही ये तैयार हो सकते हैं। इससे गलत सूचना के साथ ही नकली फोटो और वीडियो भी बनाया जा सकेगा।
अभी बिना AI के ही कई घटनाओं को तोड़-मरोड़ कर सोशल मीडिया पर एजेंडा चलाया जाता है, जिससे सामाजिक तनाव बढ़ता है। AI के जरिए तो और तेजी से ये काम हो सकता है।
बेरोजगारी
बड़े पैमाने पर छीन सकता है लोगों की नौकरियां
AI टूल्स के जरिए विश्वभर में नौकरियों में बड़े पैमाने पर छंटनी की आशंका जताई जा रही है।
ChatGPT को बनाने वाली कंपनी OpenAI के CEO सैम ऑल्टमैन ने खुद इसके जरिए नौकरी जाने का डर जाहिर किया है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक ये राइटर, प्रूफ रीडर, ट्रांसलेटर, कस्टमर सर्विस आदि से जुड़े कई क्षेत्रों की नौकरियों की जगह ले सकता है।
गोल्डमैन सेश की एक रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक स्तर पर AI लगभग 70 प्रतिशत नौकरियों की जगह लेगा।
प्राइवेसी
प्राइवेसी को लेकर बढ़ सकती है चिंता
अभी तक AI से जुड़ी जितनी चिंताओं पर बात की गई है, उनमें सबसे कम चिंता प्राइवेसी को लेकर है। अब इटली में ChatGPT पर बैन लगाए जाने के बाद इससे प्राइवेसी से जुड़ी चिंताएं भी सामने आई हैं।
दरअसल, AI टूल्स के पास यूजर्स का डाटा होता है और यह इन भारी मात्रा में एकत्र डाटा को प्रोसेस कर यूजर्स की प्रोफाइल बना सकता है। इसके जरिए यूजर्स को खरीदारी करने कि लिए राजी करने की काफी संभावना है।
युद्ध
सैन्य सुरक्षा से जुड़े खतरे
ड्रोन और मिसाइल सहित कई सैन्य उपकरण और सिस्टम AI द्वारा संचालित हैं।
हालांकि, सैन्य क्षेत्र में AI के उपयोग और उसकी क्षमता को बहुत सीमित करके इस्तेमाल किया जाता है। इसको दिए गए आदेशों को बायपास करने की अनुमति नहीं है, लेकिन यदि इसकी क्षमता को बढ़ा दिया जाए कि ये मानव इनपुट के बिना जीवन और मृत्यु की स्थितियों से जुड़े फैसले ले सके तो बड़ी समस्या पैदा कर सकता है और बड़े युद्ध हो सकते हैं।
सेफ्टी
साइबर सुरक्षा में AI की क्षमता को लेकर खतरा
ब्रिटेन सरकार ने 2020 में साइबर सुरक्षा में AI की जरूरत पर एक रिपोर्ट जारी की। इसमें साइबर सुरक्षा में खतरों का पता लगाने और उन्हें कम करने के लिए मनुष्यों की क्षमता से अधिक स्पीड में काम करने की जरूरत महसूस की गई।
AI मानव सुरक्षा को ऑनलाइन कंट्रोल करता है और तय करता है कि क्या खतरा है और क्या नहीं है, लेकिन यहां भी समस्या इसकी क्षमता तय करने को लेकर है।