आसान ट्रिक से बनाया जा सकता है आपके व्हाट्सऐप नंबर का क्लोन, सिम-स्वैप से रहें बचकर
साइबर अपराधी व्हाट्सऐप का इस्तेमाल करने वालों को एक नई ट्रिक की मदद से निशाना बना रहे हैं। इस ट्रिक में अटैकर्स सिम-स्वैपिंक टेक्निक की मदद से विक्टिम के व्हाट्सऐप नंबर का क्लोन तैयार कर लेते हैं, जिसका इस्तेमाल बाद में बैंक अकाउंट्स खाली करने के लिए किया जाता है। मेटा की ओनरशिप वाली ऐप की लोकप्रियता के चलते लाखों यूजर्स इस तरह के स्कैम का शिकार बन सकते हैं और इस खतरे से बचकर रहना बेहद जरूरी है।
120 प्रतिशत बढ़ गए हैं व्हाट्सऐप से जुड़े स्कैम
व्हाट्सऐप यूजर्स पर हमेशा अलग-अलग तरह के स्कैम्स और अटैक्स का खतरा बना रहता है और जरा सी लापरवाही इनका शिकार बना सकती है। साइबर सिक्योरिटी फर्म कैस्परस्काई की रिपोर्ट में कहा गया है कि व्हाट्सऐप पर होने वाले फिशिंग और रैंसमवेयर अटैक्स पहले के मुकाबले 120 प्रतिशत बढ़ गए हैं। साइबर अपराधी व्हाट्सऐप नंबर क्लोन तैयार करने की कोशिश भी यूजर्स को नुकसान पहुंचाने और सीधे तौर पर नुकसान पहुंचाने के लिए कर रहे हैं।
कैसे काम करती है सिम-स्वैपिंग टेक्निक?
सिम-स्वैपिंग टेक्निक के साथ स्कैमर्स की कोशिश व्हाट्सऐप नंबर की एक कॉपी तैयार करने की होती है। एक बार सिम कार्ड की क्लोन कॉपी तैयार करने के बाद स्कैमर सभी कॉन्टैक्ट्स, पासवर्ड्स और बैंक अकाउंट डीटेल्स ऐक्सेस कर सकता है। ज्यादातर यूजर्स अपनी पर्सनल जानकारी अनजाने में खुद ही शेयर कर देते हैं, जिसका फायदा अटैकर्स को मिलता है। सिम-स्वैप या फिर मोबाइल नंबर की क्लोनिंग इस जानकारी के साथ मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी (MNP) की तरह की जा सकती है।
बंद हो जाता है असली मोबाइल नंबर
जिस जानकारी के साथ कोई मोबाइल नंबर रजिस्टर्ड होता है, साइबर अपराधी उसी नंबर का इस्तेमाल इसका क्लोन तैयार करने के लिए करते हैं। इस दौरान विक्टिम का मोबाइल नंबर कुछ वक्त के लिए बंद हो जाता है और उसकी कॉपी तैयार हो जाती है। कॉपी तैयार होने का मतलब है कि विक्टिम का कॉन्टैक्ट नंबर अटैकर भी इस्तेमाल कर सकता है और इसपर आने वाले वन टाइम पासवर्ड्स (OTPs) भी उसे मिलने लगते हैं।
कई तरह से नुकसान पहुंचा सकते हैं अटैकर्स
एक बार व्हाट्सऐप नंबर की कॉपी तैयार होने के बाद अटैकर्स के पास फेक सिम कार्ड होता है। इस तरह वे दूसरा व्हाट्सऐप अकाउंट बनाकर आपके दोस्तों या रिश्तेदारों से आपका नाम इस्तेमाल करते हुए पैसे मांग सकते हैं। बैकिंग जानकारी उपलब्ध होने पर वे अकाउंट खाली कर सकते हैं और इसके लिए फोन नंबर पर आने वाले OTP की मदद ले सकते हैं। साइबर अपराधियों के पास कई तरीके होते हैं, जिससे वे स्थिति का फायदा उठा सकें।
क्या है खुद को बचाने का तरीका?
मेसेजिंग ऐप पर टू-स्टेप ऑथेंटिकेशन सेटअप करना सबसे जरूरी है और ऐसा ऐप की सिक्योरिटी सेटिंग्स में जाकर किया जा सकता है। इसके अलावा किसी भी संदिग्ध लिंक पर क्लिक ना करने की सलाह यूजर्स को दी जाती है क्योंकि ऐसी टेक्निक का इस्तेमाल साइबर अपराधी डाटा चोरी के लिए करते हैं। आखिरी और सबसे जरूरी बात अपना सेंसिटिव डाटा किसी के साथ शेयर ना करना है। अपनी पर्सनल जानकारी किसी के साथ शेयर ना करें।
न्यूजबाइट्स प्लस
व्हाट्सऐप दुनिया की सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाली मेसेजिंग ऐप है। अकेले भारत में ही इसके 48.7 करोड़ यूजर्स (अक्टूबर, 2021) हैं, जो इसका सबसे बड़ा मार्केट है। ब्राजील लिस्ट में दूसरा नाम है, जहां व्हाट्सऐप यूजर्स की संख्या 11.8 करोड़ है।