आपकी क्रिप्टो प्राइवेट कीज का पता लगा सकती है प्रिडिक्टिव टाइपिंग, तुरंत करें ऑफ
क्या है खबर?
स्मार्टफोन्स में टाइपिंग करते वक्त प्रिडिक्टिव टाइपिंग फीचर से यूजर्स का काम आसान हो जाता है और कीबोर्ड शब्द याद रखता है।
हालांकि, यह फीचर क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट की प्राइवेट कीज पता लगा सकता है और इसके चलते साइबर हमले का खतरा बना रहता है।
टिन नाम के एक रेडिट यूजर ने बताया है कि किस तरह प्रिडिक्टिव टाइपिंग फीचर के साथ आप क्रिप्टो वॉलेट का ऐक्सेस गंवा सकते हैं। यूजर्स को यह फीचर ऑफ करने की सलाह दी गई है।
वजह
इसलिए खतरनाक हो सकती है प्रिडिक्टिव टाइपिंग
क्रिप्टो वॉलेट में यूजर्स अपने वर्चुअल कॉइन्स और नॉन-फंजिबल टोकन्स (NFTs) स्टोर कर सकते हैं।
फोन पर ऑनलाइन वॉलेट क्रिएट करते वक्त यूजर्स को पूरी सीड री-एंटर करनी होती है, जो क्रिप्टो वॉलेट के पासवर्ड जैसा होता है।
अगर फोन में प्रिडिक्टिव टाइपिंग इनेबल है, तो कीबोर्ड वह शब्द याद रखेगा और उसके बाद के शब्द से जुड़े सुझाव देगा।
खासकर अगर आपने किसी बिल्कुल नए शब्द को अपनी प्राइवेट की बनाया है, तो फीचर उसे जरूर याद रखेगा।
खतरा
साइबर अपराधियों का काम होगा आसान
टेक्स्ट प्रिडिक्शन की मदद से साइबर अपराधियों के लिए अटैक करना और क्रिप्टो वॉलेट चोरी करना आसान हो जाएगा।
यूजर ने लिखा, "एक बार फोन का ऐक्सेस मिलने के बाद अटैकर्स चैट ऐप में जाने के बाद BIP39 लिस्ट का कोई भी शब्द टाइप करेगा और सुझाव में प्राइवेट की अपने आप दिख जाएगी।"
बता दें, BIP39 ऐसे आसान शब्दों का ग्रुप होता है, जिसके साथ प्राइवेट कीज याद रखना आसान हो जाता है।
सलाह
अपना प्रिडिक्टिव चैट कैश कर सकते हैं क्लियर
प्रिडिक्टिव टेक्स्ट के साथ क्रिप्टो वॉलेट्स का ऐक्सेस हैकर्स को ना मिले, इसके लिए प्रिडिक्टिव टाइप कैश क्लियर करना चाहिए।
अगर आप एंड्रॉयड फोन में प्रिडिक्टिव टाइप कैश क्लियर करना चाहते हैं तो फोन की सेटिंग्स में जाने के बाद सिस्टम में जाएं।
यहां 'लैंग्वेज एंड इनपुट' ऑप्शन में जाने के बाद कीबोर्ड (Gboard) सेटेक्ट करें।
कीबोर्ड की एडवांस्ड सेटिंग्स में जाने के बाद आपको 'डिलीट लर्न्ड वर्ड्स एंड डाटा' विकल्प मिल जाएगा।
जानकारी
आईफोन में ऐसे बदलें सेटिंग्स
आईफोन सेटिंग्स में जाने के बाद 'जनरल' सेटिंग्स का चुनाव करें। इसके बाद आपको 'रीसेट' सेक्शन में जाना होगा। आखिर में 'रीसेट कीबोर्ड डिक्शनरी' पर टैप करने के बाद पासवर्ड एंटर करना होगा और कैश क्लियर हो जाएगा।
चिंता
क्रिप्टोकरेंसी स्कैम्स भी पहले के मुकाबले बढ़े
वर्चुअल इकोनॉमी और क्रिप्टोकरेंसी के चर्चा में आते ही इनसे जुड़े स्कैम्स और हैकिंग के मामले भी बढ़ गए हैं।
क्रिप्टोकरेंसी सुरक्षित रखने के लिए इस्तेमाल होने वाले ढेरों क्रिप्टो वॉलेट्स के मालिशियस ऐप होने का पता चला है।
दर्जनों खतरनाक ऐप्स क्रिप्टो वॉलेट्स बनकर स्मार्टफोन यूजर्स के फंड्स चुरा रही हैं।
एंड्रॉयड और iOS दोनों प्लेटफॉर्म्स पर मौजूद ये ऐप्स लोकप्रिय क्रिप्टो वॉलेट्स का नाम इस्तेमाल कर रही हैं।
न्यूजबाइट्स प्लस
क्रिप्टो एक्सचेंज और ट्रेडिंग में आई गिरावट
हालिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि ज्यादातर बड़े क्रिप्टो एक्सचेंज प्लेटफॉर्म्स ने भारत में क्रिप्टो रेग्युलेशंस के बाद ट्रेडिंग में गिरावट दर्ज की है।
जेबपे, वजीर-X और जियोटस जैसे इन प्लेटफॉर्म्स में मिलने वाले पेमेंट के तरीकों में भी बदलाव देखने को मिले हैं।
मनीकंट्रोल के मुताबिक, मोबिक्विक अकेला वॉलेट था, जिसकी मदद से यूजर्स कई प्लेटफॉर्म्स पर क्रिप्टो खरीद पा रहे थे, लेकिन अप्रैल की शुरुआत से यह विकल्प भी अब उपलब्ध नहीं है।