लॉन्च हुआ दुनिया का "सबसे सुरक्षित" एंड्रॉयड स्मार्टफोन
जर्मन कंपनी नाइट्रोकी की ओर से "दुनिया का सबसे सुरक्षित" एंड्रॉयड स्मार्टफोन लॉन्च करने का दावा किया गया है। कंपनी ने नाइट्रोफोन 1 स्मार्टफोन लॉन्च किया है, जिसमें बेहतर हाईवेयर के साथ यूजर्स को सिक्योरिटी और प्राइवेसी दी जाएगी। खास बात यह है कि डिवाइस गूगल पिक्सल 4a पर बेस्ड है और इसमें ग्राफीनOS ऑपरेटिंग सिस्टम दिया गया है। इस ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ गूगल का प्रोडक्ट सबसे सुरक्षित एंड्रॉयज फोन में बदल गया है।
इन यूजर्स के लिए आया नया स्मार्टफोन
नाइट्रोकी नया स्मार्टफोन उन यूजर्स के लिए लेकर आई है, जिनके लिए उनका पर्सनल डाटा सुरक्षित रखना महत्वपूर्ण है। इसके अलावा जिन यूजर्स को जासूसी का डर है, वे भी ऐसा स्मार्टफोन इस्तेमाल करना चाहेंगे। कंपनी की वेबसाइट पर पूर्व CIA ऑफिसर एडवर्ड स्नोडेन के हवाले से कहा गया है, "अगर आज मैं एक स्मार्टफोन सेटअप करूं तो डेनियल मकाय के ग्राफीनOS को बेस ऑपरेटिंग सिस्टम चाहूंगा।" फोन के एंड-टू-एंड एनक्रिप्टेड बैकअप USB या क्लाउड पर सेव किए जा सकेंगे।
पिक्सल 4a जैसे हैं स्मार्टफोन के स्पेसिफिकेशंस
नाइट्रोफोन 1 के स्पेसिफिकेशंस पिक्सल 4a जैसे ही हैं। डिवाइस में 5.81 इंच का फुल HD+ डिस्प्ले जिया गया है और 12.2MP का प्राइमरी कैमरा मिलता है। यह स्मार्टफोन क्वालकॉम स्नैपड्रैगन 730G प्रोसेसर के साथ आता है और इसमें 6GB रैम के साथ 128GB इंटरनल स्टोरेज दिया गया है। इस डिवाइस को कंपनी की वेबसाइट से ऑर्डर किया जा सकता है और इसकी कीमत 630 यूरो (करीब 54,650 रुपये) रखी गई है।
किस तरह की सुरक्षा देता है ग्राफीनOS?
नए डिवाइस में फिजिकल टेंपर प्रोटेक्शन एनक्रिप्शन और टाइटन-M सिक्योरिटी चिप के साथ मिलता है। इस चिप के साथ डिवाइस के साथ छेड़छाड़ कर इसमें स्टोर डाटा चोरी नहीं किया जा सकता। इसके अलावा फोन में ऑटोमैटिक किल स्विच दिया गया है, जो तय वक्त तक इनऐक्टिव रखने के बाद डिवाइस शटडाउन कर देता है। डिवाइस में पिन लेआउट स्क्रैम्बलिंग फीचर भी दिया गया है, जिससे पब्लिक प्लेस में पिन एंटर करना सुरक्षित हो।
स्पाईवेयर अटैक्स से भी मिलेगी सुरक्षा
नाइट्रोफोन में सभी ऐप्स सैंडबॉक्स हैं, जिससे उन्हें मालवेयर और स्पाईवेयर इंजेक्शन से बचाया जा सके। डिवाइस में हार्डेन्ड ब्राउजर, वेबव्यू और PDF व्यूअर दिया गया है और इसे सबसे पहले सिक्योरिटी अपडेट्स भी दिए जाएंगे। इस डिवाइस में कोई गूगल ऐप और गूगल प्ले सपोर्ट नहीं दिया गया है, यानी कि सर्च इंजन कंपनी भी डिवाइस को ट्रैक नहीं कर पाएगी। ऐप्स इस डिवाइस का IMEI नंबर और सीरियल नंबर भी ऐक्सेस नहीं कर सकेंगी।
निकाले जा सकेंगे डिवाइस के माइक्रोफोन
नाइट्रोफोन खरीदने वाले यूजर्स को स्मार्टफोन के माइक्रोफोन निकलवाने का विकल्प भी मिलेगा। यानी कि हर बार डिवाइस से सी को कॉल करने या ऑडियो रिकॉर्डिंग के लिए एक्सटर्नल हेडसेट कनेक्ट करना होगा। इस तरह माइक्रोफोन की मदद से जासूसी का खतरा पूरी तरह टल जाएगा और कोई ऐप छुपकर यूजर की बातें नहीं सुन सकेगी। नाइट्रोफोन 1 में कोई भी ब्लॉटवेयर नहीं मिलेगा और केवल जरूरी डिफॉल्ट ऐप्स ही मिलेंगी।