ChatGPT की 5 बड़ी कमियां, इन मामलों में इंसानों से पीछे है यह AI चैटबॉट
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) जब से चर्चा में आई है, तब से इस बात को लेकर बहस जारी है कि यह इंसानों की जगह ले पाएगी या नहीं। बाद में जब OpenAI का लैग्वेज जेनरेशन मॉडल ChatGPT आया, तब ये बहस एक बार फिर बड़े स्तर पर शुरू हो गई है। ChatGPT निबंध, कहानी, कविता, कोडिंग सहित कई काम करने में सक्षम है, लेकिन क्या यह अपने काम में इतना अच्छा है कि यह इंसानों की जरुरतों को पूरा कर सके?
AI की कमियां
AI चैटबॉट में इंसानी दखल की जरूरत रहेगी या फिर आंशिक तौर पर रहेगी, इन बहसों में सबसे जरूरी इसकी कमियों का पता लगाना है। हम ऐसी ही 5 कमियों का जिक्र यहां कर रहे हैं जो बताती हैं कि AI और इंसान में अभी कितना अंतर है। सर्च इंजन जर्नल की एक रिपोर्ट में विशेषज्ञों के साथ कई स्टडी और इंटरव्यू को मिलाकर उन ChatGPT के कमजोर पहलुओं पर बात की गई।
मुहावरों को समझने और उनके इस्तेमाल में कमजोर है ChatGPT
इंसान अपने लेखों में जहां मुहावरों के जरिए बड़ी और गहरी बातों को कुछ लाइनों में व्यक्त कर देता है वहीं ChatGPT मुहावरों के उपयोग के मामले में लड़खड़ा जाता है। एक शोध पत्र के अनुसार, किसी कंटेंट में मुहावरों की कमी ये बता सकती है कि उस कंटेंट को किसी इंसान ने लिखा है या फिर उसे AI द्वारा तैयार किया गया है। मुहावरों का इस्तेमाल वर्तमान जनरेटिव मॉडल की क्षमता का पता लगाने के लिए सबसे सही है।
अभिव्यक्ति की कमी
ChatGPT में एक और कमी ये है कि इसमें चीजों का अनुभव करने की क्षमता नहीं है और परिणामस्वरूप यह अनुभव को व्यक्त भी नहीं कर सकता है। इसका पूरा अनुभव सिर्फ उस डाटा से आता है, जो इसे दिया जाता है। दूसरी तरफ किसी भी तरह का ओरिजनल कंटेंट बिना किसी अनुभव के मुश्किल हो सकता है। ये सिर्फ उतनी ही जानकारी दे सकता है जितना इसको ट्रेंड किया गया है और जितना इसे डाटा दिया गया है।
खुद की समझ नहीं होना
एक रिपोर्ट के मुताबिक, एक विश्वविद्यालय में छात्रों ने ChatGPT की मदद से निबंध लिखा और प्रोफेसरों ने पकड़ लिया। प्रोफेसरों ने देखा कि निबंध इस तरह से लिखे गए थे, जैसे उस विषय के किसी जानकार ने लिखा हो, लेकिन उन लेखों में इनसाइट की कमी थी। नतीजन निबंध सतही और टुकड़ों में लिखे गए प्रतीत हो रहे थे। प्रोफेसरों ने कहा कि AI की मदद से लिखे गए निबंधों को पकड़ना मुश्किल है, लेकिन असंभव नहीं है।
सीधे तौर पर उत्तर देने में सक्षम नहीं है AI
इंसान जब किसी सवाल का जवाब देते हैं तो वो सीधे तौर पर उत्तर देते हैं, लेकिन ChatGPT प्रत्यक्ष तौर पर उत्तर देने में सक्षम नहीं है। इस कमी को OpenAI ने स्वयं स्वीकार किया है। एक पेपर में प्रकाशित किया गया है कि ChatGPT प्रश्नों का उत्तर देने में सक्षम है, लेकिन जब वो सवाल या टॉपिक थोड़ा कठिन या फिर विशेष हो तो ये सीधे तौर पर उसका उत्तर नहीं दे पाता है।
AI के लिखे गए उत्तरों को लोगों ने नहीं किया पसंद
रिसर्च के लिए प्रश्नों और उत्तरों का एक सेट लिया गया। इसमें एक सेट मानव लिखित उत्तरों का और दूसरा AI द्वारा लिखे गए उत्तर थे। लोगों को बिना बताए दोनों ही तरह के उत्तर पढ़ने के लिए दिए। ज्यादातर लोगों ने इंसानों द्वारा लिखे उत्तरों को पसंद किया। इसका नतीजा ये निकला कि लोगों को मानव लिखित उत्तर इसलिए पसंद आए क्योंकि मानव सीधे उत्तर पाना पसंद करते हैं, जबकि AI सीधे उत्तर देने में सक्षम नहीं दिखा।
तथ्यों को गढ़ता है ChatGPT
ChatGPT मानव विशेषज्ञों के कितने करीब है? इस शीर्षक से पाए गए एक शोध से पता चलता है कि किसी क्षेत्र विशेष के पेशेवर ज्ञान से जुड़े प्रश्नों का उत्तर देते समय ChatGPT कभी-कभी तथ्यों को गढ़ता है। दरअसल ChatGPT की जानकारी सीमित है और इस बात को लेकर OpenAI ने खुद चेतावनी दी थी कि 2021 के बाद के घटनाक्रमों पर इसकी जानकारी सीमित है। मतलब साफ है कि डाटा के लिए भी ये इंसानों पर निर्भर है।