ChatGPT से डरे हुए हैं CEO सैम ऑल्टमैन, नौकरियां जाने की जताई आशंका
ChatGPT इस समय आर्टिफिशियल इंटेलिटेंस (AI) की दुनिया सबसे ज्यादा चर्चा में है। इसके लोकप्रिय होने के साथ ही कई लोग इस बात की चिंता भी जाहिर करते रहे हैं कि ये आने वाले समय में कई लोगों की नौकरी खा लेगा। अब इसे बनाने वाली कंपनी OpenAI के CEO सैम ऑल्टमैन ने कहा कि वह अपने ChatGPT के निर्माण से "थोड़ा डरे हुए" हैं। उन्होंने चेतावनी भी दी कि ये कई नौकरियों को "समाप्त" कर सकता है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से दूर नहीं रह सकती दुनिया - सैम ऑल्टमैन
ACB न्यूज के एक इंटरव्यू में ऑल्टमैन ने कहा कि लोगों को खुश होना चाहिए कि कंपनी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की क्षमता से थोड़ा डरी हुई है। उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कई नौकरियों की जगह ले सकती है, लेकिन यह बहुत बेहतर भी हो सकती है। ऑल्टमैन ने पिछले महीने ट्वीट कर चेतावनी दी थी कि दुनिया "संभावित रूप से डरावनी" आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से दूर नहीं रह सकती है।
नियामकों और समाज को ChatGPT के रोलआउट में शामिल होना चाहिए - ऑल्टमैन
37 वर्षीय सैम ऑल्टमैन ने बताया कि वह सरकारी अधिकारियों के साथ नियमित संपर्क में हैं और उन्होंने यह भी कहा कि नियामकों और समाज को ChatGPT के रोलआउट में शामिल होना चाहिए। इससे मिलने वाला फीडबैक इसके व्यापक उपयोग के किसी भी नकारात्मक परिणामों को रोकने में मदद कर सकता है। OpenAI ने हाल ही में अपना नया ChatGPT मॉडल GPT-4 पेश किया। ऑल्टमैन ने इसे पुराने मॉडल की तुलना में कम पक्षपाती और अधिक रचनात्मक बताया।
इमेज इनपुट में सक्षम है GPT-4
GPT-4 फिलहाल उन्हीं यूजर्स के लिए उपलब्ध है, जो इसका प्लस सब्सक्रिप्शन लेते हैं। GPT-4 इमेज इनपुट को भी प्रोसेस करने में सक्षम है। इसे इसके पुराने मॉडल GPT-3.5 की तुलना में ज्यादा सटीक जानकारी देने वाला और यूजर्स के साथ लंबी बातचीत करने में सक्षम बताया गया है। ऑल्टमैन ने कहा कि GPT-4 वकीलों के लिए बार परीक्षा पास कर सकता है और "कई परीक्षाओं में 5 स्कोर" पाने में सक्षम है।
कई कंपनियां और टेक जगत की हस्तियां जनरेटिव AI पर कर रही हैं काम
ChatGPT जनरेटिव AI पर आधारित चैटबॉट है। ये अपने विशाल डाटा बेस और यूजर्स के इनपुट से ट्रेंड होता है। इसी ट्रेनिंग के आधार पर ये दिए गए इनपुट से जुड़ी जानकारी टेक्स्ट फॉर्मेट में देता है। ChatGPT को बनाने वाली कंपनी OpenAI में माइक्रोसॉफ्ट ने निवेश किया है। इसके अलावा गूगल बार्ड, बायडू एर्नी बॉट जैसे AI चैटबॉट भी हैं। मार्क जुकरबर्ग और एलन मस्क जैसे दिग्गज भी जनरेटिव AI और इसके लैंग्वेज मॉडल पर काम कर रहे हैं।